कोकरनाग हिल स्टेशन: स्वास्थ्य की संजीवनी

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जम्मू एण्ड कश्मीर स्थित ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” को स्वास्थवर्धक आैषधि कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। समुद्र तल से करीब 2012 मीटर शीर्ष पर स्थित यह हिल स्टेशन मुगल शासकों का बेहद पसंदीदा स्थान रहा। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” देश दुनिया में आैषधीय गुणों वाले प्राकृतिक चश्मोें के लिए विख्यात है। कश्मीरी भाषा में नाग का आशय चश्मा से होता है। कोकर का आशय मुर्गी से होता है।

विशेषज्ञों की मानें तो बादशाह जहांगीर ने इस आैषधीय जल ताल का एक सुन्दर उद्यान की स्थापना की थी। करीब 80 मीटर के दायरे में फैला यह खास उद्यान आठ कोण में विकसित है। उद्यान आैषधीय गुणों से भरपूूर है। उद्यान में चौतरफा चिनार के सुन्दर वृक्ष कतारवद्ध सुशोभित हैं। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” को कश्मीर का स्वर्ण मुकुट भी कहा जाता है। कारण इसका अति सुन्दर होना है। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” बिरंग घाटी का एक सुन्दर क्षेत्र है। अनंतनाग जिला के अधीन आने वाले इस क्षेत्र में असंख्य सिद्धांत निहित हैं।

‘कोकरनाग हिल स्टेशन” एक घना वन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में एक विशाल झरना भी है जिसे इन्द्रधनुषी खिताब भी हासिल है। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” हिम शिखर की घाटियों एवं वादियों से घिरा अतिसुन्दर एवं दर्शनीय स्थल है। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” के आसपास मुख्य रूप से जलांगम, बोलीडर, वांगम, हंगलगुंड, नागम, मुखदमोपरा संगम, डुकसम आदि दर्शनीय स्थल हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” के झरनों एवं झीलों का जल खास है। इस जल का सेवन-उपयोग करने से भूख एवं प्यास से संतुष्टि मिलती है। अपच के लिए यह एक असरकारक आैषधि है। पर्वत श्रंखलाओं से घिरा एवं सुन्दर वृक्षों से आच्छादित यह क्षेत्र पर्यटकों को अपने खास सौन्दर्य से आकर्षित करता है। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” में आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता होने के कारण एक सुगन्ध मन एवं तन को स्वस्थ्य एवं तरोताजा रखती है। वादियों में खिले रंगबिरंगे फूलों की इन्द्रधनुषी छटा बरबस लुभाती है।

ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे साक्षात इन्द्रलोक धरती पर उतर आया हो। झरना एवं झीलों में प्रवाहित जल की कल-कल करती धारा एक सुमधुर संगीत का एहसास कराती है। जलधारा की अठखेलियां देख कर खुद अठखेलियां करने का मन होता है। उद्यान का सौन्दर्य भी लाजवाब है। उद्यान में मखमली घास के समतल एवं ढ़लान वाले मैदान भी खिलंदडपन का जोश भरते हैं। कहीं जलधारा के बीच में टापू तो कहीं पाथवे बने हैं। जिससे सौन्दर्य में चार-चांद लगते हैं। इस उद्यान को मुगल गार्डेन के नाम से भी जाना जाता है। राजसी ठाट-बाट का असल एहसास यहां होता है। ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” में कुछ पल ही गुजारने से लगता है कि शरीर ने भरपूर आक्सीजन ग्रहण कर ली।

‘कोकरनाग हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए आवागमन के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। कोकरनाग की यात्रा के लिए निकटतम हवाई अड्डा श्रीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है। यह हवाई अड्डा यहां से करीब 88 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, चण्डीगढ़ एवं जम्मू के लिए उड़ानें निर्धारित हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन अनंतनाग रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन ‘कोकरनाग हिल स्टेशन” से करीब 119 किलोमीटर दूर है।