दीपोत्सव पर अलौकिक आभा से दमकेगा अयोध्या धाम, दिखेगी विदेशी झलक

500 वर्षों के पराभव काल को पीछे छोड़कर अयोध्या धाम अब वापस से त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर हो चला है। रामलला के अपने भव्य मंदिर में विराजित

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लखनऊ। 500 वर्षों के पराभव काल को पीछे छोड़कर अयोध्या धाम अब वापस से त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर हो चला है। रामलला के अपने भव्य मंदिर में विराजित हो चुके हैं और होली व श्रीराम जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों ने पूरे देश व दुनिया के करोड़ों भक्तों में अपार हर्ष का संचार किया। हर्ष का ऐसा ही क्षण अब जल्द ही भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम के जरिए 28 से 31 अक्टूबर के मध्य भक्तों को मिलने वाला है। यूं तो, वर्ष 2017 से ही दीपावली पर अयोध्या के सरयू घाट रिकॉर्ड संख्या में दीपों से जगमग होते रहे हैं और वर्ष 2024 में 8वें दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सीएम योगी के विजन में कार्ययोजना निर्धारित की जा चुकी है, मगर इस बार का दीपोत्सव कई मायनों में खास होने जा रहा है।

यह इस लिए भी खास होगा क्योंकि रामलला के श्रीविग्रह की स्थापना के बाद इस वर्ष पहली बार आयोजित होगा। ऐसे में, इसे भव्यतम स्तर पर आयोजित करने के लिए योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस वर्ष न केवल राम की पैड़ी, नया घाट समेत अयोध्या के विभिन्न घाटों को 25 लाख से ज्यादा दीयों से सजाया जाएगा बल्कि 4 दिन तक चलने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में रोशनी सज्जा इस कदर आकर्षक होगी जो अयोध्या धाम को साकेत धाम की वास्तविक अलौकिक आभा प्रदान करेगा।

आधुनिक रोशनी सज्जा बनेगा आकर्षण का माध्यम : सीएम योगी के विजन अनुसार, दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान अयोध्या को में इंटेलिजेंट डाइनेमिक कलर चेंजिंग एलईडी डेकोरेटिव पैनल्स व मल्टी मीडिया प्रोजेक्शंस समेत विभिन्न प्रकार की आधुनिक लाइटिंग से युक्त किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल के अतिरिक्त अयोध्या के विभिन्न स्थानों को भी इनसे युक्त किया जाएगा। नया घाट समेत राम की पैड़ी पर स्वागती द्वार बनाए जाएंगे जिन्हें थीमैटिक लाइटेड आर्क पिलर्स से युक्त किया जाएगा। अयोध्या शहर के भक्ति पथ समेत विभिन्न मुख्य पथों को आकर्षक रोशनी व पुष्प सज्जा से युक्त किया जाएगा, इसके साथ ही अयोध्या से गोंडा की ओर जाने वाले मार्ग पर गोंडा ब्रिज व अयोध्या से बस्ती जाने वाले मार्ग पर बस्ती ब्रिज को आकर्षक रोशनी सज्जा से युक्त किया जाएगा। पूरा अयोध्या धाम ही विभिन्न प्रकार की लाइटिंग से जममगा उठेगा और सभी प्रमुख मंदिरों का विशेष रूप से आर्टिस्टिक डेकोरेशन होगा जिसमें रोशनी सज्जा प्रमुख रहेगी। अयोध्या के 500 से ज्यादा प्रमुख स्थलों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स से सजाया जाएगा। इसके अतिरिक्त 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशंस की भी अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रम के दृष्टिगल स्थापना की जाएगी।

शान बनेगा क्रैकर शो : 28 से 31 अक्टूबर के बीच अयोध्या में इस वर्ष होने वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान प्रतिदिन विभिन्न शिफ्ट्स में इस कार्यक्रमों का आयोजन होगा और मुख्य कार्यक्रम की समयावधि 45 मिनट की रहेगी। इस दौरान कुल मिलाकर 100 से ज्यादा कलाकार राम की पैड़ी व अन्य कार्यक्रम स्थलों पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का मंचन मुख्य रहेगा। इसके साथ ही, मुख्य कार्यक्रम की शोभा भव्य लेजर शो, मल्टी मीडिया प्रोजेक्शंस और आर्टिस्टिकली कोरियोग्राफ्ड फायरक्रैकर शो होगा जो कि पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुंचाएंगे और अयोध्या के आकाश को विभिन्न प्रकार की रोशनी से सराबोर कर देंगे। कोरियोग्राफ्ड ग्रीन एरियल फायरक्रैकर शो को 10 मिनट से ज्यादा अवधि के लिए संचालित किया जाएगा।

विदेशों से भी ली गई है प्रेरणा : दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन होगा जिसमें राम रथ समेत 7 बड़े मैकेनाइज्ड टैब्ल्यू को भी शोकेस किया जाएगा। यह सभी टैब्ल्यू प्रभु श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों से संबंधित होंगे और इनके निर्माण में ऑरोरो (बोलिविया), बासेल (स्विट्जरलैंड), साल्वाडोर (ब्राजील), बारांक्विला (कोलंबिया), डसेलडॉर्फ (जर्मनी) ग्रेनाडाइन्स से इंस्पायर्ड होंगे। माना जा रहा है कि दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान ही अयोध्या समेत आस-पास के सभी प्रमुख क्षेत्रों के वर्चुअल रिएलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए दर्शन कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। जिन तीर्थस्थलों को वर्चुअल रिएलिटी के जरिए जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है इसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी, छोटी देवकाली मंदिर, बड़ी देवकाली मंदिर, कनक भवन मंदिर व दशरथ महल मंदिर मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त, रंग महल मंदिर, सूर्य कुंड, भरत कुंड, गुप्तार घाट, राम हेरिटेज वॉक (साकेत पेट्रोल पंप से लता मंगेशकर चौक तक), राम गुलेला मंदिर, श्रृंगी ऋषि का आश्रम, मखोड़ा धाम, सिया राम किला, जैन मंदिर, छपिया नारायण मंदिर तथा अमावा मंदिर को भी वर्चुअल रिएलिटी प्रक्रिया से जोड़े जाने पर कार्य शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग व अयोध्या विकास प्राधिकरण इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं और एजेंसी आवंटन व कार्य निर्धारण समेत विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं पर कार्य जारी है।