शिलांग हिल स्टेशन: बादलों के साथ सैर

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आइए बादलों के साथ सैर करें। जी हां, बादलों के साथ सैर-सपाटा निश्चय ही रोम-रोम को झंकृत कर देगा। ‘शिलांग हिल स्टेशन” निश्चय ही आपको बादलों के साथ मौज-मस्ती करने का भरपूर मौका देगा। कहीं आप बादलों को अपनी आगोश में पायेंगे तो कभी आप बादलों की आगोश में होंगे। आशय यह कि हर पल हर क्षण रोमांच महसूस करेंगे। शिलांग भले ही एक छोटा शहर है लेकिन प्रकृति का एक सुखद एहसास है।

समुद्र तल से करीब 1500 मीटर शीर्ष पर बसा यह शहर शीतल एवं बेहद शांत है। ‘शिलांग हिल स्टेशन” समुद्र तल से करीब 1965 मीटर शीर्ष पर स्थित है। ‘शिलांग हिल स्टेशन” चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं से घिरा है। घाटियों-वादियों से आच्छादित हिल स्टेशन शांत जलवायु एवं बादलों की आवाजाही के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है। शिलांग उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है। प्राकृतिक सम्पदाओं का धनी शिलांग हमेशा से पर्यटकों का पसंदीदा रहा। पहाड़ियों, वादियों-घाटियों से घिरा ‘शिलांग हिल स्टेशन” घास की सुन्दर ओढ़नी ओढ़े दुल्हन सा प्रतीत होता है। झील-झरना उसकी सुन्दरता में एक नगीना सा जड़ते हैं।

‘शिलांग हिल स्टेशन” को पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। शिलांग का मौसम हमेशा सुहावना रहता है। खास तौर पर बारिश में तो शिलांग की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। ‘शिलांग हिल स्टेशन” के चौतरफा झरनों की जीवंतता देखते ही बनती है। ‘शिलांग हिल स्टेशन” खासी एवं जेन्तिया पहाड़ियों से घिरा है। शिलांग शहर छोटा होने के कारण पर्यटक पैदल आसानी से घूम सकते हैं। पर्यटक यहां एक अलग संस्कृति एवं सभ्यता का एहसास करेंगे। ‘शिलांग हिल स्टेशन” एवं उसके आसपास दर्शनीय स्थलों की एक लम्बी श्रंखला है। मसलन शिलांग पीक, उमियाम झील, बोटैनिकल गार्डेन, वार्ड का झील, हाथी झरना, ईगल फॉल्स, मावलीन्नॉग ग्राम, माफ्लैंग सेक्रेड फोरेस्ट आदि हैं।

शिलांग पीक: शिलांग पीक ‘शिलांग हिल स्टेशन” का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसकी ऊंचाई 1965 मीटर है। पीक से ‘शिलांग हिल स्टेशन” सहित शिलांग शहर व अन्य आसपास का विहंगम दृश्य नजर आता है। रात में शहर की लाइटिंग तारों सरीखी नजर आती हैं।

लेडी हैदरी पार्क : लेडी हैदरी पार्क फूलों का निराली एवं इन्द्रधनुषी छटा बिखेरने वाला एक खूबसूरत उद्यान है। फूलों की यह बगिया यहां का मुख्य आकर्षण है। पार्क में एक छोटा सा प्राणी उद्यान भी है। जिसमें नाना प्रकार के जीव जन्तु हैं। इतना ही नहीं तितलियों का एक सुन्दर संग्रहालय भी यहां है।

कैलांग रॉक: कैलांग रॉक मेरंग-नोखलों रोड पर ग्रेनाइट की एक सुन्दर चट्टान है। इसका आकार-प्रकार बेहद आकर्षक है। लगभग एक हजार व्यास फुट वाली यह चट्टान गुम्बदनुमा है।

वार्डस झील: वार्डस झील एक विकसित झील है। इसके चौतरफा वन क्षेत्र है। लिहाजा पर्यावरण का भरपूर आनन्द मिलता है। इलाका का यह एक सुन्दर एवं शानदार पिकनिक स्पॉट है।

