लखनऊ। मौका भी था और दस्तूर भी। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए शुक्रवार का दिन ऐसा ही रहा। चार साल और वह भी पूरे रुतबे के साथ सत्ता का संचालन करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस मौके पर प्रफुल्लित होना स्वाभाविक ही था। आत्मविश्वास हिलोरें ले रहा था। यही वजह रही कि ऐसे खास मौके पर मुख्यमंत्री ने जहां खुले मन से पूरे 58 मिनट अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई, वहीं अपने चिरपरिचित अंदाज में सूबे की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रहीं सरकारों की सोच में कमी को यूपी के बीमारू राज्य होने की वजह बताया। फिर उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफार्म करके, परफॉर्म करते हुए ट्रांसफर किया है। जिसके चलते प्रदेश बीमारू छवि से उतरते हुए समर्थ राज्य के रूप में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने इस दावे के पक्ष में कई अकाट्यों का भी उल्लेख किया। सूबे की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने को लेकर वह लगातार प्रयास करते रहे हैं। सूबे की अर्थव्यवस्था को वह कितना महत्व देते हैं, यहां लोकभवन के भव्य सभागार सरकार के चार साल पूरे होने पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी यह देखने को मिला। इस सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत ही सूबे की अर्थव्यवस्था को लेकर की।
मुख्यमंत्री ने कहा, आज उनकी सरकार चार वर्ष पूर्ण कर रही है। मात्र चार वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इसका आकार 10,90,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 21,73,000 करोड़ रुपए हो गया है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में 5वें -6ठें स्थान पर थी। विगत चार वर्ष में प्रतिव्यक्ति में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय लगभग 45 हजार रुपए थी, जो वर्तमान में बढ़कर लगभग 95 हजार हो गई है। इन आंकड़ों के जरिए मुख्यमंत्री ने यूपी की ताजा अर्थव्यवस्था की तस्वीर मीडिया के सामने रखी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में उत्तर प्रदेश देश के विकास इंजन के रूप में उभरा है। हमारा लक्ष्य राज्य की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के संदर्भ में बनाना है। मुझे हार्दिक संतुष्टि की अनुभूति है कि अब यूपी देश और विदेश के निवेशकों के लिए पहली पसंद बना गया है। यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, संगठन और मंत्रिमंडल के सदस्यों के सहयोग से हमने प्रदेश में कई परिवर्तन किए हैं। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में जहां पहले उत्तर प्रदेश 23वें नंबर पर रहता था, लेकिन आज अपनी कार्यनीति की वजह से पहले नंबर पर है। अब यूपी व्यवसाय और उद्योग की दृष्टि से सबसे उत्तम गन्तव्य बन गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में यूपी देश में 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है, अब हमें पहले स्थान पर आना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में जब अर्थव्यवस्था, निवेश अनुकूल वातावरण, प्रति व्यक्ति आय की बात आती थी तो हम प्रथम तीन स्थानों में भी नहीं टिकते थे। प्रदेश में बेरोजगारी भी ज्यादा थी। परन्तु आज प्रदेश निवेश अनुकूल वातावरण बनाने में सफल रहा है। पहले की सरकारों में सोच की कमी थी जिसकी वजह से प्रदेश बीमारू हुआ था। यदि पूर्व की सरकारों ने केंद्रीय योजनाओं को राज्य में ठीक से लागू किया होता तो यूपी बीमारु राज्य ना होता। यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने बीते चार वर्षों में राज्य में निजी क्षेत्र के लगभग 3 लाख करोड़ के उन निवेश प्रस्तावों का भी जिक्र किया जो जमीन हैं उतर चुके हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार इस निवेश से राज्य में 35 लाख से अधिक नौकरियां सृजित हुई।
प्रदेश सरकार के चौथी सालगिरह के मौके पर शुक्रवार को लोकभवन का माहौल अन्य दिनों से अलग ही था। लोकभवन का भव्य एवं विशाल सभागार का मंच फूलों से सजाया गया था। इस सभागार के मंच पर पीली हैलोजन लाइट और फूलों की आकर्षक सजावट से अपनी अलग छटा बिखेर रहा था। सभागार में मंच के ठीक सामने वाली पहली पंक्ति में सूबे के मंत्री और आला अफसरों के बैठने की व्यवस्था थी। उसके पीछे वाली सीटों पर मीडिया के लोग बैठे थे। मुख्यमंत्री सचिवालय के आला अफसर भी सभागार में मौजूद थे। इन सभी की मौजूदगी में सरकार के चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा एक पुस्तक के रूप में मुख्यमंत्री ने पेश किया।