उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज

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चार साल में कर दिखाया जो बरसों में न हो पाया…

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में हेल्‍थ इंफ्रास्‍टक्‍चर और शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने जमीनी स्तर पर कार्य किए हैं। उत्‍तर प्रदेश की कमान जब से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने संभाली है तब से आज तक प्रदेश में चिकित्‍सा शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा बेहतर हुई है। पिछले चार सालों में सरकार ने सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में सरकार ने एक ओर चिकित्‍सा शिक्षा, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर बल दिया तो वहीं जमीनी स्‍तर पर नागरिकों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मिल सकें इस ओर तेजी से कार्य किया है। सरकार ने एक सधी नीति के तहत प्रदेश में कोरोना वायरस के साथ ही उन तमाम बीमारियों को मात देने के प्रयास में है जिनके कारण अक्सर हजारों मौतें होती रहीं हैं।

प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा व चिकित्‍सा शिक्षा के क्षेत्र विशेष प्रयास किए हैं। साल 2017 में जहां प्रदेश के महज 12 जिलों में राजकीय मेडिकल कालेज संस्‍थान थे, वहां आज 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज संस्‍थान बनाए जा रहे हैं। साल 2017 के पहले 16 ऐसे जनपद थे जहां राजकीय अथवा निजी मेडिकल कालेज नहीं हैं वहां सरकार पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना करने की तैयारी कर रही है। ग्रामीण चिकित्‍सीय सेवाओं को बेहतर बनाते हुए सरकार सामुदायिक व प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों की संख्‍या में तेजी से बढ़ोत्‍तरी की है। सरकार ने प्रदेश में कुल 937 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र संचालित करते हुए 29 नए सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर कार्य करवा रही है। प्रदेश में कुल 3691 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र संचालित हैं जिसमें 114 निर्माणाधीन हैं।

सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा क्षेत्र को नए आयमों तक पहुंचाने के लिए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश की प्रथम रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत की और प्रदेश के प्रथम स्टेम सेल विभाग की स्थापना की गई है। प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए लेवल-1 के ट्रामा सेंटर्स में बेड का विस्‍तार किया गया है। एसजीपीजीआईएमएस व केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के भार को ध्यान में रखते हुए बेड्स एवं वेन्टीलेटर्स की संख्या में बढ़ोत्‍तरी की है जिससे सुविधाओं में इजाफा हुआ है। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपए, आयुष्‍मान भारत योजना के लिए 1300 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है।

वेंटीलेटर्स की संख्‍या में किया इजाफा: सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा क्षेत्र को नए आयमों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश की प्रथम रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत की और प्रदेश के प्रथम स्टेम सेल विभाग की भी स्थापना की। प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए लेवल-1 के ट्रामा सेंटर्स में बेड का विस्‍तार किया गया है। एसजीपीजीआईएमएस व केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के भार को ध्यान में रखते हुए बेड्स एवं वेन्टीलेटर्स की संख्या में बढ़ोत्‍तरी की गई जिससे प्रदेशवासियों की सुविधाओं में इजाफा हुआ है। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपए, आयुष्‍मान भारत योजना के लिए 1300 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है।

अन्‍य संक्रमण की रोकथाम पर सरकार का विशेष ध्‍यान : सरकार ने प्रदेश में अन्‍य संक्रमण पर समय रहते काबू पाने के लिए लखनऊ में इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इन्फेक्शस डिजीजेज के तहत बायो सेफ्टी लेवल-4 लैब की स्‍थापना का निर्णय लिया। प्रदेश में बढ़ते मधुमेह रोग पर लगाम लगाने के लिए एसजीपीजीआई में ‘उन्नत मधुमेह केन्द्र’ की स्थापना करने से प्रदेशवासियों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना राजकीय मेडिकल झांसी व गोरखपुर में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की स्थापना की। राजकीय मेडिकल कालेज मेरठ व प्रयागराज में भी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बन कर तैयार हो गया है। जिससे प्रदेश में बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं लोगों को मिल रहीं हैं।

प्रदेश के 6 करोड़ 47 लाख लोग आयुष्‍मान योजना से हुए लाभन्वित : आयुष्‍मान योजना के तहत प्रदेश के 6 करोड़ 47 लाख लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिल चुका है। अब तक प्रदेश में 1.15 करोड़ गोल्‍डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। मुख्‍यमंत्री जन आरोग्य योजना में 42.19 लाख लोग लाभान्वित हो चुके हैं नए बजट में इस योजना के लिए 142 करोड़ की व्‍यवस्‍था की गई है। ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर हर रविवार को आयोजित होने वाले मुख्‍यमंत्री आरोग्य स्‍वास्‍थ्‍य मेले में 55 लाख से अधिक लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण किया जा चुका है।