प्याज किचन की शान है। इसके औषधि गुण अद्भुत है, बहुत लाभदाई हैं। प्याज के गुणों और उसके उपयोग के बारे में श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रजनी पोरवाल ने बहुत ही सरल शब्दों में जानकारी दी है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से प्याज : आयुर्वेद के विद्वानों के अनुसार प्याज आंशिक रूप से गर्म और कफ निष्कासक होता है। यह जनन तंत्र को उत्तेजित करने वाला मूत्र मार्ग को बल देने वाला और पाचक ग्रंथियों लिवर पेनक्रियाज के पुरानी से पुरानी विकारों को समूल नष्ट करता है। यह हृदय को शक्तिशाली बनाने में भी अद्वितीय हितकारी है। प्याज इम्यूनिटी को बढ़ाकर शरीर की रक्षा प्रणाली को सशक्त और मजबूत बनाने में भी मददगार है।
वैज्ञानिक दृष्टि से प्याज : प्याज मैं लगभग 85% प्रोटीन 12% कार्बोहाइड्रेट विटामिन ए बी सी कैलशियम फास्फोरस आयरन और अन्य खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसमें एलील सल्फाइड नाम का एक तत्व भी रहता है, जो सेहत के लिए बहुत हितकारी है। प्याज की खुशबू भी इसी रासायनिक तत्व की देन है।
विभिन्न बीमारियों का दुश्मन है प्याज : हृदय को बल देता है। कच्चा प्याज जब भोजन के साथ सेवन किया जाता है तो यह हृदय की कोशिकाओं को शक्ति प्रदान करता है। इसलिए भोजन के साथ कच्चा प्याज का सलाद के रूप में सेवन हितकारी होता है लेकिन यदि हरा प्याज जिसे सागा भी बोलते हैं को सलाद के रूप में कच्चा खाया जाता है तो यह सामान्य प्याज की तुलना में हृदय की सेहत के लिए ज्यादा लाभकारी होता है और बड़े हुए कोलेस्ट्रोल पर काबू करके हृदय को सशक्त बनाता है।
नस नाड़ियों को बलशाली बनाता है : प्याज शरीर की तंत्रिका तंत्र को सशक्त और मजबूत बनाता है। उसके कार्य क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही साथ यह मांसपेशियों को भी बल प्रदान करने वाला है। जब किसी अंग में चोट या मोच आ जाती है तो घर में दादी मां प्याज और हल्दी को पीसकर गर्म गर्म चोट पर बांध देते हैं और कहते हैं कि यह चोट को खींच लेगा। वास्तव में जब प्याज और हल्दी को पीसकर चोट और मोच वाले स्थान पर लगाया जाता है तो यह क्षतिग्रस्त तंत्रिका कोशिकाओं की रिपेयरिंग करता है और घायल अवस्था की मांसपेशियों की टूट-फूट को तेजी के साथ ठीक कर देता है।
बलवीर्य और शक्तिवर्धक है प्याज : शास्त्रों में प्याज को रसायन माना जाता है और ढलती उम्र में शरीर की वीर्य शक्ति बढ़ाता है। यह छोटी उम्र में स्वप्नदोष जैसी युवाओं की बहुत बड़ी समस्या के पूर्ण रूप से निदान में भी बहुत मददगार है।प्याज का रस 10 मिली असली शहद 10 मिली और चार से पांच बूंद गाय का देसी घी मिलाकर प्रातः खाली पेट सेवन करने से पुरुषत्व में वृद्धि होती है और युवाओं में होने वाली स्वप्नदोष की समस्या जड़ मूल से समाप्त हो जाती है।
मसूड़ों की सेहत बढ़ाएं : मसूड़ों में प्याज का रस कडुआ तेल नमक और हल्दी मिलाकर मसूड़ों की मालिश करने से मसूड़े शक्तिशाली होते हैं। जिनके दांत कमजोर हैं कीड़े लगे हैं या मसूड़ों की कमजोरी के कारण दांत हिल रहे हैं। सुबह शाम इस प्रयोग को करने से बहुत लाभ होता है। जिन लोगों के मुंह के अंदर की म्यूकस मेंब्रेन में विभिन्न प्रकार की तकलीफ हैं। वह भी इस प्रयोग को करके लाभ उठा सकते हैं। पायरिया की यह अद्वितीय औषधीय है। निरंतर 4 महीने सुबह शाम यह प्रयोग करें। यह जड़ से ठीक हो जाए इसे पूरे जीवन भी करने से कोई नुकसान नहीं है।
बवासीर पेट रोग और पेचिश : कच्चा बारीक कटा हुआ प्याज दही के साथ मिलाकर खाने से रायते की तरह खाने से बवासीर और अपच जैसी तकलीफें ठीक होते हैं। जिन्हें गर्मी के कारण या लू लगने के कारण पेचिश हो गई हो। वह 50 ग्राम प्याज के रस में मिश्री दो चम्मच मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें एक ही दिन में फायदा हो जाएगा। ध्यान रखिएगा प्याज का रायता जब भी सेवन करें तो पूरी पराठे तली मसालेदार चीजें अचार पापड़ इसके साथ ना खाएं और कम से कम 6 सप्ताह तक कड़ाई के साथ परहेज रखें।
यह चेतावनी भी पढ़ें : प्याज को कभी भी टमाटर लहसुन अदरक के साथ फ्राई करके नहीं खाना चाहिए क्योंकि रिफाइंड ऑयल या किसी भी अन्य तेल में फ्राई करने से प्याज के औषधीय गुण समाप्त हो जाते हैं और फ्राइड प्याज हानिकारक रसायन में बदल जाता है जो संपूर्ण पाचन प्रणाली लिवर पेनक्रियाज गाल ब्लैडर और स्प्लीन को प्रभावित करता है। एसिडिटी कड़वी डकारे आना कोलाइटिस और आईबीएस के साथ-साथ गुस्सा चिड़चिड़ापन और याददाश्त में कमी जैसी तकलीफें सामने आती हैं। यह भी ध्यान रखें कि कभी भी काफी समय पहले से कटा हुआ प्याज भी सेवन नहीं करना चाहिए।