लाॅलीपाप स्कीमों में फंसाकर 10 राज्यों में 19 लाख लोगों के 384 करोड़ डकारे…… लुभावनी स्कीमों के जाल में फंसाकर विजयवाड़ा की अक्षय गोल्ड फार्म्स ऐंड विलाज़ लिमिटेड नामक कंपनी ने दस राज्यों के उन्नीस लाख निवेशकों के 384 करोड़ रुपए हड़प लिए। शिकायतों का अंबार लगने पर ईडी ने कंपनी और इसके प्रमोटरों की कई स्थानों में अचल सम्पत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है।
मास्टरमाइंड सुब्रह्मण्यम भोगी ने देवकी हरनाथ बाबू, मुनाफ शेख अब्दुल, नारायण सेट्टी ईसवराव, ज़ाकिर हुसैन कोसिगी, सालोमन राजू मंडरू, नागराजू मंजुला बालेमिया शेख और पालसन बेमुला सहित ग्यारह-बारह लोगों के कुल तीस लाख रुपए के सहयोग से विजयवाड़ा (आंध्र) में 2007 में अक्षय गोल्ड फार्म्स लिमिटेड की स्थापना की, बाद के दो- तीन वर्षों में लाख- दो लाख की पूंजी लगाकर ऐसी ही आधादर्जन कंपनियां बना लीं। मास्टरमाइंड सुब्रह्मण्यम भोगी की लीडरशिप में उच्च रिटर्न के लाॉलीपाप वाली स्कीमों के जरिए जो भी धन एकत्र किया जाता था उससे पारिवारिक सदस्यों के नाम से और ऐसी ही बनाई गई अपनी दूसरी कंपनियों – फर्मों में लगा दिया जाता था।
भोगी ने लाख- सवा लाख रुपए की पूंजी वाली अक्षय पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर प्रा. लि., अक्षय गोल्ड एग्रो केमिकल्स प्रा. लि., अक्षय गोल्ड स्टोरेज प्रा लि., अक्षय गोल्ड रीयल एस्टेट ऐंड डेवलपर्स प्रा. लि., अक्षय गोल्ड होम केयर प्राडक्ट्स प्रा. लि. सहित आधा दर्जन कंपनियां बना ली थीं और निवेशकों को यह समझाया जाता था कि ग्रुप बहुत ही डाइवर्सिफाइड है, बड़ा कारोबार है।
अक्षय गोल्ड फार्म्स ने दस राज्यों में अपने एजेंटों के जरिए नेटवर्क फैलाया और लाॅलीपाप स्कीमों से् 857 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए। इनमें से 384 करोड़ रुपए निवेशकों को प्रतिफल सहित लौटाने के बजाय अपने, अपने परिवारी जनों के नाम पर अचल संपत्तियों को खरीदने में इस धन को लगा दिया। प्रमोटरों ने ज्यादातर अचल संपत्तियां महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बनाईं। ईडी ने इन राज्यों में अबतक 268 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है। ईडी ने कंपनी और इसके प्रमोटरों पर विशेष अदालत में केस दर्ज किया है।
प्रणतेश बाजपेयी