मैक्रोटेक डेवलॅपर्स (लोढ़ा) के आईपीओ में निवेश का मौका

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मुंबई में 1986 से शुरुआत कर यूके, अमेरिका, कनाडा, नीदरलैंड्स और माॅरिशस सहित कई मुल्कों में रिएल एस्टेट बिजनेस को फ़ैलाने वाला दिग्गज लोढ़ा ग्रुप प्रति शेयर 483-486 रु के मूल्य पर 5.14 करोड़ शेयरों के ज़रिए निवेशकों से 25 अरब रु जुटाने के लिए सात अप्रैल को अपना आईपीओ खोलेगा।

निवेशक न्यूनतम तीस शेयरों के लिए 14580 रु के भुगतान के साथ आवेदन कर सकेंगे। शेयरों को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट कराया जाएगा। भारतीय रिएल एस्टेट क्षेत्र में दो समूहों ने कारोबार और शोहरत के साथ-साथ गुडविल भी खूब कमाई। एक उत्तर भारत का डीएलएफ ग्रुप और पच्छिम का लोढ़ा। लेकिन राष्ट्रीय सरहदों को लांघते-फांदते सात समुंदर पार लंदन, कनाडा, नीदरलैंड्स माॅरिशस की ज़मीन पर पदछाप छोड़ते सबसे सरसब्ज, ताकतवर और आधुनिकता का पर्याय अमेरिका तक का सफर तय करने को आज का ‘भगीरथ प्रयास’ नाम देना संभवत: मुंबई के लोढ़ा ग्रुप की कुव्वत का उचित आकलन ठहराया जा सकता है।

मंगल प्रभात लोढ़ा मैक्रोटेक डेवलॅपर्स के मूल प्रमोटर हैं। 1955 में जोधपुर में जन्मे मंगल के पिता गुमान मल लोढ़ा गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। मंगल ने जोधपुर वि.वि.से बी.काॅम. एलएलबी. की और 1981 में मुंबई आकर 1986 में रिएल एस्टेट बिज़नेस में प्रवेश किया। लोढ़ा शुरू से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। बिज़नेस के साथ 1995 से लगातार पांच बार दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल्स क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे। वह मुंबई भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।

उन्होंने लोढ़ा डेवलॅपर्स के बैनर तले 2013-14 में पहली विदेशी प्रापर्टी सेंट्रल लंदन में स्थित मॅक्डाॅनल्ड हाउस और केरिस्ट्रीट स्थित बिल्डिंग का 4000 करोड़ रु में सौदा किया और अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में छा गए। इनके दो बेटे अभिषेक और अभिनंदन हैं। बड़े अभिषेक मंगल प्रभात कंपनी के एमडी-सीईओ हैं। वर्ष 2019 में लोढ़ा डेवलॅपर्स का नाम बदलकर मैक्रोटेक डेवलॅपर्स लि. कर दिया गया।

यह बताना जरूरी है कि कंपनी ने पहले 2009 में और दोबारा 2018 में पूंजी बाजार में उतरने का प्रयास किया था लेकिन जैसा कि बताया गया बाजार हालात अनुकूल नहीं होने से योजना परवान नहीं चढ़ी। मौजूदा में मैक्रोटेक की 395.87 करोड़ रु की चुकता शेयर पूंजी 100 फीसद प्रमोटरों के पास है। प्रमोटर कुल सात हैं और इनमें से भी दो प्रमोटर- सांभवनाथ इंफ्राबिल्ड के पास 67.72 फीसद और सांभवनाथ ट्रस्ट के पास 32.48 फीसद शेयर हैं।

मैक्रोटेक का मौजूदा में हाउसिंग और काॅमर्शियल की विभिन्न 36 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। साथ-साथ 540 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल पार्क तथा 290 एकड़ पर लाॅजिस्टिक पार्क भी विकसित कर रही है। तकरीबन 2700 स्थाई कर्मियों के सहयोग से 2020 दिसंबर तक 91 परियोजनाएं को पूरा किया जा चुका था।

भारत में 46 और यूके में संयुक्त उपक्रम के तौर पर तेरह सब्सिडियरी हैं। इनमें अमेरिका, माॅरिशस, नीदरलैंड्स और कनाडा आदि देशों की शामिल नहीं हैं। हुरुन ऐंड ग्रोहे ने 2019 में लोढ़ा को भारत का सबसे धनी रिएल एस्टेट डेवलॅपर बताते हुए इनकी परिसंपत्तियों का मूल्याकंन 32000 करोड़ रु किया था।

मैक्रोटेक ने 2017-18 में 13727 करोड़, 2018-19 में 11979 करोड़ रु, 2019-20 में 12561 करोड़ रु और 2020 दिसंबर में समाप्त नौ महीनों में 3160 करोड़ रु की आय पर क्रमश : 1789 करोड़ रु, 1644 करोड़ रु, 745 करोड़ रु का नफा कमाया, पर उक्त नौ महीनों में 264 करोड़ रु का घाटा दर्शाया गया है। प्रमोटर प्रस्तावित बुक बिल्ट आईपीओ के तहत मैक्रोटेक के सिर्फ दस फीसद शेयर निवेशकों को देंगे। आईपीओ 9 अप्रैल तक खुला रहेगा।

निवेशक न्यूनतम तीस शेयरों के लिए 14580 रु के भुगतान के साथ आवेदन कर सकेंगे। 483-486 रु के हिसाब से कुल जारी किए जाने वाले 5 करोड़ 14 लाख 40 हजार 328 शेयरों को 20 अप्रैल को निवेशकों के डिमैट खातों में क्रेडिट करने का निर्णय किया गया है। शेयरों को 22 अप्रैल को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट कराने की योजना है।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी