ज्यादा पोषक तत्वों वाला है ब्राउन राइस

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चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप ब्राउन राइस कहलाता है। इसके भूरे रंग के कारण ही इसे ‘ब्राउन राइस’ कहा जाता है। यह सफेद चावल के मुकाबले पकने में ज्यादा समय लेता है और स्वाद में भी थोड़ा अलग होता है। सफेद चावल की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, क्योंकि यह किसी रिफाइन या पॉलिश प्रक्रिया से नहीं गुजरता।

इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिलती है। साथ ही यह फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत है। ब्राउन राइस में बच्चों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फैट भी होता है। इसीलिए, बढ़ते बच्चों को ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज व ऊर्जा युक्त खाद्य पदार्थ खिलाने की सलाह दी जाती है। ब्राउन राइस का सेवन करने से आंतों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। फाइबर पाचन शक्ति को बेहतर बनाते हैं।

कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करता है : शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने से ह्रदय रोग हो सकता है। कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के लिए ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज खाने की सलाह दी जाती है। ब्राउन राइस में कुछ मात्रा फाइबर की होती है। फाइबर खाने को धीरे-धीरे पचाने में मदद करता है। जिससे भूख कम लगती है और कोलेस्ट्रोल को खून में धीरे-धीरे घुलने में मदद करता है।

मधुमेह के लिए ब्राउन राइस के फायदे : ब्राउन राइस टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम रखता है। इसलिए मधुमेह के मरीजों के लिए ब्राउन राइस का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

हड्डियों के लिए ब्राउन राइस के फायदे : हड्डियों को तंदुरुस्त रखने के लिए मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद मिनरल है और यह ब्राउन राइस में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह बोन मिनरल डेंसिटी को बढ़ाने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र के सही प्रकार से काम न करने पर अल्जाइमर, पार्किंसंस व माइग्रेन जैसी समस्या हो सकती है। इन बीमारियों से उबरने में मैग्नीशियम जरूरी तत्व साबित हो सकता है, जो ब्राउन राइस में पर्याप्त मात्रा में होता है।

आनंद कुमार मिश्र