उत्तर प्रदेश के 2.33 करोड़ ग्रामीण घरों में पानी के कनेक्शन नहीं

0
610

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश को मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 मेँ 10,870.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश को अनुदान की यह राशि 1,206 करोड़ रुपए थी, जो 2020-21 में बढ़ा कर 2,571 करोड़ रुपए कर दी गई थी। इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में उत्तर प्रदेश को इस वर्ष जल जीवन मिशन के अंतर्गत मिला केन्द्रीय अनुदान चार गुना ज़्यादा है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के 2.33 करोड़ ग्रामीण घरों में पानी के कनेक्शन नहीं हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री के साथ हुई अपनी पिछली बैठक में आश्वासन दिया था कि उत्तर प्रदेश को जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि हर ग्रामीण घर में 2024 के अंत से पहले-पहले नल जल कनेक्शन प्रदान कर देंगे।

उत्तर प्रदेश में 97 हज़ार गावों में 2.63 करोड़ परिवार रहते हैं। जिनमें से 30.04 लाख के घरों (यानि 11.41%) में पीने के पानी का नल कनेक्शन है। जल जीवन मिशन की घोषणा से पहले उत्तर प्रदेश में केवल 5 लाख से कुछ ही ज़्यादा, यानि मात्र 2% घरों में ही नल जल कनेक्शन था। इस प्रकार, पिछले केवल 21 महीनों के दौरान निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में 24.89 लाख और घरों (9.45%) को नल जल के नए कनेक्शन प्रदान किए गए। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश में अब भी लगभग 2.33 करोड़ ग्रामीण घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना बाकी है।

वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश को जल जीवन मिशन के अंतर्गत केंद्रीय अनुदान 2,571 करोड़ रुपये था। 777 करोड़ रुपए के ओपनिंग बैलेन्स के साथ राज्य के पास केंद्रीय आवंटन का 3,348 करोड़ रुपए का पक्का कोष मौजूद था। लेकिन राज्य सरकार, उपलब्ध कोष में से सिर्फ 2,053 करोड़ रुपये का ही उपयोग कर सकी।

मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को हाल में लिखे पत्र में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य में जल जीवन मिशन को और तीव्रता से आगे बढ़ाने और उत्तर प्रदेश में नल कनेक्शन से अब भी वंचित परिवारों में से कम से कम एक तिहाई को, यानि 78 लाख ग्रामीण घरों तक इस वित्त वर्ष में नल जल कनेक्शन पहुंचा देने का आग्रह किया है। श्री शेखावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह भी सलाह दी है कि राज्य के 60 हज़ार से ज़्यादा गावों में इस वर्ष पेय जल आपूर्ति संबंधी परियोजनाओं पर जमीन पर काम शुरू कर दिया जाए।

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने पत्र में, बुंदेलखंड और विन्ध्यांचल में जलापूर्ति परियोजनाओं के काम में तेजी लाई जाने और उनके कार्यान्वयन की मुख्य मंत्री-स्तर पर तत्काल समीक्षा करने का भी अनुरोध किया गया है। शेखावत ने इन दोनों क्षेत्रों की परियोजनाओं पर भी विशेष ज़ोर दिये जाने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2019 में बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों (7 जिलों: झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के लिए, तथा पिछले वर्ष नवंबर में विंध्याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों के लिए ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से इन क्षेत्रों के 6,742 गावों के 17.48 लाख घरों और डेढ़ करोड़ से ज़्यादा लोगों को लाभ पहुंचेगा।

राज्य को इस वर्ष के लिए दी गई 10,870 करोड़ रुपए की केन्द्रीय अनुदान की राशि, पिछले वित्त वर्ष के अंत में शेष बच गए 466 करोड़ रुपए की राशि तथा वर्ष 2019-20 और 2020-21 में राज्य के समतुल्य हिस्से के बकाया 1,263 करोड़ रुपए, तथा इस वर्ष राज्य के समतुल्य अंश को मिला कर उत्तर प्रदेश के पास वित्तवर्ष 2021-22 में जल जीवन मिशन के तीव्रगामी कार्यान्वयन के लिए समग्र रूप से 23,937 करोड़ रुपए की विशाल राशि उपलब्ध है।

15वें वित्त आयोग के अनुदान के अंतर्गत भी उत्तर प्रदेश को 2021-22 के दौरान 4,324 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं। इन पाँच वर्षों में उत्तर प्रदेश में पंचायतों के लिए, 15वें वित्त आयोग के तहत पानी और स्वच्छता के लिए 22,808 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि, ग्रामीण स्थानीय निकायों/ पंचायती राज संस्थाओं को जल एवं स्वच्छता कार्यों के लिए निर्धारित है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में इस वृहद् निवेश से न केवल स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़  बनेगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी पैदा होंगे।