– लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में जुटीं 60569 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्य
– प्रत्येक मेडिकल-किट की होगी मॉनीटरिंग, अभियान के तहत कोई भी घर मेडिकल-किट की उपलबधता से नहीं बचेगा
लखनऊ। कोरोना के साथ-साथ बरसात के बाद होने वाली मौसमी बीमारियों पर शिकंजा कसने की राज्य सरकार ने बड़ी तैयारी की है। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू किया है। अभियान को गति देने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में 60569 और शहरी क्षेत्रों में 12006 निगरानी समितियों हैं। ग्रामीण क्षेत्र में समिति के 4 लाख से अधिक सदस्यों को लगाया गया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के अधिकारियों को 27 जून से घर-घर तक दवाओं के विरतण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अभियान में सहयोग की अपील की है। प्रत्येक मेडिकल किट की मॉनीटरिंग करने के लिये भी कहा है।
सरकार प्रत्येक दिशा में बीमारियों से प्रदेश को बचाने के प्रयासों में जुटी है। बच्चों के लिये अस्पतालों में खास इंतजाम किये गये हैं। उनके बेहतर इलाज के लिये सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बेडों की संख्या बढ़ाई गई है। प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है। मेडिकल-किट में उपलब्ध दवाईयां कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों का मौसमी बीमारियों से भी बचाएंगी। मानसून का मौसम शुरू होते ही इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया समेत अन्य बीमारियां तेजी से पैर पसारती है और बड़ी संख्या में लोग इन बीमारियों से पीड़ित होते हैं। सरकार ने इसके लिये पहले से ही पुख्ता तैयारी कर ली है।
सरकार के लगातार प्रदेश को स्वस्थ बनाने के प्रयासों का असर है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी को जल्दी मुक्ति मिली है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जिनमें कोरोना का एक भी केस हफ्ते भर में सामने नहीं आया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के समय पर लिये गये बड़े निणयों ने बीमारी को मात देने में सफलता हासिल की है।
इतना ही नहीं टीकाकरण में भी राज्य अन्य प्रदेशों के मुकाबले नम्बर वन बना है। गांव से लेकर शहर तक प्रत्येक गली-कूच और घर-घर तक पहुंच बनाने वाली निगरानी समितियों ने सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का बड़ा काम किया है। यही कारण भी है कि सरकार ने मेडिकल किट वितरण की जिम्मेदारी भी निगरानी समिति के सदस्यों को सौंपी है।