लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने एवं ग्लाेबल इंवेस्टर समिट 2023 में निवेशकों को लुभाने के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एंव रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 लेकर आई है। यह नीति अगले 5 वर्षों तक लागू रहेगी। इसके तहत प्रदेश को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित कर रोजगार के अवसरों को बढ़ाने तथा स्थायी एवं संतुलित आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं निजी औद्योगिक पार्काें के प्रोत्साहन के लिए योगी सरकार उद्योगपतियों को भूमि खरीद पर स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत की छूट देगी। इतना ही नहीं प्रदेश में अधिक से अधिक औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने एवं उद्योगपतियों को लुभाने के लिए दो माह बाद नई नीति में संशोधन भी किया जा सकता है। साथ ही सरकार प्रदेश में 10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भी करेगी।
योगी सरकार नई नीति के तहत नए एवं उन्नत औद्योगिक माहौल को स्थापित करने के लिए औद्योगिक विकास एवं समस्त सेक्टर्स सहित वैल्यू चेन एवं सप्लाई चेन के विकास को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए गैर-कृषि, बंजर एवं अनुपयोगी भूमि की पूलिंग को प्रोत्साहित करके लैंड बैंक तैयार करना शुरू कर दिया गया है ताकि उद्योग लगाने में किसी को जमीन की कमी न पड़े। ऐसे में एक्सप्रेस-वे एवं फ्रेट कॉरिडोर्स के किनारे लैंड बैंक तथा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को विकसित किया जा रहा है। इसमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का खासा ध्यान रखा जा रहा है ताकि जहां पर उद्योगों की स्थापना की जा रही है वहां लोगों को कोई परेशानी न हो। वहीं निजी औद्योगिक पार्काें के प्रोत्साहन के लिए योगी सरकार निवेशकों को जमीन खरीदने पर स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत छूट देगी। इसमें बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल में 20 एकड़ या उससे अधिक तथा मध्यांचल एवं पश्चिमांचल में 30 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल के निजी औद्योगिक पार्काें के विकासकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही पूरे प्रदेश में कहीं भी 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में विकसित निजी औद्योगिक पार्काें के विकासकर्ता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रदेश में 10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की होगी स्थापना : नई नीति के तहत योगी सरकार औद्योगिक विकास के लिए जमीन की खरीद पर बुन्देलखंड और पूर्वांचल में स्टांप पर 100 प्रतिशत, मध्यांचल एवं पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद को छोड़कर) क्षेत्र में 75 प्रतिशत तथा गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में 50 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में छूट देगी। प्रस्तावित नीति में वित्तीय प्रोत्साहन, सब्सिडी एवं रियायतों के सम्बन्ध में स्टाम्प शुल्क में छूट की व्यवस्था है। इसके तहत भूमि के क्रय पर राज्य बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल में 100 प्रतिशत, मध्यांचल एवं पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद जनपदों को छोड़कर) क्षेत्र में 75 प्रतिशत तथा गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद जनपदों में 50 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाएगी।
वहीं निजी-सार्वजनिक कंपनियों एवं सरकारी संगठनों (भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश) को उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण, टेक्नोलॉजी एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करेंगे। नई नीति के तहत अगले पांच वर्षों में 10 उत्कृष्टता केन्द्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें से एक सेक्टर में अधिकतम दो हो सकते हैं। इसके साथ ही एकल (स्टैण्ड अलोन) अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के निर्माण पर कुल व्यय के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 10 करोड़ रुपये होगी। यह प्रतिपूर्ति निवेश प्रोत्साहन सब्सिडी एवं स्टाम्प शुल्क की प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त होगी।
योगी सरकार प्रदेश में निवेशकों को योजना के प्रारंभ में ही निवेश प्रोत्साहन सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए यह तीन विकल्प देगी
1. पूंजीगत सब्सिडी
2. शुद्ध राज्य माल एवं सेवा कर (नेट स्टेट जीएसटी) की प्रतिपूर्ति
3. भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव (पीएलआई) योजना के तहत प्राप्त प्रोत्साहनों पर टॉप-अप में से किसी एक विकल्प को चुनने का मौका