अब किसान किसी भी क्रय केंद्र पर बेंच सकेंगे गेहूं

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नजदीकी क्रय केंद्र से राजस्व ग्राम की सम्बद्धता की अनिवार्यता को हटाया गया

किसानों को अपनी सुविधानुसार क्रय केंद्र पर जाने का मिलेगा मौका, आसानी से अपनी उपज बेच सकेंगे किसान

लखनऊ। कोरोना काल में जीवन के साथ जीविका बचाने के अपने संकल्प को पूरा करने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है। उनके निर्देश पर किसानों की सहूलियत के लिए गेहूं क्रय की पूर्व में तय व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है। किसान अब किसी भी सरकारी क्रय केंद्र पर अपना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। इसके लिए नजदीकी क्रय केंद्र से किसान के राजस्व ग्राम की सम्बद्धता के आदेश को शिथिल कर दिया गया है। नए फैसले से किसानों को अपनी सुविधानुसार क्रय केंद्र पर जाने का मौका मिलेगा और वह आसानी से अपनी उपज बेच लेंगे। सरकार के निर्देश पर गेहूं क्रय के 72 घण्टे में भुगतान सीधे किसान के खाते में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर आयुक्त खाद्य व रसद विभाग ने किसी भी क्रय केंद्र पर किसान के गेहूं बेचने के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इस नए आदेश में बताया गया है कि मंडी स्थल के बाहर स्थापित क्रय केंद्रों से राजस्व ग्रामों के संबद्धिकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

हालांकि पूर्व में राजस्व ग्रामों के संबद्धिकरण की अनिवार्यता वाले आदेश में भी इस बात का ख्याल रखा गया था कि किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए अधिक दूरी न तय करनी पड़े। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते किसानों को और सहूलियत देने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। इससे किसान को जनपद के किसी भी क्रय केंद्र पर जाकर सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (1975 रुपये प्रति क्विंटल) गेहूं बेचने की छूट मिल गई है। मंडी स्थल पर किसान पहले की तरह अपना गेहूं बेचने को स्वतंत्र रहेंगे।

समीप के दूसरे जिले के क्रय केंद्र पर भी बेच सकेंगे गेहूं : अपर आयुक्त खाद्य व रसद विभाग के आदेश के मुताबिक किसी गांव के किसान अपने गांव के समीप दूसरे जनपद के क्रय केंद्र पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेच सकेंगे। इसके लिए जिला खरीद अधिकारी दूसरे जिले के खरीद अधिकारी से विचार विमर्श कर किसान को अनुमति प्रदान करेंगे। आदेश में यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी क्रय केंद्र बंद नहीं किया जाएगा।

पंजीकरण नहीं तो भी परेशान न हों किसान : गेहूं बेचने के लिए किसी किसान का अब तक पंजीकरण नहीं हो सका है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसान अभी भी किसी जनसेवा केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। यह भी संभव न हो, तो वह अपने खेती और बैंक खाते से सम्बंधित दस्तावेज क्रय केंद्र पर ले जाकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।