मीठा झरना: मीठा झरना काफी ऊंचा एवं सीधा भूतल पर गिरने वाला झरना है। हैप्पी वैली में स्थित यह झरना पर्यटकों की पहली पसंद होता है। मानसून में तो खूबसूरती आैर भी निखर आती है।

चेरापूंजी: चेरापूंजी ‘शिलांग हिल स्टेशन” से करीब 60 किलोमीटर दूर एक सुन्दर एवं सुरम्य स्थान है। चेरापूंजी को खास तौर से मानसून के लिए जाना-पहचाना जाता है। इसके निकट ही नोहकालीकाई झरना भी है। यहां कई सुन्दर गुफाएं भी हैं जिसे पर्यटक देखने अवश्य जाते हैं।

उमियाम : उमियाम ‘शिलांग हिल स्टेशन” से करीब बीस किलोमीटर दूर एक जलक्रीड़ा स्थल है। उमियाम जल विद्युत परियोजना भी है। इस क्षेत्र में जलक्रीड़ा-वॉटर स्पोर्टस का आनन्द लिया जा सकता है।

एलिफैंट वाटर फॉल्स: एलिफैंट वाटर फॉल्स एक बहुत बड़ा झरना है। इसकी आवाज काफी दूर से सुनी जा सकती है। हालांकि पहाड़ी से काफी नीचे उतर कर इसका आनन्द लिया जा सकता है। दृश्यांकन की दृष्टि से इसे सर्वश्रेष्ठ झरना कहा जाता है।

मौसिनराम: मौसिनराम मनोरम पहाड़ियों के बीच एक प्राकृतिक गुफा है। गुफा के बीच में गौ थन आकार की शिला है। इसके नीचे बने शिवलिंग पर निरन्तर बंूद-बूंद जल गिरता रहता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे भगवान शिव का जलाभिषेक हो रहा हो। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह स्थान एक शक्तिपीठ बनने की सामथ्र्य रखता है।

जैकरम हाट सप्रिंग: जैकरम हाट सप्रिंग प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है। गंधक युक्त गर्म पानी का प्रवाह आैषधि के तौर पर कार्य करता है। चर्मरोगों के लिए यह आैषधि रामबाण मानी जाती है। आैषधि युक्त यह जल पाइप लाइन के जरिये स्नान गृह तक पहंुचाया गया है। यहां स्नान करने से थकान खत्म हो जाती है। पर्यटक खुद को ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं।

डॉन बोस्को संग्रहालय: संग्रहालय शिलांग सहित मेघालय की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराता है। यह संग्रहालय अत्याधुनिक है। प्रत्येक कक्ष में टच स्क्रीन है। जिससे पर्यटक अपेक्षित जानकारी हासिल कर सकते हैं। जनजातियों की जीवनशैली से लेकर देश की विभिन्न जीवनशैली का हर अंदाज देखने को मिलेगा।

महादेव खोला मंदिर: महादेव खोला मंदिर सुरम्य पहाड़ियों के बीच एक सुन्दर शिव मंदिर है। यह एक प्राचीन मंदिर है। यहां के विषय में असंख्य दंत कथाएं प्रचलित हैं। शिलांग के मारवाड़ी समाज के लिए यह मंदिर पवित्र स्थान होने के साथ ही श्रद्धा का मुख्य केन्द्र है। शिवरात्रि पर यहां भव्य-दिव्य मेला का आयोजन किया जाता है।

‘शिलांग हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए आवागमन के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट शिलांग है। ‘शिलांग हिल स्टेशन” से एयरपोर्ट की दूरी 40 किलोमीटर है। एयरपोर्ट उमरोई में स्थित है। कोलकाता एवं गुवाहाटी के लिए यहां से सीधे उड़ानें हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी में है। रेलवे स्टेशन ‘शिलांग हिल स्टेशन” से करीब 104 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से करीब तीन घंटे की यात्रा करनी होती है।