दिल्ली सरकार ने साढ़े 23 लाख की मशीन 38 लाख में खरीदी

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लखनऊ। संसदीय कार्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने यूपी से करीब साढ़े तीन गुना से अधिक दाम में मेडिकल की मशीनें खरीदी हैं। मशीनों की खरीद में यह अंतर दर्शाता है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना काल में जनता के पैसे का दुरुपयोग किया और पैसों की खुली लूट की।

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि उन्हें जनता को बताना चाहिए कि आखिर जिस मशीन को यूपी ने साढ़े 23 लाख में खरीदा है, वही मशीन दिल्ली सरकार ने 38 लाख में क्यों खरीदी है?

यह बातें उन्होंने अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि मल्टीपैरा मॉनिटर 5 पैरा यूपी सरकार ने 95,200 रुपए में खरीदी है। जबकि दिल्ली सरकार ने तीन लाख 28 हजार और सात लाख पांच हजार रुपए में खरीदी है। ऐसे ही ईको कलर डॉप्लर मशीन फिलिप्स एफिनिटी 30 की यूपी सरकार ने 23 लाख 52 हजार में खरीदी है। जबकि यही मशीन दिल्ली सरकार ने 38 लाख और फिलिप्स एफिनिटी 70 मशीन 63 लाख रुपए में खरीदी है।

दिल्ली सरकार ने कोरोना काल की आपदा को अपने हित में अवसर में बदला : पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने निर्धारित मानकों पर पूरी पारदर्शिता के साथ उच्च गुणवत्ता वाली मशीनें खरीदी हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के एक राज्यसभा सांसद सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यूपी सरकार पर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। सबसे पहले उन्हें दिल्ली सरकार में मशीनों की खरीद में हुई धांधलेबाजी पर जनता को जवाब देना चाहिए। साथ ही यूपी में लोगों को झूठे आरोपों से गुमराह करने से बाज आना चाहिए। दिल्ली सरकार ने कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदल दिया है।

तैयारियों में बाधा उत्पन्न करने की नीयत से आरोपों की राजनीति कर रहे : कोरोना काल में प्रदेशवासियों को अधिक से अधिक चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए यूपी सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है, संभावित तीसरी लहर को देखते हुए हरसंभव तैयारी पहले से ही की जा रही है, लेकिन कुछ लोग आपदा काल में भी लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं और वह तैयारियों में बाधा उत्पन्न करने की नीयत से आरोपों की राजनीति कर रहे हैं। जबकि धरातल पर न ही वह हैं और न ही उनका दल है।