स्किल डेवलपमेंट से होगा आत्मनिर्भर भारत का निर्माण

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भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मीडिया खत्म नहीं हो रहा है, बल्कि उसका स्वरूप बदल रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के उपयोग से अलग तरह के सामाजिक संकट भी पैदा हो रहे हैं। ऐसे में मीडिया साक्षरता की आवश्यकता है। गांधीजी के ‘बुरा ना देखें, बुरा ना सुने और बुरा ना बोलें’ की तर्ज पर उन्होंने कहा कि अब ‘बुरा ना शेयर करें, बुरा ना टाइप करें और बुरा ना लाइक करें’।

प्रो. संजय द्विवेदी ने समाचार पत्र ‘दैनिक जलते दीप’ के संस्थापक संपादक स्व. माणक मेहता की 48वीं पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी को भी संबोधित किया। ‘डिजिटल समय में प्रिंट मीडिया’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, इसे रोका नहीं जा सकता, ऐसे में परिवर्तन के साथ ही चलना होगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व की 51 प्रतिशत से अधिक की आबादी सोशल मीडिया पर है, ऐसे में आमजन तक मीडिया की आसान पहुंच हो गई है। मीडिया को एक छत के नीचे लाने का कार्य डिजिटल मीडिया ने किया है, जहां खबरे पढ़ने के अलावा देखी और सुनी जा सकती हैं। स्किल डेवलपमेंट से समाज आत्मनिर्भर बनता है। भारत की कौशल के क्षेत्र में गौरवमयी परंपरा रही है। यहां के लोगों ने अपनी संस्कृति एवं हुनर से विश्व को चमत्कृत किया है।

भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. एल. श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार पदम मेहता एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. एस. के. मीना सहित समस्त संकाय सदस्य, शोधार्थी और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।