फसल में आग लगने पर किसानों को नहीं काटने होंगे मुआवजे के लिए चक्कर

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किसानों को बड़ी राहत, एक सप्ताह में देनी होगी जांच रिपोर्ट

ढाई एकड़ तक 30 हजार, पांच एकड़ तक 40 हजार और पांच एकड़ से अधिक जोत पर 50 हजार रुपए मिलेगा मुआवजा, दो लाख या अधिक मुआवजा होने पर डीएम लेंगे फैसला

आवेदन का समय भी बढ़ा, दुर्घटना दावा करने की समय सीमा 60 से 90 दिन हुई

ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं प्रभावित किसान

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को बड़ी राहत दी है। खेतों या फसलों में आग लगने पर उन्हें मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस बाबत आनलाइन आवेदन के बाद एक सप्ताह में जांच पूरी कर पीड़ित किसान के खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी। सीएम योगी ने जांच एक सप्ताह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीएम ने पूर्व की सरकार में मिलने वाली सहायता राशि को दोगुना कर दिया है।

सीएम योगी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इसी के मद्देनजर अब 2018 में खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को देने के लिए दुर्घटना दावा करने की समय सीमा बढ़ाकर 60 से 90 दिन कर दिया है। इसमें शार्ट सर्किट से हुई अग्नि दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। किसानों की भरपूर सहायता के लिए सीएम योगी ने इस योजना के तहत मिलने वाली मुआवजे की धनराशि भी बढ़ा दी है। पांच एकड़ की जोत पर मिलने वाली 20 हजार की सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया है। जबकि ढाई एकड़ की जोत पर मिलने वाली सहायता राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया गया है। इसी प्रकार पांच एकड़ से अधिक जोत पर सहायता राशि पहले 30 हजार रुपए मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया है। किसी एक स्थान पर आग से सामूहिक क्षति की धनराशि दो लाख या अधिक होने पर डीएम अंतिम फैसला लेंगे।

किसानों को करना होगा पोर्टल पर आवेदन : रबी कटाई सत्र में बिजली के तारों में शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से खेतों में आग लगने पर किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना संचालित है। इसके तहत फसल नष्ट होने के एवज में किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था है। यह सरकारी मदद पाने को किसानों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। मंडी परिषद से संचालित खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना की विस्तृत जानकारी मंडी समिति के कार्यालय से भी दी जा रही है। हादसे के बाद मुआवजा के लिए किसान किसी भी जनसेवा केंद्र पर ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रभावित किसानों के आवेदन पर क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल मौके पर जांच करेंगे।