नाखूनों की खूबसूरती पर टिका 1100 करोड़ का बिज़नेस

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नाखूनों की खूबसूरती पर टिका 1100 करोड़ का बिज़नेस…… सुंदर दिखने की चाहत भला किसे नहीं होती और यही चाहत श्रृंगार सामग्री के कारोबार की जान है। वैसे तो श्रृंगार सामग्री -ब्यूटी प्राॅडक्ट्स का दायरा बहुत बड़ा हो गया है। नख से शिर तक यानी टो से हेयर तक बाॅडी के हर पार्ट हर अंग को संवारने वाले हर रेंज के साज-सामान से पटे पड़े हैं बाजार, इनकी लम्बी फेहरिस्त है और उनके बारे में एक साथ जानकारी देने में छोटी मोटी किताब तैयार हो जाएगी। इस समय एक ऐसे प्राॅडक्ट के बारे में जिक्र किया जा रहा है जो किसी भी फिमेल चेहरे के बाद सबसे पहले और सबसे ज्यादा नजरों को खींचने वाले अंग नाखूनों की खूबसूरती में चार-चांद लगा देता, और एक्सपर्ट्स ने इसे नाम दे रखा है – नेल ब्यूटीफायर।

फैशन का ट्रेंड पहले भी बदलता था लेकिन प्राॅडक्ट्स बाजार में लम्बे समय टिके रहते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। टेक्नोलॉजी ने अन्य सभी क्षेत्रों की तरह श्रृंगार के क्षेत्र में भी अकल्पनीय रद्दोबदल किए हैं। यह टेक्नोलॉजी ही है जो किसी भी बदलाव को ज्यादा समय तक बाजार में टिकने नहीं देती जिसकी वजह से फैशन ट्रेंड की लाइफ शार्ट हो गई है। पहले नाखूनों को आकर्षक बनाने के लिए नाखूनी अर्थात नेलपालिश ही एकमात्र साधन हुआ करता था, वो सब बीसवीं सदी की भूली बिसरी यादों में शायद ही बचा हो। अब तो नाखूनों की सजावट के इतनी तरह के प्राॅडक्ट हैं जिनके बारे में जानकारी भी नहीं हो पाती है। रोज नए आइटम बाजार में लांच हो रहे हैं, जब भी शापिंग करने जाएंगी शोकेस में नया आइटम लगा दिखाई पड़ेगा।

जेल नेल पॉलिश ने तो ट्रेंड ही बदल दिया। एलईडी और अल्ट्रावायलेट के अंतर्गत तैयार की जाती है, बेहतरीन शाइन देती है और करीब तीन हफ्तों तक नेल्स की शाइन को मेंटेन रखने की खासियत से पापुलर हो गई। इधर इलेक्ट्रिक ब्लू, लेमन लाइम, क्लासिक रेड, न्यूट्रल पिंक, एमरल्ड ग्रीन, लवेंडर सिल्वर और साॅफ्ट आरेंज कलर डिमांड में है। निर्माताओं ने जब रेडीमेड नेल्स बाजार में उतारे तो थोड़े समय के बाद बिक्री बढ़ने लगी। सोलर नेल्स लगवाने के लिए किसी पार्लर या ब्यूटी सेंटर जाने का हेडैक भी नहीं, सोलरनेलकिट खरीद लीजिए, आप आसानी से घर पर खुद ही लगा सकती हैं। एक्रिलिक-जेल से तैयार सोलर नेल्स कई हफ्तों तक टिक जाते हैं और एसिटोन से आसानी से रिमूव किए जा सकते हैं।

औसत कटेगरी में वेरीमिस प्रीमियम 75 रु, फेसेस़ कनाडा 107 रु, लक्मे 9 टु 5 133 रु, लक्मे ट्रू वियर 143 रु, जूसवन 158 रु, माइग्लैम 174 रु, लक्मे एब्सोल्यूट 199 रु, डि बेले जेल नेल पॉलिश 255 रु, एली -18 330 रु और समर फ्लोरल 335 रु, चार ब्रांड 700-800 रु तक तो कलरबार की मिनीकिट 1250 रु के प्राइस रेंज में बिक रही हैं। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय नेल ब्यूटी प्रोडक्ट्स की बिक्री प्रति वर्ष औसतन 9-10 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है, 2022-23 में 1100 करोड़ रुपए के करीब रही। टेकसाइ रिसर्च ने नेलब्यूटी सेगमेंट की बिक्री अगले साल 1200 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंचने का अनुमान लगाया है। नेलब्यूटी के बिज़नेस में छोटे निर्माताओं के समानांतर ही एसटी लाॅडर, एवॅन, लोटस, लक्मे, ल’ओरियल,ओरिफ्लेम, रेवलाॅन, कलरबार, नार्स कास्मेटिक्स, बायोवेदा और एमवे जैसी दमदार कंपनियां लगी हैं।

एक और जानकारी, देश में नेलब्यूटी प्राॅडक्ट्स की सबसे अधिक बिक्री उत्तर भारत में, दूसरे नंबर पर पश्चिम भारत, तीसरे पर दक्षिण और सबसे कम पूर्वी भारत में होती है। वैसे 2.5 लाख डॉलर (तकरीबन दो करोड़ रु) कीमत की ‘लक्से लिक़र’ दुनिया में सबसे महंगी नेलपॉलिश है जो ब्लैक डायमंड से युक्त होती है। ‘गोल्ड रश’ की एक शीशी 1.30 लाख डॉलर (एक करोड़ रु से अधिक) में बिकती है जिसे हालीवुड या दूसरी फिमेल पर्सनेलिटीज़ इस्तेमाल करती हैं।

प्रणतेश बाजपेयी