दो हजारा वाले 24 हजार करोड़ रु के जमाखोर कौन ?…. भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने ताजा खुलासा किया है कि अभी यानी 31 अगस्त तक 24 हजार करोड़ रुपए के दो हजार के करेंसी नोट जनता के पास हैं या यूं कहें कि सर्कुलेशन में हैं। इन नोटों को बैंकों में जमा करने या अन्य नोटों में बदलने की अंतिम तारीख 30 सितंबर निश्चित की थी। 19 मई से लेकर 31 अगस्त तक 105 दिन गुजर चुके हैं फिर भी 24 हजार करोड़ रुपयों का बैंकों में जमा न किया जाना कुछ दूसरी ही कहानी कहता लग रहा है।
रिजर्व बैंक कहता है कि दो हजार रुपए वाले करेंसी नोट चौबीस हजार करोड़ रुपए के अभी सर्कुलेशन में हैं, सच है क्योंकि बैंकों में जमा नहीं किए गए। प्रश्न उठता है सर्कुलेशन में हैं तो बाजार में, बैंक में, किसी भी तरह के लेन-देन में कहीं न कहीं दिखाई पड़ने चाहिए, और नज़र भी नहीं आते हैं। तो? क्या इतने नोट जमींदोज हो गए ? न तो आम जन और न ही मध्यमवर्ग के पास इनका जखीरा है, नौकरशाह सरकारी अफसर अपने को पचड़े से दूर-दूर ही रखेंगे, खामख्वाह जोखिम को आढ़ेंगे नहीं।
अब बचे उद्योगपति और राजनेता। उद्योगपतियों में भी विपक्षी विचारधाराओं से जो जुड़े हैं वे भी इन नोटों को जमा रखने का दुस्साहस नहीं कर सकते। तो फिर 24 हजार करोड़ रुपए के नोट किन महारथियों ने ठूंस रखे हैं? जिन्हें कानून से ऊपर का दर्जा मिला हुआ है या यूं समझिए कि वे बेखौफ हैं जो कर गुजरें वही कानून है इसके अतिरिक्त सब गैरकानूनी।जरूरी नहीं कि प्रत्येक बात कही ही जाय, उसे समझा जा सकता है। यह समझ लेंगे तो 24 हजार करोड़ रुपए के जमाखोरों तक आप तो नहीं पर आपका मस्तिष्क जरूर सर्च कर लेगा। अब आम चुनाव के बाकी बचे ही कितने दिन हैं, गोटें बैठाने के लिए भी थोड़ा वक्त तो चाहिए न ?
प्रणतेश बाजपेयी