दिल्ली\लखनऊ। कोरोना काल में मजदूरों को बेदर्दी से दिल्ली से निकालने वाली केजरीवाल सरकार के सारे वादे जमीनी स्तर पर धुआं हो गए हैं। केजरीवाल सरकार की नाकामयाबियों के कारण आज दिल्ली वासियों को घरों में फिर से एक बार कैद होना पड़ गया है। जहरीले धुएं की आगोश में डूबी दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के झूठे दावों की पोल खोल रही है। दिल्ली में एक आरटीआई शिकायत के जवाब में ये बात सामने आई कि दिल्ली सरकार ने पिछले सात वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण के विज्ञापनों पर तो 940 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विज्ञापनों पर जनता का पैसा खर्च करने वाली केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण पर शायद ही कोई राशि खर्च की है।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह केजरीवाल सरकार की वास्तविकता है जो बयानबाजी में तो अव्वल है पर काम और कार्रवाई करने में फिसड्डी है। दिल्लीवासी केजरीवाल सरकार के कारण आज जहरीले धुएं के बीच रहने को मजबूर है। दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के साथ-साथ छठ पर्व के दौरान दिल्ली में यमुना नदी का प्रदूषण भी केजरीवाल की पूर्ण विफलता का प्रमाण दिया है। वोट बैंक के लिए झूठे आरोप लगााने वाली आम आदमी पार्टी अपने राज्य दिल्ली में कुछ नहीं करते हुए अन्य राज्यों को नसीहत देती फिर रही है, जो बेहद शर्मनाक है।
यूपी के लोगों के खिलाफ क्यों है केजरीवाल? : सिद्धार्थ नाथ सिंह ने केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि केजरीवाल को एक स्पष्टीकरण देना है कि वह यूपी के लोगों के खिलाफ क्यों हैं? पिछले साल कोरोना संकट के दौरान यूपी के मजदूरों को बाहर निकालकर उनकी रोजी रोटी छीन लेने वाली केजरीवाल सरकार ने फिर से एक बार प्रदूषण नियंत्रण उपाय के नाम पर दिल्ली में निर्माण कार्य को रोक मजदूरों के साथ साजिश की है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए कई मौकों पर सौतेला व्यवहार करने के बावजूद यूपी के लोगों का समर्थन लेना बहुत शर्मनाक है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी यूपी के लोगों का भरोसा कभी नहीं जीत सकती है। यूपी की राजनीति में प्रवेश करने की कोशिश करना भी एक व्यर्थ कवायद होगी।