‘लाइफ स्टाइल” ने काफी कुछ बदल दिया। जी हां, फैशन ने अपने रंग बदले… तेवर दिखाये तो खान-पान से लेकर पहनावा तक सब कुछ बदलता दिखा। फैशन ने व्यक्तित्व में लालित्य, सौन्दर्य व माधुर्य के रंग भरे तो वहीं खान-पान में फास्ट फूड ने टेस्ट (स्वाद-जायका) बदला। फास्ट फूड में अगर कुछ पुरातन स्वाद को जोड़ दिया जाये तो निश्चय ही कुछ बीमारियों से राहत मिलने के साथ ही सौन्दर्य-लालित्य में चार चांद लग जायेंगे।
भारत में वैसे तो एक जमाना था, जब दूध-दही की नदियां बहती थीं। कहने का आशय यह है कि देश में दूध-दही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता था। अब भले ही दूध-दही की उपलब्धता उतनी न हो लेकिन दूध-दही के स्वास्थ्यवर्धक व आैषधीय गुणों से इंकार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों की मानें तो दही का उपयोग कर आप डायबिटीज से राहत व मुक्ति पा सकते हैं। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक दशक से अधिक समय तक शोध कर बेहद अच्छे परिणाम हासिल किये हैं। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक दशक से अधिक समय तक साढ़े तीन हजार से अधिक व्यक्तियों पर शोध किया। बताते हैं कि दही, पनीर व दूध से बनी ताजी खाद्य सामग्री का उपयोग करने वालों को डायबिटीज का खतरा चौबीस प्रतिशत कम रहा जबकि दूध व दूध से बने अन्य उत्पादों का उपयोग करने के मुकाबले केवल दही का उपयोग करने वालों को डायबिटीज का खतरा 28 प्रतिशत कम रहा।
विशेषज्ञों की मानें तो सप्ताह में सात सौ ग्राम दही का सेवन करने व्यक्तियों को डायबिटीज का खतरा बेहद कम रहा। हालात यह हैं कि दुनिया में हर उन्नीसवें व्यक्ति में एक व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित या प्रभावित है। दुनिया में गौर करें तो पायेंगे कि अमेरिका व भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। गौरतलब है कि अब डायबिटीज लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी मानी जाती है।
गूगल लैब्स ने चश्मा व कांटैक्ट लैंस इजाद किया है, जो डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के लिये बेहद मुफीद है क्योंकि इसके एक साथ कई फायदे सामने आये हैं। गूगल लैब्स के चश्मा व कांटैक्ट लेंस का उपयोग करने वाले व्यक्ति को यह आसानी से पता चल जाता है कि उसे कब दवा लेनी है। शरीर में सुगर की मात्रा कितनी है…? अभी मीठा खायें या नहीं…? यह सब कुछ चश्मा व कांटैक्ट लेंस बता देगा। लेंस में एक चिप लगी होती है। आंख में आंसुओ की उपलब्धता से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा का पता चल जाता है। इन सभी स्थितियों को देख कर आप दही का उपयोग घटा-बढ़ा सकते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो दही त्वचा के रंग–ढंग को निखारने में अहम भूमिका का निर्वाह करता है। हां, यहां यह भी आवश्यक है कि दही का उपयोग करें, लेकिन चिकित्सक से परामर्श कर लें। खान-पान में संतुलित तादाद में दही को शामिल किया जाये जिससे उसके आैषधीय गुणों को आत्मसात किया जा सके। दही को कांतिमय त्वचा के लिए विशेष तौर से गुणकारी माना गया है। दही को भोजन का हिस्सा बनाना चाहिए। थाली की शोभा दही सेहत को भी सुधारेगा।