रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे

6 अप्रैल 1980 को जन्मी और राम मंदिर आंदोलन की गोद में पुष्पित-पल्लवित हुई भारतीय जनता पार्टी को वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए संजीवनी

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लखनऊ। 6 अप्रैल 1980 को जन्मी और राम मंदिर आंदोलन की गोद में पुष्पित-पल्लवित हुई भारतीय जनता पार्टी को वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए संजीवनी मिल ही गई। अब राम जी ही बेड़ा पार करेंगे, यह लगभग तय हो गया है। रविवार को अयोध्या में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान जुटी भीड़ से तो यही संकेत मिलता है।

भाजपा को अपने कैरियर के उत्थान पर पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अयोध्या में ऐतिहासिक रोड शो करके पार्टी के पक्ष में माहौल बदल दिया है। अयोध्या के सुग्रीव किला से लता मंगेशकर चौक तक लगभग 2 किलोमीटर का ये रोड शो ऐतिहासिक था और लगभग दो घंटे तक चला। इस दौरान लोगों का उत्साह देखने लायक था। पर यह रोड शो फैजाबाद लोकसभा और अवध क्षेत्र की सीटों पर कितनी छाप छोड़ पाया है ये तो आगामी 4 जून को वैलेट बॉक्स से निकलने वाले आंकड़े ही बता पाएंगे। किंतु इस दौरान भाजपाइयों और देश के विभिन्न कोनों से रामलला का दर्शन करने के लिए आए लोगों का उत्साह भाजपा के पक्ष में सकारात्मक संदेश दे रहा था।

पिछले दिनों विपक्षी नेताओं ने भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश की है लेकिन उनके सारे तर्कों पर राम, राम मंदिर और हिंदुत्व भारी पड़ते देख रहे हैं। दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की असामयिक मौत के बाद उपजी सहानुभूति की लहर में राम मंदिर का मुद्दा कहीं खो गया था। लगा था कि अयोध्या आंदोलन और राम मंदिर भाजपा को अब संजीवनी नहीं दे पाएंगे। परंतु 2014 में मोदी राज आने के बाद से अयोध्या और श्री राम मंदिर का मुद्दा हिंदुत्व के साथ भाजपा को लगातार संजीवनी दे रहा है।

वर्ष 1992 में पार्टी की एकता यात्रा में शामिल होने अयोध्या आए नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया था कि वे अब तब आएंगे जब अयोध्या में राम मंदिर बनने की सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। हुआ भी यही। प्रधानमंत्री मोदी उसके बाद अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करने और फिर 22 जनवरी 2024 को नए और भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आए। तब लगने लगा था कि भाजपा के पक्ष में जोरदार माहौल बन गया है परंतु वर्ष 2023 के आखिरी दिनों में बने इंडी गठबंधन ने भाजपा के लिए दिक्कतें पैदा करनी शुरू कीं। किंतु कुछ तो उनकी आपकी लड़ाई और कुछ नरेंद्र मोदी की किस्मत से ऐसी परिस्थितियां पैदा होती रहीं कि भाजपा का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को बची-खुची कसर नरेंद्र मोदी के रोड शो ने पूरी कर दी। अब यहां सिर्फ राम, हिंदुत्व और मोदी की की गूंज है। बाकी सारे मुद्दे यहां पर अब हवा में है।

हालांकि स्वर्गीय राजीव गांधी की मौत के बाद कुंद हुए मंदिर आंदोलन की धार को विपक्ष ने मंडल आयोग के नाम पर भोथरा करने की कोशिश भरपूर की। किंतु पहले अटल-आडवाणी और बाद में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पूरी हिम्मत के साथ अपना हिंदुत्व और राम मंदिर का मुद्दा उठाए रखा। अब तो हालत यह है कि भाजपा ने मंडल और कमंडल को इस तरह मिक्स किया है कि विपक्ष हैरान है। उसे इसकी काट नहीं सूझ रही। इस समय मंडल की समर्थक अधिकतर पिछड़ी जातियां भाजपा के खेमे में आकर रामधुन गा रही हैं। भाजपा ने मंडल और कमंडल का भेद ही खत्म कर दिया है।

इस प्रकार मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को अपनी तीसरी लड़ाई में राम मंदिर से रविवार को एक बार फिर जीवनदान मिल ही गया लगता है। राम मंदिर का उद्घाटन करने के लगभग 4 महीने बाद रविवार को मोदी एक बार फिर प्रभु श्रीराम के चरणों में दंडवत हुए और उनसे जीत का आशीर्वाद मांगा। अपने 2 किलोमीटर के रोड शो में मोदी ने वह कर दिया जो 5000 किलोमीटर की अपनी न्याय यात्रा में राहुल गांधी नहीं कर पाए। इस रोड शो के जरिए मोदी ने न सिर्फ आसपास के जिलों से आए भाजपा समर्थकों को उत्साहित किया बल्कि देश के विभिन्न कोणों से आए दर्शनार्थियों को भी संदेश दे दिया कि भाजपा अभी बहुत मजबूत है। निश्चित रूप से यह संदेश दर्शनार्थियों के माध्यम से पूरे देश में जाएगा और इसका असर आगामी पांच चरणों के लोकसभा मतदानों में होना तय है।

रोड शो लोगों से खचाखच भरा था। सड़क के दोनों तरफ भारी भीड़ भी थी। अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह भी पीएम के साथ रहे। खुली जीप के आगे महिलाएं चल रही थीं। लोग जयश्री राम के नारे लगाकर और मोबाइल की लाइट जलाकर पीएम का अभिवादन कर रहे थे। बड़ी संख्या में साधु-संत भी पहुंचे। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के रविवार के रोड शो ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में लगभग कामयाबी हासिल कर ली है।

अभयानंद शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