त्रिपुरा की आधी आबादी में नाथ संप्रदाय का प्रभाव

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लखनऊ। त्रिपुरा में पिछले विधानसभा चुनाव की भांति इस बार भी भाजपा अपने पक्ष में परिणाम आने को लेकर आश्वस्त है। दिग्गजों का मानना है कि भाजपा के शिखर का सफर बरकरार रहेगा और विपक्ष बिखर जाएगा। यहां विधानसभा की 60 सीटों पर 16 फरवरी को मतदान होंगे। भारतीय जनता पार्टी यहां 55 सीटों पर मैदान में है, जबकि सहयोगी दल आईपीएफटी ने 5 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।

भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों व रोड शो के जरिए पार्टी दो मार्च को होने वाले मतगणना में फिर से जीत को लेकर आश्वस्त है। इसका सबसे बड़ा कारण राज्य की आधी आबादी पर नाथ संप्रदाय का प्रभाव है। इसके मुखिया होने के नाते योगी आदित्यनाथ की बातों का प्रभाव त्रिपुरा में काफी है। पिछले चुनाव में इसका असर भी दिखा था।

उत्तर प्रदेश में 10 से 12 फरवरी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट था। इसके बाद जी-20 का आयोजन भी उत्तर प्रदेश में हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी सूबे के दो दिवसीय दौरे पर रहीं। इन सभी व्यस्तताओं के बीच नाथ संप्रदाय के अग्रणी केंद्र गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर व यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ 7-8 फरवरी को त्रिपुरा में रहे। उन्होंने यहां न सिर्फ रात्रि प्रवास किया, बल्कि गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन कर त्रिपुरा से अपने रिश्तों को भी साझा किया। भारतीय जनता पार्टी बीते चुनाव की भांति इस बार भी नाथ संप्रदाय के मानने वालों के वोट की बदौलत फिर से कमल खिलाने को आश्वस्त है।

योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में 6 महत्वपूर्ण सीटों पर प्रचार किया। मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा के लिए योगी आदित्यनाथ ने बारडोवाली सीट पर लगभग एक घंटे तक रोड शो कर कमल खिलाने की अपील की। यहां भी योगी आदित्यनाथ की एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे। वहीं बागबासा से भाजपा प्रत्याशी जादब लाल नाथ के लिए वोट मांगे, फिलवक्त यह सीट विपक्ष के पास है। वहीं कल्याणपुर-प्रमोद नगर से पिनाकी दास चौधरी, फटीकराय विधानसभा से सुधांगसु दास, सूर्यमणिनगर से निवर्तमान विधायक व प्रत्याशी रामप्रसाद पाल तथा मजलिशपुर से सुशांत चौधुरी के लिए योगी आदित्यनाथ ने वोट मांगा।

त्रिपुरा में पिछले चुनाव में कांग्रेस की बोहनी तक नहीं हुई थी। इस बार लेफ्ट व कांग्रेस ने हाथ मिलाया है। योगी आदित्यनाथ ने आमजन का साथ मांगते हुए लेफ्ट का हाथ छोड़ने और कांग्रेस को साफ ही रखने का आह्वान किया। इन छह सीटों के साथ पिछली बार जीती 35 सीटों और सहयोगी दल की भी अधिक सीटें जिताने के लिए आमजन से अपील भी की। गुरुवार को होने वाले मतदान में इसका असर भी साफ दिखेगा।