6766 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स जांच के दायरे में, जीएसटी फर्जीवाड़ा में एक दर्जन शामिल

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6766 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स जांच के दायरे में, जीएसटी फर्जीवाड़ा में एक दर्जन शामिल….. हालिया सालों में औद्योगिक, व्यापारिक, बैंकों – वित्तीय संस्थानों से लेकर सेवा क्षेत्र तक में घपलों, हेराफेरी और गबन के बढ़ते मामलों में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स -सीए की संलिप्तता में जबर्दस्त बढ़ोतरी होना चिंताजनक है। जानकारी के अनुसार 6766 भ्रष्ट सीए की जांच की जा रही है। हालांकि सरकार ने ‌इसकी रोकथाम के लिए कई कदम भी उठाए हैं इसके बावजूद इस प्रोफेशन में दागदारों की संख्या उम्मीद से ज्यादा बढ़ ही रही है, ऐसा लगता है कि उन्हें कानूनों का जरा भी खौफ नहीं रह गया है। सामने खड़ा समय कठोर कदम उठाने के लिए सीए इंस्टीट्यूट को बार-बार चेतावनी दे रहा है।

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) प्रोपगेंडा ज्यादा कर रहा है ठोस कार्रवाई कम। इंस्टीट्यूट के मौजूदा प्रेसीडेंट अनिकेत तलटी को बीते दो वर्षों में दस गंभीर मामले मिले जिनमें दोषी सीए के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई। और इसी अवधि में तीन सीए को गिरफ्तार किया गया। ई सीए को प्रैक्टिस से आजीवन के लिए डिबार कर दिया गया।

रिकार्ड बताते हैं कि भ्रष्ट सीए पर 2022-23 में इंस्टीट्यूट के बोर्ड ऑफ डिसिप्लिन और कमेटी ऑफ डिसिप्लिन की 112 बैठकें की गईं यानी औसतन हर तीन दिनों में एक बैठक। इन बैठकों के परिणामों का पूरा खुलासा पब्लिक नहीं किया गया। पदाधिकारी साख बचाने के भ्रम में ही इंस्टीट्यूट की साख को डुबाने का काम कर रहे हैं। कार्यप्रणाली में पूर्ण पारदर्शिता का समावेश किया बिना सुधार नहीं होने वाला।

जानकारी है कि भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त 6 हजार 766सीए की जांच के परिणाम आने पर उनका पब्लिक डोमेन में खुलासा किया जाना चाहिए। ऐसे दोषी सीए के काले कारनामों के डिटेल्स इंस्टीट्यूट की वेबसाइट में डालें जाएं। दोष के आथार पर उन पर पेनाल्टी भी लगाना जरूरी है। कैफे कॉफी डे के मामले में भ्रष्ट सीए को दंडित भी किया जा चुका है। हाल ही में जाएसटी इंटेलिजेंस डाइरेक्टरेट के राष्ट्रव्यापी अभियान में बड़े स्तर पर जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वाले एक दर्जन सीए का खुलासा किया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेस ऐंड कस्टम्स के प्रमुख विवेक जौहरी ने मीडिया को बताया कि इन भ्रष्ट सीए के कारनामों के डिटेल्स इंस्टीट्यूट को सौंप दिए गए थे। लेकिन इंस्टीट्यूट की तरफ से अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया।

आडिट प्रोफेशन में भ्रष्ट सीए के बढ़ते मामलों के चलते नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथाॅरिटी भी बहुत सक्रिय हुई है और इसने कपर जुर्माना भी ठोंका है। अथाॅरिटी का खौफ भी भ्रष्ट सीए में दिखाई पड़ा है। ताजा मामला- एडुटेक बैजुस के आडिटर डिलाॅयट हस्किंस ऐंड सेल्स का इस्तीफा दिया जाना और कंपनी कार्य मंत्रालय द्वारा बैजुस के मामले की जांच शुरू किया जाना अत्यंत शर्मनाक घटना है। इसके अलावा भी सत्यम कंप्यूटर से लेकर दीवान हाउसिंग तक ऐसे अरबों रुपए के फ्राड मामलों की लंबी सूची है जिसमें भ्रष्ट सीए की काले कारनामों से समूचा सीए प्रोफेशन शर्मसार होता रहा है।

प्रणतेश बाजपेयी