एनसीईआरटी के लिए खुला अंतर्राष्ट्रीय रास्ता, होगी डीम्ड यूनिवर्सिटी

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एनसीईआरटी के लिए खुला अंतर्राष्ट्रीय रास्ता, होगी डीम्ड यूनिवर्सिटी…… राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद जो एनसीईआरटी संक्षिप्त नाम से लोकप्रिय है, के लिए वैश्विक शिक्षण-प्रशिक्षण – अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के के साथ गठबंधन करने का रास्ता खुल गया है क्योंकि कि इसे मानद (डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी) शिक्षा अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा कर दी गई है। 27 जुलाई, 1961 में स्थापित एनसीईआरटी के 63 वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस आशय की घोषणा की।

एनसीईआरटी आने वाले दिनों में वास्तविक, आभासी (वर्चुअल) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रयोगशालाओं की स्थापना भी कर सकेगी। एनसीईआरटी के अंतर्गत पांच राज्यों में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (आरआईई) अजमेर, भोपाल, मैसूर, भुवनेश्वर और शिलांग में स्थित हैं। इन स्थानों में ये प्रयोगशालाएं स्थापित किए जाने की संभावना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य शिक्षा परिषदें (बोर्ड) भी एनसीईआरटी के ऑफ कैम्पस के रूप में कार्य कर सकेंगी।

बताते चलें कि एनसीईआरटी ने 3-8 वर्ष के बच्चों की शिक्षा के लिए ने अपने अनुसंधान से खेल आधारित शिक्षण सामग्री विकसित की थी जिसे “जादुई पिटारा” नाम से इसी साल लांच किया गया था। “जादुई पिटारा” तेरह भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। “जादुई पिटारा” से दस करोड़ बच्चों के लाभान्वित होने का अनुमान है। सालाना 500-550करोड़ रुपए के बजट से अपने शिक्षण और प्रशिक्षण संबंधी कार्यक्रमों का संचालन करने वाली एनसीईआरटी का इतिहास भी अत्यंत रोचक है। वर्ष 1961 से पहले से सक्रिय सात संस्थानों का विलय एनसीईआरटी में कर दिया गया था। जिन संस्थानों का विलय किया गया था उनके नाम थे – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ टेक्स्ट बुक रिसर्च, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल ऐंड वोकेशनल गाइडेंस, नेशनल फंडामेंटल एजुकेशन सेंटर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक एजुकेशन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आडियो विज़ुअल एजुकेशन और डाइरेक्टरेट एक्सटेंशन प्रोग्राम फॉर सैकंडरी एजुकेशन।

प्रणतेश बाजपेयी