लखनऊ। कानून-व्यवस्था के नाम पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश में लगी समाजवादी पार्टी को अपने नेताओं में कोई खोट नहीं दिखाई देती। चाहे लखनऊ का मामला हो, अयोध्या का मामला हो या फिर हरदोई का। सभी मामलों में सपाइयों की चुप्पी काबिले गौर है। पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लखनऊ के गोमतीनगर की घटना में सरकारी मशीनरी की खामियां तो दिखीं किंतु अयोध्या के भदरसा क्षेत्र में अपनी पार्टी के नेता का कुकृत्य नहीं दिखा और न ही हरदोई के नेता का हत्या जैसा कार्य। शायद इसी को सुविधा की राजनीति कहा जाता है। सर्वाधिक दुखद बात यह है कि तथाकथित राजा अयोध्या अवधेश प्रसाद पासी को भी नहीं मालूम कि मामला क्या है। उधर योगी सरकार ने गोमतीनगर की घटना में लापरवाही के आरोपी पुलिस वालों पर सख्ती दिखाकर वाहवाही लूटने की कोशिश की है। साथ ही अयोध्या काण्ड की पीड़िता से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है। हरदोई के मामले में भी आरोपी की गिरफ्तारी हो गई है। योगी ने तीनों मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को ढंग से धोया है।
राजनीति इतनी स्वार्थी और गंदी हो गई है कि हमेशा विरोधी पार्टी की ही कमियां दिखाई देती हैं। अपने साथ रहने वाला कितना गंदा है, यह तब तक नहीं दिखता जब तक वह खुद को भी चोट न पहंचाए। पार्टी प्रमुख द्वारा राजा अयोध्या का तमगा पाए सपा सांसद अवधेश प्रसाद पासी को नहीं मालूम कि उनके साथ घूमने वाला एक सपाई नाबालिग से सामूहिक दुराचार का आरोपी है। पत्रकारों के पूछने पर वे कहते हैं कि मुझे अभी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है जबकि आरोपी मोइद खान पार्टी का नगर अध्यक्ष है और उन्हीं के साथ रहता है। समाजवाद के इस पुरोधा की इस मामले में अनभिज्ञता उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा करती है।
नाबालिक से सामूहिक रेप के आरोपित के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके घर में ही पुलिस चौकी स्थापित थी। उस पर आरोप है कि अपनी बेकरी में नौकरी देने के नाम पर उसने अपने नौकर के सहयोग से एक 12 वर्ष की लड़की से सामूहिक रेप किया और उसका वीडियो बनाया। उसके रसूख के चक्कर में ही पुलिस ने पहले मामले को टालने और बाद में नौकर पर डायवर्ट करने की कोशिश की। परंतु जब रायता अधिक फैल गया तो पुलिस ने मुकदमा लिख लिया और दबाव बढ़ने पर मोइद खान तथा कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी कर ली है। पुलिस ने घटना की जानकारी होने के बाद आनन-फानन मोइद खान के घर में स्थापित पुलिस चौकी भी हटाकर भरतकुंड में स्थापित कर दिया है।
गोमतीनगर लखनऊ और अयोध्या के भदरसा कांड की जानकारी देकर जब पत्रकारों ने सपा सुप्रीमो की पत्नी और पार्टी सांसद डिंपल यादव से सवाल किया तो डिंपल ने योगी सरकार को ही घेरा और कहा कि सरकार ने महिला सुरक्षा के नाम पर जितनी एजेंसियां बनाई थीं वे अब कहां है, अब कार्रवाई क्यों नहीं करतीं। लेकिन उन्होंने अयोध्या के मामले में कुछ भी नहीं बोला। पार्टी के अन्य किसी नेता ने इस बाबत कोई बयान नहीं दिया है।
जानकारी के अनुसार अयोध्या में नाबालिग से सामूहिक रेप का आरोपित मोइद खान फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद पासी के साथ रहता है। योगी ने विधानसभा में इस विषय पर सदन को बताया कि आरोपी सपा का नगर अध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि अपराध व अपराधियों के मामले में अब सद्भावना एक्सप्रेस नहीं, बुलेट ट्रेन चलेगी। परंतु दुखद बात यह है कि लोकसभा में राहुल गांधी के समर्थन में जोरदार भाषण देने वाले सपा नेता अखिलेश यादव ने अभी तक इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
