बर्फबारी का आनंद लेना हो तो मनाली की सैर करें

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मनाली हिल स्टेशन : रोमांच का खजाना.. मनाली हिल स्टेशन स्वर्ग के हर आयाम की सुखद अनुभूति है। हिमाचल प्रदेश का मनाली हिल स्टेशन कहीं बर्फ का कोमल एहसास कराता है तो कहीं मोती सा निर्मल जल छेड़छाड़ करता दिखता है। समुद्र तल से करीब 1950 मीटर ऊंचाई पर स्थित मनाली हिल स्टेशन चौतरफा सुन्दरता से घिरा है। हरे भरे मखमली घास के लॉन-ढ़लान एक सुखद स्पर्श का एहसास कराते हैं।

सीना ताने खड़े लम्बे-चौड़े पर्वत कभी बर्फ की ओढ़नी में दिखेंगे तो कभी शीतल हवा के झोको संग छेड़छाड़ करते दिखेंगे। प्रशासनिक तौर पर देखें तो मनाली हिल स्टेशन जिला कुल्लू का हिस्सा है। मनाली हिल स्टेशन एरिया की आबादी भले ही कम हो लेकिन यह हिल स्टेशन देश के शीर्ष पर्यटन क्षेत्र में गिना जाता है। मनाली हिल स्टेशन देश का चुनिंदा पर्यटन स्थल होने के साथ साथ धार्मिक एवं पौराणिक महत्व भी रखता है।

भारतीय संस्कृति एवं विरासत के लिए मनाली खास महत्व रखता है। इसे सप्त ऋषियों का आश्रय स्थल भी कहा जाता है। वस्तुत: मनाली का आशय ‘मनु का निवास” होता है। मनाली को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है। मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर भी है। मनाली का शीतल एवं शांत वातावरण मन-मस्तिष्क को एक सुखद एहसास कराता है। परिवेश पर्यटकों को ऊर्जावान बनाने के साथ साथ जोश भी प्रदान करता है। नवविवाहित युगल के हनीमून का श्रेष्ठतम स्थान के तौर पर मनाली को देखा जाता है।

खास यह कि मनाली हिल स्टेशन में स्कीइंग, हाइकिंग, पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायाकिंग एवं माउंटेन बाइकिंग का आनन्द भी पर्यटक लेते हैं। यॉक स्कीइंग मनाली हिल स्टेशन का अनोखा खेल है। मनाली हिल स्टेशन एरिया में आकर्षण की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से हिडिम्बा देवी मंदिर, मनु महाराज मंदिर, हिमालयी बौद्ध मंदिर, भगवान राम मंदिर, वान विहार पार्क, राहला वॉटर फॉल्स, ओल्ड मनाली, नग्गर, गर्म पानी का स्प्रिंग्स, सोलांग घाटी आदि हैं।

हिडिम्बा देवी मंदिर: हिडिम्बा देवी मंदिर 1553 में स्थापित किया गया था। हिडिम्बा पाण्डव पुत्र भीम की पत्नी थी। हिडिम्बा को देवी का दर्जा हासिल है। यह भव्य-दिव्य मंदिर विलक्षण काठ की कढ़ाई के लिए खास तौर से जाना जाता है। इस चार मंजिला शिवालय को धौंगरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मनाली हिल स्टेशन के सुन्दर स्थानों में इसे गिना जाता है। मनाली की एक सुन्दर पहाड़ी के ऊपर देवदार के वन क्षेत्र से घिरा यह मंदिर कई खूबियां रखता है। इसे एक तीर्थस्थल के रूप में माना जाता है। मंदिर का निर्माण विशिष्ट वास्तुशिल्प शैली में किया गया है। मंदिर परिसर में ही भीम-हिडिम्बा पुत्र घटोत्कच की लकड़ी की मूर्ति भी स्थापित है।

मनु महाराज मंदिर : मनु महाराज मंदिर ऋषि मनु को समर्पित है। मनाली हिल स्टेशन से मंदिर करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित है। इस स्थान का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व है।

हिमालयी बौद्ध मंदिर: हिमालयी बौद्ध मंदिर आस्था, विश्वास एवं श्रद्धा का केन्द्र है। यहां भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। इसे शाक्यमुनि मंदिर भी कहा जाता है।

भगवान राम मंदिर: भगवान राम मंदिर वशिष्ठ हॉट वाटर स्प्रिंग के पास स्थित है। भगवान राम यहां धर्म समर्थक देवता के स्वरूप में विद्यमान है। पर्यटक एवं श्रद्धालु स्नान के बाद भगवान राम के इस स्वरुप के दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते हैं।

वान विहार पार्क: वान विहार पार्क मौज-मस्ती एवं घूमने का एक अच्छा स्थान है। नौकायन के लिए एक सुन्दर लघु जलाशय भी है।

राहला वॉटर फॉल्स : राहला वॉटर फॉल्स मनाली हिल स्टेशन के मुख्य आकर्षण में से एक है। जोगिनी, रोजी, जाना एवं राहला वॉटर फॉल्स की सुन्दरता देखते ही बनती है। मनाली हिल स्टेशन से करीब 16 किलोमीटर दूर स्थित राहला वॉटर फॉल्स पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र है। समुद्र तल से करीब 8500 फुट ऊंचाई पर स्थित यह वॉटर फॉल्स बेहद सुन्दर है। यह वाटर फॉल्स रोहतांग के निकट है। राहला वॉटर फॉल्स वस्तुत: ग्लेशियर के पिघलने का परिणाम है।

ग्लेशियर की बर्फ पिघल कर नीचे वाटर फॉल्स की शक्ल में आती है। इसका पानी बेहद ठंडा होता है। देवदार के वृक्षों एवं सुगंधित पेड़-पौधों से घिरा वाटर फॉल्स परिसर मन-मस्तिष्क को प्रफुल्लित करने वाली ताजगी युक्त हवा देता है। सुखद मौसम एवं सुन्दर परिवेश मनाली घूमने का आनन्द दोगुना कर देता है।

नग्गर : नग्गर मनाली का एक छोटा सा गांव है। यहां पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व का एक शानदार एवं सुन्दर महल है। हालांकि इस महल को अब होटल में परिवर्तित कर दिया गया है।

गर्म पानी स्प्रिंग्स: गर्म पानी स्प्रिंग्स में सल्फर वाला पानी प्रवाहित होता है। स्प्रिंग्स के बीस कुण्ड, वशिष्ठ, कलाथ एवं नेहरू कुण्ड प्राकृतिक स्प्रिंग्स हैं। जल में सल्फर के तत्व होने के कारण इस जल का आैषधीय महत्व है। बशिष्ठ बीस नदी के पार मनाली से करीब तीन किलोमीटर दूर गांव है। इन झरनों के निकट ही स्नान के लिए एक स्थान है। स्नान करने से त्वचा सम्बंधी रोग का उपचार हो जाता है। तुर्की शैली में बना स्नानघर भी सुन्दर लगता है।

सोलांग घाटी: सोलांग घाटी को खास तौर से स्नो प्वाइंट के तौर पर जाना-पहचाना जाता है। यह क्षेत्र साहसी खेलों के लिए खास है। स्कीइंग, पैराशूटिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण जैसे सर्दियों के खेल आयोजित होते है। समुद्र तल से करीब 2560 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह क्षेत्र पर्यटकों का खास पसंदीदा है। सोलांग घाटी, सोलांग गांव एवं व्यास कुण्ड के बीच स्थित सोलांग घाटी हिमनदों एवं हिमाच्छादित पर्वत श्रंखला का शानदार दृश्यावलोकन कराता है।

मनाली हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट मनाली से करीब 50 किलोमीटर दूर भुंतर में स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर है। मनाली हिल स्टेशन से जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन की दूरी करीब 135 किलोमीटर है। इसके अलावा मनाली हिल स्टेशन के लिए चण्डीगढ़ तक भी रेल यात्रा की जा सकती है। चण्डीगढ़ से मनाली हिल स्टेशन की दूरी करीब 315 किलोमीटर है। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी मनाली हिल स्टेशन की यात्रा की जा सकती है।