किसी को ज्ञानवान बना देना सबसे पवित्र कार्य

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श्रावस्ती। प्रदेश में सबसे कम साक्षरता वाले जिले श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें इस अभियान से प्रत्येक बच्चे को जोड़ना होगा। स्कूल जाने से कोई भी बच्चा छूटने न पाए, समाज को संकल्प लेना होगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा के स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर दस्तक दें। पूछें कि उस घर का कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित तो नहीं रह गया। ऐसा मिलने पर बच्चे का नजदीक के स्कूल में नामांकन कराएं, शासन की सुविधाओं का लाभ दिलाने का पवित्र कार्य करें। किसी को ज्ञानवान बना देना जीवन का सबसे पवित्र कार्य है।

सीएम योगी ने कहा कि हर बच्चे को शिक्षित करना न केवल हमारा नैतिक दायित्व है बल्कि यह राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन का कारक है। शिक्षा से व्यक्ति सक्षम होगा तो समाज सक्षम और राष्ट्र सशक्त होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। स्कूल चलो अभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा को लेकर तुलनात्मक तथ्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि वर्ष 2017 में बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 1 करोड़ 34 लाख बच्चे थे। विद्यालयों के भवन जर्जर थे। जमीन पर पीपल, बरगद भले न लग पाते हों लेकिन विद्यालयों के भवनों पर जरूर उगे रहते थे। टॉयलेट व पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकता नदारद थी। आने-जाने का कोई समय नहीं था। अराजकता और अव्यवस्था का बोलबाला था। विद्यालयों में नामांकन से अधिक संख्या छोड़ने वालों की थी। सीएम ने बताया कि 2017 के बाद 3 साल में ही स्थितियों में आमूलचूल बदलाव हुआ है। स्कूल चलो अभियान, विद्यालयों के कायाकल्प और शासन की शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता से तीन साल में 1 करोड़ 80 लाख बच्चों का नामांकन हुआ है। अब इस संख्या को दो करोड़ से पहुंचाना है। सरकार हरेक बच्चे की शिक्षा के साथ उसके बैग, यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, सर्दी में स्वेटर के लिए अभिभावकों के खातों में धनराशि भेज रही है। इन सबके परिणाम से शिक्षा की आधारशिला मजबूत हुई है।

1.34 लाख विद्यालयों का कायाकल्प : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 1.58 लाख परिषदीय स्कूल हैं। 2017 के बाद शुरुआती तीन साल में ऑपरेशन कायाकल्प चलाकर 90 हजार से अधिक विद्यालयों को सभी आवश्यक सुविधाओं से आच्छादित कर दिया गया। अब यह संख्या बढ़कर 1.34 लाख हो गई है। ऑपरेशन कायाकल्प में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व पुरातन छात्रों ने भी विद्यालयों को गोद लेकर, वहां के लिए संसाधन की व्यवस्था कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत उन्होंने अपनी विधायक निधि से परिषदीय स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था कराई।

परिषदीय स्कूलों को गोद लें जनप्रतिनिधि : मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अपील की कि सांसद, एमएलए, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, निकायों के चेयरमैन, पार्षद, प्रधान आदि जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पुरातन छात्र एक-एक परिषदीय स्कूल को गोद लेकर उसके कायाकल्प से जुड़ें।

भावी पीढ़ी के वर्तमान को सुधारने का हो प्रयास : सीएम योगी ने कहा कि हम भावी पीढ़ी के वर्तमान को सुधारने का प्रयास करेंगे तो भविष्य भी उज्जवल बनाया जा सकेगा। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के बच्चों की संख्या के बराबर कई राज्यों वह दुनिया के कई देशों की आबादी भी नहीं है। बेसिक शिक्षा के लिए बेहतर माहौल देने का प्रयास किया गया है।पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी के अनुरूप परिवर्तन किया गया है।

अपना दीपक स्वयं बनना होगा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ एक अलग संदेश भी देता है। यह जनपद भगवान बुद्ध से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण स्थान है। तथागत बुद्ध ने अपने जीवन में सर्वाधिक चातुर्मास यही व्यतीत किए। उन्होंने “अप्प दीपो भव” अर्थात अपना दीपक सेन बना का मंत्र दिया था। बुद्ध का यह संदेश सदैव प्रासंगिक है।

