यूपी की बेटियां को अब खुद करनी होगी अपनी सुरक्षा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार मिशन शक्ति के अगले चरण में बेटियों को आत्मरक्षा में दक्ष बनाने का प्रयास करेगी, ताकि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। इसके लिए विभिन्न विभागों को सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं। इसके तहत न सिर्फ बेटियों को आत्मरक्षा में दक्ष बनाने का प्रयास किया जाएगा, बल्कि उन्हें विभिन्न महिला कानूनों से भी परिचित कराया जाएगा, जिससे वो समय पड़ने पर अपने अधिकारों और योगी सरकार द्वारा की गई पहलों का लाभ ले सकें। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्रि के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की शुरुआत हो रही है।

बीसी सखियों समेत स्वयं सहायता समूहों को बनाया जाएगा मास्टर ट्रेनर : मिशन शक्ति अभियान के लिए विभागवार प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार ग्राम्य विकास विभाग के तहत 36816 ग्राम पंचायतों में 18-40 वर्ष आयु वर्ग की बीसी सखियों तथा 18-40 वर्ष आयु वर्ग की समूह सखियों, कृषि आजीविका सखियों, स्वास्थ्य सखी, विद्युत सखी तथा स्वयं सहायता समूह को स्थानीय महिला पुलिस के माध्यम से आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान कर मास्टर ट्रेनर के रूप में दक्ष किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न माध्यमों से बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी।

चलाया जाएगा दुर्गा शक्ति मेगा सेफ्टी वर्कशॉप : इसी तरह महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत दुर्गा शक्ति मेगा सेफ्टी वर्कशॉप के अंतर्गत बालिका गृहों में आवासित बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कराई जाएंगी। शक्ति कार्यशालाओं के तहत समस्त जनपदों में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गठित स्थानीय व आंतरिक परिवाद समितियों का प्रशिक्षण व अभिमुखीकरण भी किया जाएगा।

महिला दलों के साथ स्कूली बेटियों को भी मिलेगा प्रशिक्षण : युवा कल्याण विभाग निर्भया योजना के अंतर्गत महिला मंगल दलों को आत्मरक्षा, स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए 7 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रदान करेगा। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग भी छात्राओं को आपातकाल में आत्मसुरक्षा के लिए मार्शल आर्ट, जूडो का प्रशिक्षण प्रदान कराने की व्यवस्था करेगा। इसके साथ ही पुलिस विभाग के सहयोग से प्रत्येक जनपद में महिला सुरक्षा एवं साइबर क्राइम पर जागरूकता अभियान का भी संचालन किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग में प्रोजेक्ट वीरांगना के अंतर्गत गृह विभाग के सहयोग से 11 हजार पीटीआई शिक्षकों को प्रशिक्षि्त करते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालयों की 40 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।