कोरोना के खिलाफ मंत्र ‘हम होंगे कामयाब’

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गठित की गई निगरानी समितियां कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संक्रमण की रोकथाम, बचाव और उपचार में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। मात्र 20 दिनों में निगरानी समितियों ने जिलों में 1,47,729 प्रवासियों का चिह्नीकरण कर कोरोना के खिलाफ ‘हम होंगे कामयाब’ के मंत्र को साकार किया है। साथ ही जागरूकता की अलख जगाते हुए लोगों को विश्वास दिलाया है कि योगी सरकार जनता के साथ हर कदम पर खड़ी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना महामारी के खिलाफ आम लोगों को राहत और समय पर चिकित्सीय सुविधा दिलाने के लिए 58,194 ग्राम पंचायतों में 60,569 और शहरी क्षेत्र में 12,016 मोहल्ला निगरानी समितियों का गठन किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर में जिलों में 22,069 कन्टेन्मेंट जोन में भी समितियां काम करने में जुटी हैं। निगरानी समितियों ने इस दौरान जिलों में सात अप्रैल से 27 अप्रैल तक 1,47,729 प्रवासियों का चिह्नीकरण किया है। इन समितियों की ओर से करीब 4,88,393 लोगों में कोविड संक्रमण के लक्षणों की पहचान की गई। 16,98,958 व्यक्तियों की कोरोना टेस्टिंग की गई, जिसमें से 81,245 लोग कोरोना संक्रमित (पॉजिटिव) पाए गए। 75,985 व्यक्तियों को आइसोलेट किया गया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर गांव में 60,569 निगरानी समितियों के 40,1851 सदस्य और शहरी क्षेत्रों में 12016 मोहल्ला निगरानी समितियां गठित की गई हैं। शहरी क्षेत्रों में समिति का अध्यक्ष सभासद को बनाया गया है। सदस्यों में आशा, सिविल डिफेंस, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिध व क्षेत्रीय कार्मिक हैं। जबकि गांव में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में निगरानी समितियां काम कर रही हैं। सदस्य सचिव ग्राम पंचायत सचिव व सदस्यों में समस्त आशा, आंगनबाड़ीकत्री, कोटेदार, लेखपाल, रोजगार सेवक, स्चछाग्रही, चौकीदार व अन्य लोगों को रखा गया है।

निगरानी समितियों द्वारा गांव और शहरों में गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों को मेडीकल किट पहुंचाने, टीकाकरण, टेलीकॉलिंग, लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क प्रयोग, हाथ धोना आदि की जानकारी देने का कार्य किया जा रहा है। कोविड लक्षणों वाले व्यक्तियों को घर अथवा एकान्तवास किए जाने की व्यवस्था भी निगरानी समितियां संभाल रही हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों और मोर्बिडिटी से ग्रसित व्यक्तियों का गांव एवं मोहल्ले स्तर पर चिह्नांकन और उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया। इन समितियों के गठन और तेज गति से किए जा रहे कार्यों का ही असर है कि शहरों और गांव में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई है।