सरकार और पुलिस की सर्तकता ने अपराध और अपराधी पर लगाया अंकुश
लखनऊ। प्रदेश सरकार की चौथी सालगिरह के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए क्या-क्या किया? इसका विस्तार से उल्लेख भी किया और यह भी बताया कि सूबे की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उनकी सरकार के फैसलों से आज यूपी देश एवं विदेश के निवेशकों का सबसे अच्छा गन्तव्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि बीते चार वर्षों के दौरान यूपी में सभी पर्व और त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। कहीं कोई दंगा नहीं हुआ। जबकि पूर्व की सरकारों में ऐसा नहीं होता था।
बीते चार वर्षों में यूपी में कोई दंगा ना होने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में राज्य में किए गए पुलिस रिफार्म और अपराधियों के खिलाफ लिए गए एक्शन को इसकी वजह बताया। मुख्यमंत्री कहा कि राज्य में पुलिस रिफार्म हमने किए। लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया। पूर्व की सरकारों ने यह नहीं किया था। पुलिसकर्मियों के लिए आवास बनवाये। ई – प्रसिक्यूशन प्रणाली लागू की, ऐसा करने वाला यूपी पहला राज्य है। अपराधियों के खिलाफ लिए गए एक्शन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि गैंगेस्टर अधिनियम के अंतर्गत 12,032 अभियोग पंजीकृत हुए और 37,511 अभियुक्त गिरफ्तार हुए। अपराधियों की लगभग 1,000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई और ध्वस्तीकरण का कार्य भी संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री ने सरकार और पुलिस की सक्रियता से राज्य में अपराध के आंकड़ों में आई कमी का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2019 में डकैती में 65.72 प्रतिशत, लूट में 66.15 प्रतिशत, हत्या में 19.80 प्रतिशत, बलवा में 40.20 प्रतिशत और बलात्कार की घटनाओं में 45.43 प्रतिशत की कमी आई है। सरकार द्वारा महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान का जिक्र भी मुख्यमंत्री ने किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि विगत चार वर्षो में प्रदेश में 59 नए थाने, 29 नई चौकियां, 4 नए महिला थाने, आर्थिक अपराध के 4 थाने, विजलेंस के 10 थाने, साइबर क्राइम के 16 थाने और अग्नि शमन के 59 थाने बनाए गए हैं। प्रत्येक मंडल में साइबर थाना स्थापित करने और 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करने का आदेश भी दिए जाने का मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क भी स्थापना की गई है। इसके अलावा 18 पुलिस परिक्षेत्रीय कार्यालयों में महिला साइबर क्रीम सेल तथा 18 परिक्षेत्र के जनपदों में थाने के समकक्ष एक-एक महिला पुलिस चौकी परामर्श केन्द्रों के स्थापना की गई है।