पांच हजार से अधिक हेल्‍थ वेलनेस सेंटर सुधारेंगे ग्रामीणों की सेहत

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लखनऊ। प्रदेश की ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पिछले साढ़े चार सालों में जमीनी स्‍तर पर काम किया है। जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश के छोटे अस्‍पतालों से बड़े अस्‍पतालों में होने वाले रेफरल केसों में कमी आई है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। जिसके तहत प्रदेश में पांच हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जा रहे हैं।

ग्रामीणों की सेहत सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार की ओर से प्रदेश में चलाई जा रही हैं। पांच हजार नए केंद्रों के खुलने के बाद इन योजनाओं को भी गति मिलेगी। इन नए उपकेन्‍द्रों पर जरूरी उपकरण, चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की व्‍यवस्‍था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी।

इन वेलनेस सेंटर के खुलने से ग्रामीण लोगों को कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। केंद्रों में मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही योग और एक्सरसाइज, काउंसिलिंग, स्कूल हेल्थ एजुकेशन, आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। टीकाकरण और मातृत्व स्वास्थ्य की जांच और इलाज के अलावा मौसमी बीमारी, टीबी, मलेरिया की रोकथाम के उपाय बताने के साथ उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है।

कम्‍युनिटी हेल्‍थ ऑफिसर की होगी तैनाती : इन उपकेन्‍द्रों में कम्‍युनिटी हेल्‍थ ऑफिसर की तैनाती की जाएगी। ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, टीबी, चेचक, कुष्‍ठ, मलेरिया, दिल व टायफाइड समेत अन्‍य बीमारियों की प्राथमिक स्‍तर पर पहचान की जाएगी। इसके साथ ही मरीजों को उनके हिसाब से विशेषज्ञ डॉक्‍टरों के पास रेफर किया जाएगा। स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों में अभी तक एएनएम बैठती थीं। अब इन उपकेन्‍द्रों में कम्‍युनिटी हेल्‍थ ऑफिसर (सीएचओ) की तैनाती की जाएगी। केजीएमयू जैसे संस्‍थानों से छह माह की ट्रेनिंग करने वाली स्‍टाफ नर्स को सीएचओ पद पर तैनात किया जाएगा।