बादलों की गोद बर्फ़बारी का आनन्द धरती का स्वर्ग धर्मशाला हिल स्टेशन

0
599

बादलों की गोद बर्फ़बारी का आनन्द धरती का स्वर्ग, रोमांच का एहसास धर्मशाला हिल स्टेशन धर्मशाला हिल स्टेशन : धरती का स्वर्ग… धर्मशाला हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला हिल स्टेशन वस्तुत: एक सुन्दर एवं सुरम्य शहर है। प्रकृति की गोद में रचा-बसा धर्मशाला कांगड़ा घाटी का एक प्राकृतिक जादू है। जिसे देख कर कोई भी हसीन वादियों में खो जाता है। समुद्र तल से करीब 1487 मीटर ऊंचाई पर स्थित धर्मशाला हिल स्टेशन को देश के लुभावने एवं आकर्षक पर्यटन स्थल के तौर पर जाना पहचाना जाता है। बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवास शहर होने के कारण धर्मशाला को धार्मिक एवं पवित्र शहर के रूप में भी देखा जाता है। खास तौर से देखें तो प्राकृतिक सुन्दरता यहां कण-कण में रची बसी दिखती है। धर्मशाला का शांत वातावरण एवं सुन्दरता पर्यटकों को बरबस आकर्षित करती हैं। गर्मियों में पर्यटकों के लिए धर्मशाला किसी स्वर्ग से कम नहीं है। कुछ पर्यटक यहां बर्फबारी का आनन्द लेने सर्दियों में आते हैं। धर्मशाला के मुख्य आकर्षण में देखें तो धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम की सुन्दरता निराली है। यह क्रिकेट स्टेडियम दुनिया के सबसे बेहतरीन स्टेडियम में से एक है। सबसे ऊंचा एवं चौतरफा खूबसूरती से घिरा स्टेडियम है। इसके अलावा नाम कला गैलरी, मोनोलिथिक रॉक मंदिर, भगासु झरना, भगतुनग मंदिर, कंागड़ा संग्रहालय, कुणाल पाथरी मंदिर, चामुंडा मंदिर एवं डलझील आदि हैं। चौतरफा प्रकृति की इन्द्रधनुषी निराली छटा दिखती है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे किसी अन्य लोक में हों। बर्फबारी से घिरी हिम श्रंखला की चोटियां, चारों ओर हरे-भरे खूबसूरत बागान एवं कुदरती सुन्दरता पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। धर्मशाला हिल स्टेशन में चौतरफा ऊंचे-ऊंचे पाइन के पेड़, सुगंधित चाय एवं कॉफी के बागान, इमारती लकड़ी के शानदार वृक्ष खूबसूरती को चार चांद लगा देते हैं। हिम शिखर कभी बर्फ की चादर ओढ़े दिखते हैं तो सीना ताने सुन्दरता को बयां करते हैं। बर्फीली पहाड़ियां, हरे-भरे घास के लॉन, देवदार के शानदार वृक्ष अति लुभावने प्रतीत होते हैं। इसे शानदार धर्मशाला, मनोरम हिमाचल प्रदेश कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। करीब 850 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला यह सुन्दर हिल स्टेशन देश विदेश में खास ख्याति रखता है। धर्मशाला का उत्तरी इलाका घने वन क्षेत्र से आच्छादित है। पश्चिमी इलाका खेत-खलिहान से शोभायमान रहता है। यह इलाका खास तौर से धौलाधार पर्वत एवं शिवालिक पर्वतमाला से घिरा है। खूबसूरत पर्वतमालाओं के साथ ही धर्मशाला में धूप एवं हिमपात के दृश्य यहां खास दर्शनीय होते हैं। सेंट जॉन चर्च : सेंट जॉन चर्च लॉर्ड एल्गिन की याद में बनवाया गया था। चर्च धर्मशाला के दर्शनीय स्थलों में से एक है। पत्थरों से बना यह चर्च दर्शकों-पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करता है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज मार्ग पर स्थित यह चर्च अपनी खास खूबसूरती के लिए जाना जाता है। रंगीन कांच की खिड़कियां लुभावनी हैं।  मैक्लोडगंज: मैक्लोडगंज धर्मशाला का एक बेहतरीन इलाका है। यह खास तौर से तिब्बती कला संस्कृति को रेखांकित करने वाला इलाका है। यहां तिब्बती समुदाय की कई बस्तियां हैं। यहां कला-संस्कृति, कलाकृतियां, हस्तशिल्प एवं तिब्बती शैली की वस्तुओं का बाजार भी लगता है। मैक्लोडगंज में महात्मा गौतम बुद्ध की शानदार प्रतिमा भी दर्शनीय है। मैक्लोडगंज में एक वृहद प्रार्थना चक्र भी है। डलझील: डलझील धर्मशाला का दर्शनीय इलाका है। डलझील की खूबसूरती देखते ही बनती है। लिहाजा पर्यटक आकर्षित हुये बिना नहीं रह पाते। पर्यटक ट्रैकिंग का शौक रखते हैं तो यह सबसे बेहतरीन इलाका है। धर्मशाला से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित डलझील फर के पेड़ों से चौतरफा घिरा एक सुन्दर स्थान है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अविस्मरणीय स्थान है। करेरी झील: करेरी झील समुद्र तल से करीब 3250 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। धर्मशाला हिल स्टेशन से करेरी झील की दूरी करीब 22 किलोमीटर दूर है। घास के मखमली चारगाह एक अनूठा आनन्द प्रदान करते हैं। धर्मकोट: धर्मकोट की सुन्दरता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। धर्मकोट की सुन्दरता मन मस्तिष्क में रच बस जाती है। धर्मकोट में एक सुखद शीतलता का एहसास होता है। चामुण्डा देवी का मंदिर: चामुण्डा देवी का मंदिर धर्मशाला हिल स्टेशन के मुख्य मंदिरों में से एक है। धार्मिक स्थान होने के साथ साथ प्राकृतिक खूबसूरती से आच्छादित यह इलाका अति मनोरम प्रतीत होता है। चामुण्डा जी के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं। भगासुनाथ वॉटर फॉल्स: भगासुनाथ वॉटर फॉल्स अपनी विशेषताओं एवं सुन्दरता के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। यहां भगासुनाथ का एक सुन्दर एवं प्राचीन मंदिर भी है। धर्मशाला से यह स्थान करीब 11 किलोमीटर दूर है। त्रियूंड : त्रियूंड धर्मशाला का एक अति सुन्दर एवं मनोहारी पिकनिक स्पॉट है। पर्यटकों का यह एक पसंदीदा स्थान है। जहां पर्यटक घंटों बैठ कर प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेते हैं। धर्मशाला से कुछ ही दूर पर स्थित इस पिकनिक स्पॉट से धौलाधार पर्वत का सौन्दर्य निहार सकते हैं। पर्वतारोहण का आधार स्थल भी यहीं है।  धर्मशाला हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गग्गल एयरपोर्ट है। गग्गल एयरपोर्ट से धर्मशाला हिल स्टेशन की दूरी करीब 15 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कांगड़ा जंक्शन है। कांगड़ा रेलवे स्टेशन से धर्मशाला हिल स्टेशन की दूरी करीब 22 किलोमीटर है। पठानकोट जंक्शन के माध्यम से भी धर्मशाला हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं। पर्यटक सड़क मार्ग से भी धर्मशाला हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।