महात्मा गाँधी फिल्म महोत्सव: वैचारिकी एवं चिंतन का संगम

0
1903

निर्मल अन्त:करण को जो प्रतीत हो वही सत्य, व्यक्ति अपने विचारो से निर्मित एक प्राणी हैं, वह जो सोचता वही बन जाता हैं। गाँधी जी के विचारों से प्रेरित होकर प्रेरणा जन संचार और शोध संस्थान एवम् भारतीय फिल्म प्रसारण ने दो दिवसीय ऑनलाइन महात्मा गाँधी फिल्म महोत्सव का आयोजन किया।

27 अक्टूबर को शाम 6 बजे गाँधी जी के जीवन पर आधारित फिल्मो का चित्रण किया गया, जिसमे साबरमती के सन्त फिल्म मे साबरमती गीत के साथ गाँधी जी के जीवन पर आधारित कहानी जिसे केन्द्रीय फिल्म बोर्ड द्वारा बनाया। “नमक की कंकडी” फिल्म डिवीजन द्वारा निर्मित, जिसके निर्माता ओर पात्र इरशाद पज्ंतन है। फिल्म मे डांडी मार्च सुन्दर प्रस्तुति है। “हमारे बापू” फिल्म सीधे सादे हमारे बापू पर आधारित। बापू ने कहा था कि सम्मान के बिना कोई स्वतंत्रता हो ही नहीं सकती। ये फिल्म वी. एस कुंदु ओर सुरेश मेँनन की हैं।

गाँधी जी ने अपने जीवन में सिर्फ एक भारतीय और एक विदेशी फिल्म ही देखी थी। महात्मा गाँधी, एक ऐसा नाम जिसे भारत ही नहीं पुरे दुनिया में किसी परिचय की ज़रूरत नहीं। सत्य और अहिंसा का पुजारी जिसने बिना शस्त्र उठाये अंग्रेजों को झुका दिया और भारत को आजाद करा दिया।

दिनांक 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे इस कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके मुख्य अतिथि शिव प्रकाश, विशिष्ट अतिथि श्रीमती स्मिता वत्स शर्मा, प्रो के जी सुरेश, हितेश शंकर, सारांश कनोजिया थे। कृपा शंकर ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी अतिथियो का आभार व्यक्त किया। इस दिन महात्मा गाँधी के जीवन पर आधारित फिल्मे वैष्णव जण (ए मैन ऑफ़ हिज वर्ड), “नायक नी पोल पोरबंदर” फिल्म के प्रडूसर प्रमोद पाती ओर फिल्म मे आवाज प्रताप शर्मा की। इस फिल्म मे गाँधी जी के जनम स्थान और परिवार का चित्रण है। “पोरबंदर में एक सूरज चमका जिसने सारे देश को रोशन किया।

“नॉन कॉर्पोरेशन मूवमेंट” यह फिल्म फिल्म डिवीज़न ने बनाई जिसमें असहयोग आंदोलन का चित्रण है। ये आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम, चरखा का चित्रण प्रेरणादायक है “मेरी इच्छा उनके हर आसूँ पोछने की है”_गाँधी जी के वाक्य,
“देन केंम गाँधी” फिल्म डिवीज़न ने बनाई जिसमे सत्याग्रह की कहानी का चित्रण। इसके लेखक ओर निर्माता एल. एस. थापा। “अस्थि प्रवाह संस्कार” फिल्म इन्फार्मेशन ब्रोंडकास्टिंग ने बापू की अन्तिम यात्रा पर चित्रित है। बापू जी के त्याग के बाद वो सदेव तीसरे दर्जे मे सफ़र करते थे सही अर्थो में बापू की अन्तिम दर्शन की कहानी। ये आत्माओ का मिलाप है।
“ग्रेट साल्ट मार्च” अविस्मरणी नमक आन्दोलन की कहानी जिसके लेखक निर्माता श्री एल.एस. थापा। “डाऊन ऑफ़ गाँधी ऐरा” फिल्म डिवीजन द्वारा बनी, जिसमे प्रथम विश्व युध्द मे भारत ओर गाँधी जी का योगदान का चित्रण।

“संवेधानिक प्रयोग” फिल्म मे स्वराज हमारा अधिकार पूर्ण स्वराज का, सुभाष चन्द्र बोस का योगदान का चित्रण है। सविधांन का निर्माण की कहानी। “क्वीट इंडिया” फिल्म डिवीजन की फिल्म हिटलर को गाँधी जी ने पत्र लिखा पर आधारित हैं, अग्रेज भारत छोडो की कहानी, हरिजन पत्र का बन्द होना, आजाद हिन्द फौज का गढ़न की कहानी देखने को मिली।
इस समापन समारोह का संचालन अनिल निगम ने बडी कुशलता से किया। अन्त मे रवि श्रीवास्तव ने सभी का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।

दिनांक 27 अक्टूबर शाम 4 बजे को इस कार्यक्रम का शुभारंभ कृपाशंकर जी, अणनज त्यागी जी के दीप प्रज्वलित कर के हुआ। इसके मुख्य अतिथि प्रो भगवती प्रसाद शर्मा जी, विशिष्ट अतिथि जगदीश उपासने, प्रफुल्ल केतकर जी, राजीव कुमार थे। इस कार्यक्रम का संचालन अमिताभ श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।

# सीमा मोहन