अचरज : स्वयं ही बढ़ रही है हनुमान जी की मूर्ति

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आश्चर्य स्वयं ही बढ़ रही है हनुमान जी की मूर्ति चिपाड़ नाथ धाम… भारत देश में पवनपुत्र हनुमान जी को मानने वाले भक्तों की कमी नहीं है, क्योंकि पवनपुत्र हनुमान की महिमा अपरंपार है और जब लोगों को स्वयं महावीर हनुमान जी के अनेकों अद्धभुत चमत्कार दर्शन हो चुके हैं। इन सब घटनाओं से जनमानस की श्रृद्धा और भक्ति बढ़ती ही जाती है।

मध्य प्रदेश के मंडला जिला के निवास तहसील के अंतर्गत बंदरिया गांव है, जहां बजरंग बली का मंदिर जनमानस की श्रृद्धा और आस्था का केंन्द्र बिंदु बना हुआ है। क्योंकि इस मंदिर में विराजे बजरंगबली की महिमा अद्धभुत और अपरंपार है, इनका चमत्कार अद्भुत है, यहां सभी की मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है।

बजरंगबली के इस अद्धभुत मंदिर में असंख्य जनमानस का सैलाब उमड़ पड़ता है। बहुत दूर-दूर से अनेकों लोग इस मंदिर में भगवान हनुमान के दर्शन करने आते हैं। क्योंकि इस मंदिर में परिष्ठापित भगवान हनुमान में उनके भक्तजनों को अत्यधिक विश्वास और श्रृद्धा है। इस मंदिर में पवनपुत्र का अद्धभुत चमत्कार दिखता है।

हनुमान जी की अद्धभुत लीला : भगवान श्रीराम भक्त हनुमान जी की अद्धभुत लीला की चर्चा प्राय: ही देखने और सुनने को मिलती है वहीं कुछ विरले चमत्कार भी दृष्टिगत होते हैं ऐसी ही एक अद्धभुत लीला मंडला जिले के निवास तहसील के बंदरिया गांव में हुनमान जी के इस अद्धभुत मंदिर में चमत्कार देखने को मिल रहा है। यहां के स्थानीय जनमानस का कहना है कि इस मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा अपने आप निरंतर ही वृद्धि हो रही है, स्थानीय लोगों के अनुसार जब ये मूर्ति मिली थी तब मात्र 3 फिट की थी, और ग्रामीणों ने छोटा सा मंदिर का निर्माण कराया था। परन्तु समय के साथ साथ हनुमान जी की ये मूर्ति भी निरंतर बढऩे लगी, और वर्तमान में ये मूर्ति की लम्बाई 7 फीट की हो गई है।

प्रतिमा के बढ़ने से मंदिर छोटा पडऩे लगा है, जिसके चलते अब मंदिर का भव्य निर्माण एक बार फिर से कराया जा रहा है। जिससे अगर मूर्ति की लंबाई बढ़ रही है तो कोई परेशानी ना हो। इस गांव के स्थानीय पुराने लोगों का कहना है कि मंदिर में स्थापित भगवान हनुमान जी की प्रतिमा आठवीं से बारहवीं सदी के बीच की है। और यहां अगर कोई सच्चे हृदय से मनोकामना मांगता है तो वो अवश्य ही पूरी होती है।

गौर नदी का उद्गम स्थल है यहाँ : स्थानीय लोगों ने बताया कि गौर नदी का उद्गम स्थल भी बंदरिया गांव ही है। गौर नदीं के इस उद्गम स्थल पर प्रतिदिन भक्त पहुंच रहे हैं। यहां पवन पुत्र हनुमान जी की अद्धभुत प्रतिमा स्थापित है। इस स्थल के पास गौर नदी पर ही डेम का निर्माण भी किया गया है।

मंदिर से जुड़ी है भक्तों की भक्ति : इस मंदिर से भक्तों की बहुत आस्था जुड़ी हुई है। यहां के गांव के पुराने लोग भगवान बजरंग बली की और कई चमत्कार की कहानियां सुनाते हैं। जो अपने आप में अद्भुत हैं। बजरंग बली के इस मंदिर में दर्शन के लिए अपनी मनोकामना लेकर दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं। और बड़ी ही श्रृद्धा और भक्ति के साथ बजरंग बली की पूजा अर्चना करते हैं।

यात्रा करनी है तो : इस मंदिर में अगर आप हनुमान जी के दर्शन का मन बना रहे हैं तो आपके लिए मार्ग अत्यंत सरल है। मंडला जिले से लगभग 50-60 किलोमीटर पर स्थित है निवास तहसील, और वहां से मात्र 12-14 किलोमीटर में है बंदरिया गांव, जहां जाकर आप बजरंग बली के चमत्कार को देख सकते हैं, हनुमान भगवान के दर्शन कर सकते हैं। और अपनी अर्जी वहां लगा सकते हैं। इतना ही नहीं जबलपुर से भी बंदरिया गांव ज्यादा दूर नहीं है।