हर बच्चे को स्कूल भेजने का हो संकल्प : सीएम योगी ने प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि हमने बेसिक शिक्षा को मजबूत कर लिया तो न केवल शिक्षा व्यवस्था बल्कि समाज व देश का भी कायाकल्प कर सकेंगे। इसके लिए हर बच्चे को स्कूल भेजने का हमारा संकल्प होना चाहिए। एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए। 3 से 5 वर्ष के बच्चों का आंगनबाड़ी के प्री प्राइमरी और 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को बेसिक स्कूलों में दाखिला दिलाकर देश का भविष्य संवारने का काम करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी अन्य राज्य के प्रवासी या कामगार चार-छह माह के लिए यहां आए हों तब भी उनके बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराएं।

अभियान की सफलता को नियमित समीक्षा बेहद आवश्यक : मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलो अभियान की सफलता के लिए आवश्यक है कि इसकी नियमित समीक्षा हो। शिक्षक विद्यालय से संबंधित ग्राम पंचायत में जाकर अभिभावकों से बात करें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। प्रधानाध्यापक नामांकन की प्रगति की समीक्षा करते रहें। शासकीय स्तर पर भी प्रति सप्ताह अभियान की समीक्षा हो कि कितने बच्चों का नामांकन हो चुका है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बच्चों के यूनिफॉर्म आदि के लिए अभिभावकों के खातों में भेजे जाने वाली धनराशि के उपयोग की समीक्षा करने का निर्देश दिया। कहा कि यह देखना होगा कि पैसा आने के बाद बच्चे के लिए यूनिफॉर्म, बैग, जूता-मोजा आदि की व्यवस्था कर दी गई है।

विद्यालयों में खेल व रचनात्मक गतिविधियों को भी मिले बढ़ावा : सीएम योगी ने कहा कि विद्यालयों में अच्छी शिक्षा के साथ खेल व अन्य रचनात्मक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षा विभाग के साथ ही ग्राम विकास, नगर विकास, बाल विकास आदि को अंतर विभागीय समन्वय बनाकर काम करने की आवश्यकता है। अंतर विभागीय समन्वय में बहुत ताकत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विद्यालय के पास खेल मैदान हो। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो। वह तकनीकी से आच्छादित हो। कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए भविष्य में बच्चे ऑनलाइन एजुकेशन के लिए तैयार रहें। इस पर ध्यान देने के साथ ही हमें प्रेरणा व दीक्षा एप के लक्ष्यों को प्राप्त करना होगा। सीएम ने कहा कि यदि हम लक्ष्य स्पष्ट कर समर्पित भाव से जुटें तो हर कार्य संभव हो सकता है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में शानदार कोरोना प्रबंधन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक महामारी कोरोना काल के दो वर्षों के दौर को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के शानदार कोरोना प्रबंधन की पूरी दुनिया में तारीफ हुई। पीएम के नेतृत्व में जान के साथ जहान भी बचाने के भरपूर प्रयास किए गए। महामारी के दौरान जीवन का प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित था। स्कूली शिक्षा पर सबसे अधिक असर पड़ा था। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबंधन की नजीर पेश की है। 25 करोड़ की आबादी के राज्य में अब नाम मात्र के कोविड एक्टिव केस रह गए हैं। यूपी में फ्री टेस्ट, फ्री इलाज व फ्री वैक्सीन के साथ फ्री डबल राशन की सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में 30 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई जा चुकी है।

बढ़ रही है परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या : स्कूल चलो अभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि योगी जी के पांच वर्ष के कार्यकाल में बेसिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि 2012 से 2017 तक जहां परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या में 21 लाख की गिरावट आई थी वही 2017 से 2022 तक 22 लाख नए बच्चे परिषदीय विद्यालयों से जुड़े। फोन कहा कि स्कूल चलो अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या को 2 करोड़ से पार करने का लक्ष्य है।