लखनऊ। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना निगेटिव होते ही ग्राउंड जीरो पर उतर पड़े। आज सुबह ही उनके कोरोना निगेटिव होने की खबर आई थी। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें एक सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने संवैधानिक जिम्मेदारियों को अपना पहला दायित्व माना और कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए अवध शिल्प ग्राम में डीआरडीओ की ओर से तैयार किए गए अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। सीएम योगी आने वाले दिनों में प्रदेश के अन्य कोविड अस्पतालों का भी औचक निरीक्षण कर सकते हैं।
सीएम योगी ने संक्रमित होने के बाद भी लगातार रोजाना 19 से 20 घंटे काम किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना की रोकथाम में तेजी लाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ संवाद का वर्चुअल कार्यक्रम जारी रखा। आईसोलेशन में होने के बावजूद वह अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते रहे।
उन्होंने अवध शिल्प ग्राम में तैयार किए गए 500 बेड के अस्पताल के साथ आईसीयू और प्रशासनिक भवन का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को तेजी से काम पूरा कराने के निर्देश दिए। काफी कम समय में तैयार किए गए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से परिपूर्ण 500 बेड के अस्पताल को पूरा कर लेने के लिए उन्होंने डीआरडीओ के अधिकारियों की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि जरूरत के समय सेना के डीआरडीओ विभाग ने जनता की सेवा के लिए जो पहल की है, वह उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बड़ी सौगात है। वर्तमान परिस्थितियों में प्रदेश सरकार के साथ मिलकर तैयार किए गए अस्पताल से गंभीर कोरोना मरीजों को काफी राहत मिलेगी। तत्काल इलाज की सुविधाओं के साथ यहां 24 घंटे ऑक्सीजन उपलब्ध होगी।
विभिन्न तरह की जांच की सुविधाएं और दवाखाना भी डीआरडीओ की तरफ से तैयार कर लिया गया है जो अभूतपूर्व कार्य की बड़ी मिसाल बना है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि अस्पताल पूरी तरह से मरीजों के उपचार के लिए तैयार है। सभी तरह के ट्रायल पूरे कर लिए गए हैं।
सीएम योगी ने शासन के आला अधिकारियों समेत चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिेए कि डीआरडीओ की पहल का स्वागत करें और अस्पताल के संचालन में किसी प्रकार की भी समस्या न आए, इसके लिए तत्परता से डटे रहें। हर मरीज को इलाज मुहैया कराना ही सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री योगी को डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में आईसीयू का ट्रायल शुरू हो गया है। इसके संचालन का जिम्मा मध्य कमान के शीर्ष सैन्य अधिकारी संभाल रहे हैं। शाम तक अस्पताल का ट्रायल पूरा होने की संभावना अधिकारियों ने जताई।
सेना के डॉक्टर और मिलिट्री नर्सिंग सेवा (एमएनएस) की अधिकारी अस्पताल के लाइफ सपोर्ट सिस्टम को परख चुके हैं। साथ ही हर इमरजेंसी के लिए रिस्पॉन्स टाइम तय करने की लिए मॉक ड्रिल भी किया जा चुका है।
24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई की बनी रहेगी उपलब्धता : युद्धस्तर पर तैयार किए गए डीआरडीओ के अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता के दूसरे विकल्प को भी तैयार करने का निर्देश दिए गए हैं, जिससे अब यहां लगे 20 हजार लीटर की क्षमता वाले मेडिकल ऑक्सीजन टैंक के अलावा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी लगाया जाएगा। जिससे संक्रमितों को 24 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहे।
सेना के 25 विशेषज्ञ डॉक्टर देंगे अपनी सेवाएं : सेना के तीन शहरों से आईसीयू के 25 विशेषज्ञ डॉक्टर लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल में सेवा देंगे। तीनों सेनाओं के साथ इनमें दिल्ली के सेना के सबसे बड़े रेफरल और रिसर्च अस्पताल से भी डॉक्टर आएंगे। वहीं, कई आर्मी फील्ड अस्पताल से 80 एमएनएस अधिकारियों की तैनाती भी की जाएगी। साथ ही यूपी सरकार की ओर से भी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात होगा।
इस कोविड अस्पताल में जहां एम्बुलेंस से उतारकर ट्राई एज भवन में कोविड 19 संक्रमित मरीज की स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं, उनको यहां से आईसीयू या ऑक्सीजन वाले जनरल वार्ड में भेजा जाएगा। आईसीयू और जनरल वार्ड के बीच में ही रोगी की जांच के लिए एक्सरे की सुविधा, उनके सैंपल लेकर जांच के लिए लैब और दवाखाना भी होगा।