डायबिटीज एसिडिटी और माइग्रेन से छुटकारा के लिए अपनाएं ये उपाय

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हरा धनिया किचन की रानी कही जाती है। इसका स्वाद महक और पौष्टिक तत्व पौष्टिकता तथा रोग निवारण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के संदर्भ में श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रजनी पोरवाल ने अत्यंत लाभकारी जनहितकारी जानकारी दी है।

पौष्टिकता का खजाना : हरा धनिया अपनी पौष्टिकता के लिए वैज्ञानिक वर्ग में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हरी धनिया में भरपूर मात्रा में सीधे एंटी ऑक्सीडेंट मिनरल्स विटमिंस विशेषकर विटामिन ए और सी पाया जाता है। अपनी पौष्टिकता व आरोग्यकारी गुणों के कारण आयुर्वेदिक दृष्टि से धनिया शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और इसकी तासीर ठंडी है।

नेत्रों के लिए हितकारी : लंबी समय तक बैठ कर कंप्यूटर पर कार्य करना या मोबाइल घंटों तक चलाना आज युवा वर्ग की मजबूरी बन गया है। इसका बहुत बुरा असर हमारी शरीर की हड्डियों और उससे जोड़ी हुई मांसपेशियों पर होता है। उसके साथ काफी समय तक कंप्यूटर की स्क्रीन पर आंखें गड़ाए काम करते रहने से आंखें थकती हैं। आंखों की मांसपेशियां व लेंस कमजोर हो जाते हैं, आंखों से कड़ुआ पानी आने लगता है आंखों में मिर्ची जैसी जलन होती है और आंखों की दृष्टि कम हो जाती है। इस चमत्कारी घरेलु उपाय करने से आंखें को आराम मिलता है। युवा अवस्था में आंखों का चश्मा भी हट जाता है।

जलती और कडवाती आंखों हेतु कारगर नुस्खा : आंखों का लाल होना खुजली होना थोड़ी देर पढ़ाई करने या ऑफिस का काम करने पर आंखों में थकान ह़ोना शुरु हो जाए तो आंखों को शीतल बनाने के लिए धनिया की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालने के बाद जो छानन बच जाए उसे आटे की लोई की तरह दोनों आंखों पर 15 से 20 मिनट रखकर लेटे रहे जिसके बाद आंखों से धनिया का पेस्ट हटा दें और आंखों में ठंडे पानी के छींटे लगाएं। यह छोटा सा उपाय नियमित रुप से करने से आंखों की थकान लालामी कड़वाहट दूर होकर नेत्र ज्योति बढ़ती है और गहरी तथा बिना सपने वाली गहरी और शांत नींद आती है। वास्तव में यह छोटा किंतु अत्यंत लाभकारी उपाय चश्मा हटाने में मददगार है और आंखों की रोशनी बढ़ाने का सबसे आसान उपाय।

मधुमेह पर प्रभावशाली लगाम : मधुमेह जनित नेत्र रोग घातक होते हैं और अनेक मामलों में यह अंधता का कारण बन जाते हैं। डायबिटीज के कारण शरीर के आंतरिक अंगों पर भी बहुत बुरा प्रभाव होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। किडनी हृदय रोग उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल संबंधी विभिन्न दिक्कतों के साथ-साथ शरीर की नस नाड़ियां कमजोर और असक्त हो जाती है। पुराने से पुराने मरीज जो खून में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए नियम पूर्वक दवाइयों का विशेषकर एलोपैथिक दवाइयों का सेवन करते हैं किंतु सुखचैन और शांति नहीं मिलती। इस सरल और चमत्कारी प्रभाव प्रदान करने वालै घरेलू नुस्खे का 90 दिन तक नियमित रुप से प्रयोग करें।

एक चम्मच अंकुरित मैंथी और एक चम्मच अंकुरित अजवाइन को प्रातः चबा चबा कर खाए। इसके ऊपर ताजी हरी धनिया का 30 मिली से 50 मिली के बीच में हरी धनिया का ताजा रस आधा कप पानी में मिलाकर पी ले। उसके सेवन करने के आधा घंटे बाद तक कुछ सेवन ना करें और नाश्ते में केवल एक प्रकार का फल इच्छा अनुसार और भूख अनुसार खा सकते है। डायबिटीज के कारण आंखों पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को नियंत्रित करने का यह अचूक उपाय है।

एसिडिटी और माइग्रेन से छुटकारा : एसिडिटी बहुत खट्टी कड़वी डकार आती है और सिर दर्द बना रहता है माइग्रेन की तकलीफ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ऐसे पीड़ित रोगी अनेकों प्रकार की जांच कराते रहते हैं भिन्न-भिन्न चिकित्सकों को दिखाते हैं उनका इलाज कराते हैं किंतु उन्हें स्थाई लाभ नहीं मिल पाता जब तक इलाज कराते हैं तब तक लाभ रहता है और इलाज बंद करने के कुछ ही सप्ताह बाद समस्या पहले से भी ज्यादा बड़े रूप में सामने आती है। ऐसी स्थिति से परेशान रोगियों को प्रातः खाली पेट एक चम्मच कच्चा जीरा चबाकर खाना चाहिए। इसके ऊपर 50 मिली हरी धनिया का रस पी लें। इसके बाद थोड़ी देर के लिए आंख बंद कर लेट जाएं, शारीरिक श्रम मेहनत ना करें। यह उपाय एक सप्ताह करने पर ही एसिडिटी खट्टी कड़वी डकारें आना पेट में दर्द और माइग्रेन की समस्या पूरी तरह ठीक होने लगती है, नियमित रूप से यह प्रयोग कम से कम 3 माह जरूर करें।