दूसरी तरफ योगी सरकार ने गोमतीनगर लखनऊ के मामले में पुलिस उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त को हटा दिया है और कोतवाल, चौकी इंचार्ज समेत पूरी चौकी को निलम्बित कर दिया है। अयोध्या में नाबालिक से रेप तथा गोमतीनगर लखनऊ का मामला विधानसभा में भी गूंजा। अयोध्या की रेप पीड़िता अति पिछड़े वर्ग की लड़की थी। सीएम योगी ने सदन में सपा पर निशाना साधा और कहा कि सपा के लोग महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सपा का नेता मोइद खान इस दुष्कृत्य में शामिल पाया गया है। वह अयोध्या के सांसद के साथ रहता है। उन्होंने पूछा, क्या अब इस पर भी कोई न बोले, दुखद है कि सपा ने उस आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की। क्या इस घटना को हल्केपन से छोड़ दें नहीं, आरोपियों को अब माला नहीं गोली मिलेगी।
एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने राजधानी आयी अयोध्या की रेप पीड़िता की मां ने बताया कि योगी ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाएंगे और दरिंदों को सजा दिलाएंगे। पीड़िता की मां को सीएम योगी के आश्वासन के बाद एक्शन भी शुरू हो गया। एसडीएम राजस्व कर्मियों के साथ भदरसा पहुंचे और आरोपी सपा नेता मुईद खान की जमीनों की पैमाइश शुरू कर दी। इस मामले में बुल्डोजर एक्शन किए जाने के भी संकेत हैं। इधर काफी फजीहत होने के बाद फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद ने बयान जारी कर बताया है कि वे अयोध्या जाकर मामले की वास्तविकता पता करेंगे।
इसके अलावा एक और मामला हरदोई का भी इस समय काफी चर्चित है। वहां समाजवादी पार्टी के नेता वीरेंद्र यादव ने एक वकील की हत्या कर दी है। यह नेता समाजवादी पार्टी का जिलाध्यक्ष रह चुका है। पुलिस ने पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है। इस सपा नेता पर 27 मुकदमे हैं। इस मामले में भी समाजवादी पार्टी और उसके नेता चुप हैं। और उनकी चुप्पी चिंता का विषय है। विशेष तौर पर अयोध्या में भाजपा को हराकर वाहवाही लूटने वाले सांसद अवधेश प्रसाद की चुप्पी। पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा कि मुझे अभी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। हद है, साथ घूमने वाले की भी जानकारी नहीं है सांसद को। पर शायद यही सुविधा की राजनीति है कि अपना करे तो चुप, दूसरा करे तो हल्ला।
इस मामले में पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सवाल किया है कि कि समाजवादी पार्टी अयोध्या के मामले में चुप क्यों है। एक अति पिछड़े वर्ग की नाबालिग बेटी से सामूहिक रेप हुआ और खान गैंग चुप है। और तो और सांसद का भी मुंह बंद है। खैर, इस मामले को लेकर भाजपा समाजवादी पार्टी पर हमलावर है, अयोध्या में विरोध प्रदर्शन जारी है, साथ ही सरकारी एक्शन भी। इसकी आंच विधानसभा तक तो आ ही गई है। जो भी हो भाजपा को एक मुद्दा मिल ही गया, सपा और इंडी गठबंधन को घेरने का। अब विधानसभा उपचुनाव तक तो भाजपा इस मुद्दे को ठंडा होने नहीं देगी। और यह मामला विधानसभा उपचुनाव पर असर डालेगा, इसमें कोई दो मत नहीं।
अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक