औली हिल स्टेशन : धरती का स्वर्ग

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हिमालय की गोद में रचा-बसा औली हिल स्टेशन दुनिया के शीर्ष एवं बेहतरीन स्कीइंग स्थलों में से एक है। पर्यटकों को बर्फबारी का भरपूर आनन्द औली में मिलता है। समुद्र तल से करीब 8200 फुट ऊंचाई पर स्थित औली हिल स्टेशन एरिया मौज मस्ती का श्रेष्ठतम स्थान है।

वहीं यह हिल स्टेशन एरिया धर्म आध्यात्म का भी श्रेष्ठ केन्द्र है। बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम इसी एरिया में विद्यमान हैं। हिमालय के पर्वतों से आच्छादित औली हिल स्टेशन घास के खुशनुमा मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। औली को अल्ली एवं बग्यल के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तराखण्ड के चमोली जिला के तहत आने वाले औली हिल स्टेशन प्राकृतिक सम्पदाओं से अति समृद्ध है। स्थानीय भाषा गढ़वाली में औली का आशय ‘घास का मैदान” होता है। औली हिल स्टेशन एरिया में प्रवेश करते ही एहसास होता है कि जैसे स्वर्ग धरती पर साक्षात उतर आया हो। नरम मखमली घास, बर्फ की चादर से ढ़के पर्वत, झीलों में शांत बहता जल, शीतल हवा के झोके मन तन को पुलकित एवं प्रफुल्लित कर देते हैं। ऑक एवं शंकुधारी पेड़-पौध से आच्छादित वन क्षेत्र पर्यावरण को अत्यधिक समृद्धशाली बनाते हैं।

औली हिल स्टेशन में चौतरफा कहीं भी निगाह डाले तो मुस्कराता हिमालय पर्यटकों का स्वागत करते ही दिखता है। हिमालय की चोटियां पर्यटकों को जोशीला बनाती दिखती हैं। स्कीइंग के लिए औली हिल स्टेशन बेहतरीन एरिया है।

खास यह कि पेशेवर स्कीयर्स एवं नौसिखिया स्कीयर्स समान तौर पर दिखेंगे। पर्यटक स्कीइंग का शौक आसानी से पूरा कर सकते हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग औली में निरन्तर शीतकालीन खेलों का आयोजन करता है। औली हिल स्टेशन में केबिल कार के भरपूर मजे लिए जा सकते हैं। केबिल कार की सवारी करना पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं होता।

विशेषज्ञों की मानें तो औली हिल स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा रोपवे सवारी का केन्द्र है। रोपवे की सवारी का आनन्द लेते हुये पर्यटक नंदा देवी, त्रिशूल पीक, द्रोण पर्वत आदि की सुन्दरता का दृश्वालोकन कर सकते हैं। औली हिल स्टेशन यानी गर्मी में भी सर्दी का एहसास। सुखद, रोमांचक एवं ताजगी देने वाला औली हिल स्टेशन सर्दियों में यात्रा के लिए सर्वाधिक अनुकूल माना जाता है।

कारण सर्दियों में हिमालय की शीर्ष चोटियों से लेकर घास के विशाल मैदान तक बर्फबारी से ढ़के दिखते हैं। यह पल बेहद रोमांचक होते हैं। बर्फ की ओढ़नी ओढ़े हिमालय की पर्वत श्रंखला एक अनोखा रोमांच पैदा करती हैं। सुन्दर पहाड़ों की यह श्रंखला साहसी पर्वतारोहियों, प्रकृति प्रेमियों, शांति चाहने वालों, पर्यटकों, नवविवाहित जोड़ों को हनीमून के लिए खास आकर्षित करती है।

विभिन्न प्रजातियों के फूलों से भरे रास्ते दिलों को लुभाते हैं। एक मनोरम दृश्य दिखता है। औली हिल स्टेशन एरिया के खास आकर्षण की एक लम्बी श्रंखला है। खास आकर्षण में विष्णु प्रयाग, गोरसन बुगैल, हनुमान मंदिर, त्रिशूल पीक, नंदा देवी पीक, गुर्सा बंग्याल, सैलधर तपोवन, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, कुरी पास, जोशीमठ, बद्रीनाथ, तपोवन, कृतिम झील, गुरु बंग्याल, छत्रकुण्ड, क्वानी बंग्याल, हॉट स्प्रिंग प्वाइंट एवं चेनाब झील आदि हैं। औली हिल स्टेशन की सुन्दरता ही है कि वर्ष 2011 में औली हिल स्टेशन एवं देहरादून प्रथम दक्षिण एशियाई शीतकालीन खेलों की मेजबानी कर चुका है।

हनुमान मंदिर: हनुमान मंदिर अति प्राचीनकालीन है। किवदंती है कि द्रोणागिरि पर्वत की यात्रा के दौरान हनुमान जी इस स्थान पर कुछ पलों के लिए रुके थे।

त्रिशूल पीक: त्रिशूल पीक समुद्र तल से इलाके के शीर्षतम स्थान पर है। त्रिशूल पीक को एक विशेष चमत्कारिक स्थान माना जाता है। यहां से औली का मोहक दृश्य नजर आता है। इसी के निकट रूपकुण्ड झील भी स्थित है।

कृतिम झील: कृतिम झील औली के सुन्दर स्थानों में से एक है। इसे कृतिम बर्फ बनाने के मकसद से विकसित किया गया है। पर्यटक यहां स्कीइंग का आनन्द ले सकते हैं।

नंदा देवी पीक: नंदा देवी पीक देश का सबसे ऊंचा पहाड़ कहा जाता है। नंदा देवी पीक समुद्र तल से 7817 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। नंदा देवी पीक गढ़वाल हिमालय पर्वत का एक हिस्सा है। यहां से औली सहित आसपास का विहंगम दृश्य दिखता है। यह इलाका नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से घिरा है। यह स्थान यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।

गुर्सा बंग्याल: गुर्सा बंग्याल औली हिल स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर है। वस्तुत: गुर्सा घास का एक विशाल मैदान है। वसंत ऋतु में गुर्सा बंग्याल की सुन्दरता देखते ही बनती है। सर्दियों के दौरान बर्फबारी के कारण यह सफेद नजर आता है।

चिनाब झील: चिनाब झील यह डांग गांव के पास स्थित है। चिनाब झील अपने खास सौन्दर्य के लिए जानी जाती है।

सैलधर तपोवन: सैलधर तपोवन एक छोटे से गांव में स्थित है। यह औली से करीब 15 किलोमीटर दूर है। यह जोशीमठ के रास्ते में है। तपोवन गर्म पानी के स्प्रिंग्स के लिए जाना जाता है।

ट्रैकिंग: ट्रैकिंग का भरपूर आनन्द पर्यटक यहां ले सकते हैं। औली हिल स्टेशन एरिया बेहतरीन ट्रैकिंग सेवायें-सुविधायें उपलब्ध कराता है। औली के लोकप्रिय ट्रैकिंग ट्रैल्स में आउली-गोरसन करीब 7 किलोमीटर, गोरसन-तली करीब 6 किलोमीटर, ताली-कुडी पास करीब 11 किलोमीटर, कुरी पास-खुलरिया करीब 12 किलोमीटर एवं खुलार-तपोवन करीब 9 किलोमीटर की यात्रा है।

औली हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यह करीब 270 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार एवं ऋषिकेश हैं। औली हिल स्टेशन की ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से दूरी करीब 250 किलोमीटर है। औली हिल स्टेशन की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं।