नयी दिल्ली। वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कदम, भारत का चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाना और तेजी से बढ़ती भारत की सामरिक शक्ति के मद्देनजर फ्रांसीसी ज्योतिषी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी भी इस समय काबिले गौर है। उनकी बातें अब सच होती दिखाई दे रही हैं। उनके अनुसार भारत आने वाले समय में दक्षिण एशिया का एक मजबूत स्तंभ यानी की नेता बन कर उभरेगा। 15वीं शताब्दी के इस फ्रांसीसी ज्योतिषी के पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में सनातन धर्म का परचम भी बुलंद होगा। नास्त्रेदमस के अनुसार भारत और पाकिस्तान में एक और बड़ी लड़ाई होने के आसार हैं, जिसमें भारत विजेता बन कर उभरेगा।
इसकी पुष्टि सेना के सूत्रों द्वारा भी की गई है कि भारत एक बार फिर पाकिस्तान पर सैनिक कार्यवाही के तौर पर आपरेशन सिंदूर पार्ट दो कर सकता है। और इस बार उसका यह आपरेशन निर्णायक होगा। सूत्रों की खबर है कि इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है, बस उचित समय और आदेश की प्रतीक्षा है। नास्त्रेदमस ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में भी संकेत पहले ही दे दिया था। इधर अब भारत की बढ़ती ताकत के संकेत भी मिलने शुरू हो गये हैं। पता चला है कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में भारतीय वैज्ञानिकों ने तेल और गैस का भंडार खोज निकाला है, जिसकी अनुमानित कीमत 20 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। अर्थात भारत को तेल और गैस के लिए अब किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की सेहत भी और बेहतर होने के आसार हैं। ये सारी खबरें भी भारत की बढ़ती ताकत की ओर इशारा कर रही हैं। चूंकि नास्त्रेदमस की बहुत सारी भविष्यवाणियां सच साबित हो रही हैं, ऐसे में उनकी भविष्यवाणी के अनुसार भारत के दक्षिण एशिया के नेता बनने और सनातन के अच्छे भविष्य की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
फ्रांसीसी ज्योतिषी नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक में भारत और हिंदू धर्म को लेकर जो भविष्यवाणियां की थीं, उसकी इन दिनों काफी चर्चा है। इसके अलावा हिंदू धर्म पर की भविष्यवाणी में नास्त्रेदमस ने कहा है कि हिंदू धर्म का उत्थान होगा, और उसका विस्तार पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में होगा। उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक, दक्षिण एशिया उपमहाद्वीप का एक नेता पूरी दुनिया पर छा जाएगा। भविष्यवाणी के मुताबिक रूस जैसा शक्तिशाली देश भी हिंदू धर्म का प्रसार करेगा। भविष्यवाणी के मुताबिक, 21वीं सदी में भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के तौर पर उभरेगा, और भारतीय संस्कृति, वेदांत और योग का प्रचार पूरी दुनिया में होगा। और दक्षिण एशिया उपमहाद्वीप में भारत ही एकमात्र ऐसा प्रायद्वीप है जहां पर तीन समुद्र एक साथ मिलते हैं, जिसका इशारा नास्त्रेदमस ने किया है।
उन्होंने कहा है कि एक महान हिंदू नेता शत्रुओं का सफाया करेगा, और वह एक भारतीय होगा। इसके अलावा वह गुरुवार के दिन को बहुत ही मानेगा और पूजा पाठ करेगा। ऐसे में सिर्फ सनातन धर्म ही ऐसा है, जो गुरुवार को पवित्र मानता हैं। ऐसे में उनका इशारा सीधे तौर पर सनातन की ओर ही लगता है। उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक, भारत का वह विजेता नेता पूरे एशिया को एक साथ जोड़कर रखेगा। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार एशिया और यूरोप के कई छोटे-छोटे देशों के बीच भी इन दिनों बेहद तनावपूर्ण माहौल है। इसके अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका में भी अंसतोष है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल ही रहा है। ऐसे में भारत की बढ़ती ताकत को देखकर यही लगता है कि वही आगे चलकर इस पूरे दक्षिण एशिया उपमहाद्वीप को नेतृत्व प्रदान करेगा। वैसे भी भारत ने कई देशों को पछाड़ कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था होने का रुतबा तो हासिल कर ही लिया है। ऐसे में अगर अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में तेल और गैस का भंडार मिलने की खबर में दम है तो भारत की आर्थिक ताकत बढ़नी तय है। अगर इसके जरिए 20 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक ताकत भारत को मिलती है तो उसे चीन से आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इसके अलावा अपुष्ट सूत्रों की खबर के अनुसार सरकार बंद पड़े कोलार गोल्ड फील्ड में भी काम शुरू करने वाली है। और बताते हैं कि वहां से 750 टन सोना मिलने की उम्मीद है। और अगर ये दोनों खबरें सच साबित हो गईं तो भारत सबसे आगे निकल जाएगा। वैसे भी इस खबर के आने के बाद पाकिस्तान में बड़ी बेचैनी है।
उधर सेना के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि पहलगाम में 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद भारत की पाकिस्तान के साथ जो हालिया झड़प हुई है, वह तो सिर्फ ट्रेलर था। असली लड़ाई तो इसी साल सितंबर और अक्टूबर के आसपास कभी भी हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में सेना की पूरी तैयारी है, उसे बस हरी झंडी का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार इस बार सेना पाकिस्तान के अंदर घुसेगी और पीओके पर कब्जा करेगी। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि पोलिटिकल लीडरशिप अगर तैयार होगी तो बलूचिस्तान को भी इस बार पाकिस्तान से आजादी मिल जाएगी। उधर पाकिस्तान में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक पुराना बयान बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। उसमें उन्होंने कहा है कि दुनिया के लिए खतरा सिर्फ ईरान ही नहीं है, पाकिस्तान भी है। इसको लेकर अब पाकिस्तानियों को यह डर सताने लगा है कि नेतन्याहू इरान को निपटाने के बाद भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान का भी बाजा बजा सकते हैं, क्योंकि भारत और इजरायल के सम्बन्ध काफी अच्छे हैं। इसे लेकर पाकिस्तान में दहशत का माहौल है, और चर्चाओं का बाजार गर्म है। नरेंद्र मोदी की हालिया साइप्रस यात्रा से भी पाकिस्तानियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहां के लोग इसे तुर्की के साथ उनके देश के लिए भी खतरे की घंटी मानते हैं। खबर है कि तुर्की ने साइप्रस की जमीन हथिया रखी है। इधर साइप्रस ने अपने बयान में तुर्की के अवैध कब्जे को पीओके पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे के रूप में भी माना है। इसके अलावा टर्की भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया साइप्रस यात्रा और वहां उनको मिले सम्मान से परेशान बताया जा रहा है। पाकिस्तानियों को डर है कि साइप्रस में नरेंद्र मोदी का सम्मान कोई नया समीकरण न पैदा कर दे।
उल्लेखनीय है कि भारत-पाक की झड़प में तुर्की ने पाकिस्तान का पक्ष लिया था। ऐसे में अब पाकिस्तानियों को लगता है कि नरेंद्र मोदी तुर्की के खिलाफ अभियान छेड़ेंगे और इसमें साइप्रस को साथ लेंगे। ऐसे मे साइप्रस भी आने वाले समय में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मददगार बनेगा। इसे लेकर पाकिस्तान में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
नास्त्रेदमस और उनकी सटीक भविष्यवाणियां : पंद्रहवीं शताब्दी के फ्रांसीसी ज्योतिषी नास्त्रेदमस अपनी रहस्यमयी चौपाइयों के जरिए किए गए भविष्य कथनों के लिए जाने जाते हैं। लोगों का मानना है कि उनकी चौपाइयां दुनिया की महत्वपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी करती हैं। कुछ लोग इन्हें भविष्य की अप्रत्याशित घटनाओं का गीतात्मक चित्रण भी मानते हैं। इस फ्रांसीसी ज्योतिषी माईकल दि नास्त्रेदमस का जन्म फ्रांस के एक गांव सेंट रेमी में 14 दिसंबर 1503 को हुआ था, और 1566 में उनकी मौत हो गई थी। उन्होंने अपनी चौपाइयों में साल 2025 के लिए कई डरावनी भविष्यवाणियां की थीं। नास्त्रेदमस को एडोल्फ हिटलर के उदय, 9/11 के आतंकी हमलों और कोविड-19 बीमारी जैसी महत्वपूर्ण भविष्यवाणियों के लिए भी जाना जाता है। नास्त्रेदमस’ की ज्यादातर भविष्यवाणियां सच भी साबित हुई हैं। इस वजह से उनकी भविष्यवाणियों पर पूरी दुनिया यकीन करती है। नास्त्रेदमस ने ये सारी भविष्यवाणियां अपनी एक पुस्तक लेस प्रोफेटिज में की थीं। उन्होंने अपनी पुस्तक में 12 सेंचुरिज यानी बारह सौ चौपाइयां लिखी हैं, हालांकि उनमें से मात्र 955 ही अस्तित्व में हैं। इनमें लगभग 3 हजार भविष्य कथनों का वर्णन बताया जाता है। एक अनुमान के अनुसार बीते 50 वर्षों में उनकी लगभग 800 भविष्यवाणियां सत्य की कसौटी पर सही उतरी हैं। उनकी चौपाइयों में सन् 3797 तक के समयकाल की भविष्यवाणियां की गई हैं। फ्रांस के मेस बाबहम ने 4 मई 1555 को फ्रांसीसी भाषा में नास्त्रेदमस की पुस्तक का प्रकाशन किया था। प्रकाशन के पूर्व ही इसकी इतनी प्रसिद्धि हो चुकी थी कि प्रकाशन की तारीख को प्रकाशन केंद्र पर खरीददारों की लम्बी कतार लग गई थी। बताते हैं कि पुस्तक का प्रथम संस्करण एक दिन में ही समाप्त हो गया था। नास्त्रेदमस ने अपनी चौपाइयों के बारे में लिखा था कि आने वाला समय बताएगा कि मैं सही था। मैंने जनहित में अपने भविष्य कथनों को उलझे हुए वाक्यों में लिखा है। और मैंने यह दैवी प्रेरणा से प्राप्त किया है।
वर्ष 2025 के लिए की गई भविष्यवाणी : नास्त्रेदमस ने साल 2025 के लिए कहा था कि इस साल भीषण गर्म हवाएं चलेंगी, और गर्मी बहुत अधिक पड़ेगी। उनके अनुसार यूरोप पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। और यह सब होता हुआ दिख भी रहा है। इस साल भयंकर गर्मी पड़ भी रही है। इसके अलावा दक्षिण एशिया समेत पूरे विश्व का मौसम बदला बदला और बिगड़ा-बिगड़ा है। जहां बारिश नहीं होनी है, वहां बेतहाशा बारिश हो रही है। और जहां बारिश की उम्मीद की जाती है, वहां सूखा पड़ा हुआ है। भूकंप समेत अन्य भौगोलिक घटनाएं तो हो ही रही हैं, मौसम भी अपने हिसाब से नहीं चल रहा है और बेतरतीब बना हुआ है।
उनका चौंकाने वाला एक पूर्वानुमान यह है कि इसी साल एक विशाल क्षुद्रग्रह या तो पृथ्वी से टकराएगा या खतरनाक तरीके से पास आएगा। नास्त्रेदमस ने अपनी चौपाई में इस क्षुद्र ग्रह के पृथ्वी से विनाशकारी टकराव की भविष्यवाणी की है जो सभ्यता को खतरे में डाल देगा। वैसे खगोलविदों का भी कहना है कि हर साल पृथ्वी के निकट से सैकड़ों क्षुद्रग्रह सुरक्षित रूप से गुजरते हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार यह एक ऐसे क्षुद्रग्रह का संदर्भ हो सकता है जो पृथ्वी के बहुत करीब हो और जिसका व्यापक विनाशकारी प्रभाव हो। भले ही वैज्ञानिक नियमित रूप से पृथ्वी के निकट आते क्षुद्रग्रहों की निगरानी करते हैं, लेकिन नास्त्रेदमस की इस भविष्यवाणी के कारण खतरे की आशंकाएं बनी हुई हैं। इसके अलावा नास्त्रेदमस के अनुसार वर्ष 2025 आर्थिक रूप से कठिन वर्ष होगा, और वह दिख भी रहा है। इस साल शेयर बाजार लगातार अप और डाउन हो रहा है। सोने-चांदी का भाव बढ़ता जा रहा है। दुनिया में युद्ध के कई मोर्चे भी खुले हुए हैं जो पूरी दुनिया की आर्थिक परेशानी का कारण बन सकते हैं। भविष्यवाणी के अनुसार कई लोग अपनी नौकरी खो देंगे, हर जगह वित्तीय कठिनाइयां होंगी जो दिवालिया होने या सामाजिक अशांति का कारण बन सकती हैं। वैसे भी कई राष्ट्र वर्तमान में आर्थिक अस्थिरता का सामना कर भी रहे हैं। पूरे विश्व में जगह-जगह हो रही लड़ाइयों के चलते भी आर्थिक संकट गहराने के संकेत हैं। क्योंकि लड़ाइयों के चलते पेट्रोलियम का आवागमन प्रभावित होगा। इससे विश्व में उत्पादन और वितरण भी प्रभावित होगा और जब यह होगा तो इसका असर पूरे विश्व पर आर्थिक संकट आना तय है। इसका असर दिखने भी लगा है। विश्व में कई जगहों पर बाजार गोते लगा रहा है, अप और डाउन की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में लोग आर्थिक संकट की आशंका से परेशान हैं। इतिहास गवाह है जब भी युद्ध हुए हैं तो उसका असर विकास और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। ऐसे में इस मामले में भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच होती दिखाई दे रही है।
भारत की बढ़ती ताकत के बारे में बताया गया है : भारत की बढ़ती ताकत के बारे में भविष्यवाणी करते हुए नास्त्रेदमस ने बताया है कि तीन ओर समुद्र से घिरे क्षेत्र में वह व्यक्ति जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा, प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा। ऐसे में गौर करें तो तीन ओर समुद्र से घिरा देश तो भारत ही है। और भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्मों के लोग समान रूप से मानते हैं। भारत में पहले भी राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, चाणक्य आदि महापुरुषों का जन्म हो चुका है। इन सभी लोगों ने तात्कालीन समाज को काफी प्रभावित भी किया था। हालांकि अभी इस भविष्यवाणी के पूर्ण होने का इंतजार है कि कौन गुरुवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। नास्त्रेदमस के अनुसार इसके अलावा पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा।वह एक शत्रु के आतंक को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में छह लोग मारे जाएंगे। इस भविष्यवाणी पर गौर करें तो भारत में पंजाब ही ऐसा क्षेत्र है जिसे पांच नदियों की भूमि कहा जाता है। पूर्व में इसे पंचनद प्रदेश भी कहा जाता था। पंजाब भी प्राचीनकाल से धरती की राजनीति का मुख्य केंद्र भी रहा है। पंजाब की इन पांच नदियों सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम का उल्लेख वेदों में भी मिलता है।
इंदिरा गांधी की मौत भविष्यवाणी : नास्त्रेदमस ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु पर भी भविष्यवाणी की थी। उनके अनुसार सत्ता से निष्कासित एक स्त्री फिर सत्तारूढ़ होगी। उसके बैरी उसके विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे। और तीन वर्षों के अपने यादगार कार्यकाल के बाद सत्तर की आयु के लगभग उसकी मृत्यु होगी। और जानकारी के अनुसार सन् 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी की पराजय हुई थी और जनता पार्टी की सरकार बनी थी। किंतु बाद में 1980 में ही वे वापस सत्ता में आईं और प्रधानमंत्री बनीं। जब उनकी हत्या कर दी गई, तब उस समय उनकी आयु 67 वर्ष की थी।
राजीव गांधी की मौत की भविष्यवाणी : नास्त्रेदमस ने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत के बारे में भी संकेत दिया था। भविष्यवाणी के अनुसार एक उत्तम वायुचालक अपना पेशा छोड़कर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो जाएगा। सात वर्षों तक ख्याति प्राप्त करने के पश्चात उसका ऐसा अंत होगा, जो रोंगटे खड़े कर देगा, और यह सच भी हुआ। स्वर्गीय संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी अपनी मां इंदिरा गांधी की सहायता करने के लिए राजनीति में आए थे। सन् 1984 में इंदिराजी की हत्या के पश्चात वे कांग्रेस के नेता बने, और प्रचंड बहुतमत से जीतकर प्रधानमंत्री भी बने। इसके बाद सात वर्ष पश्चात सन् 1991 में उनकी दिल दहला देने वाली मौत भी हो गई।
तक्षशिला और नालंदा के बारे में संकेत : नास्त्रेदमस की चौपाइयों के अनुसार एक समय ऐसा आएगा कि जब अनपढ़ लोग पढ़े-लिखों की सभ्यता को तबाह कर देंगे और उनकी पुस्तकें फूंक डालेंगे। इस दौरान ऐसा दुर्लभ ज्ञान नष्ट कर दिया जाएगा जिसका अधिकांश भाग वापस नहीं पाया जा सकेगा। बहुत से जानकार इसे बर्बर आक्रमणकारियों के हमले में भारत के नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों के नष्ट होने से जोड़कर देखते हैं। इस दौरान हजारों मंदिरों और महलों को नष्ट कर दिया गया था। और यह भी बात सर्वविदित है कि मुस्लिम आक्रांताओं ने अखंड भारत के आधे हिस्से की हिन्दू और बौद्ध सभ्यता को लगभग नष्ट ही कर दिया था।
आजाद हिंद फौज और नेताजी : इस भविष्यवाणी का पहला हिस्सा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है, और दूसरा हिस्सा नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ा हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अपने देश से दूर दूसरे देश जापान और जर्मनी में जाकर वहां के शासकों की मदद से भारत को आजाद कराने का सपना देखा था। उन्होंने अपनी आजाद हिन्द फौज का निर्माण भी किया था और युद्ध में भाग लिया था। और इस बात का संकेत नास्त्रेदमस की चौपाइयों में भी है। जापानी सैनिकों के साथ नेताजी की आजाद हिंद फौज रंगून से होती हुई थल मार्ग से 18 मार्च सन् 1944 को कोहिमा और इम्फाल के भारतीय मैदानी क्षेत्रों में आयी थी। हालांकि जापान की वायुसेना से सहायता न मिलने के कारण भीषण लड़ाई में भारतीयों और जापानियों की यह मिली-जुली सेना हार गई और उसे पीछे हटना पड़ा। इसी सेना ने 1943 से 1945 तक अंग्रेजों से युद्ध किया था तथा उन्हें भारत को स्वतंत्रता देने पर सोचने के लिए मजबूर किया था।
रोगाणुओं से जुड़ी बीमारियों की चेतावनी : नास्त्रेदमस ने अपनी चौपाइयों में भविष्यवाणी की है कि दुनिया में रोगाणुओं से जुड़ी अलग-अलग तरह की बीमारियां फैलेंगी और ऐसा होता दिख भी रहा है। भारत समेत विश्व के कई देशों में चीन से आई कोरोना जैसी बीमारी की मार कई देश खेल चुके हैं। और इसका व्यापक असर अर्थव्यवस्था और राजनीति पर भी पड़ा है। नास्त्रेदमस ने यह भी भविष्यवाणी की है कि इंग्लैंड में पुरानी प्लेग नामक बीमारी एक बार फिर उभरेगी, जिससे काफी अशांति होगी। इस अनुमान ने उन बीमारियों के फिर से उभरने की आशंका को जन्म दिया है, जिनके बारे में पहले माना जाता था कि वे खत्म हो चुकी हैं। या फिर नए अत्यधिक संक्रामक रोग जनकों का आगमन हो सकता है, जो इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं। वैसे भी कोरोना नामक बीमारी ने अपने नए स्वरूप में फिर पैर पसारना शुरू कर ही दिया है।
रूस-यूक्रेन की लड़ाई खुद खत्म होगी : नास्ट्रेदमस की चौपाइयों के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष, लम्बे समय तक चलने के कारण इसमें शामिल सैनिकों को थका देगा और संसाधनों को खत्म कर देगा। और यह उनमें अंततः शांति की इच्छा को प्रज्वलित करेगा। कई लोगों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा संघर्ष यह संकेत देता है कि आर्थिक दबाव और युद्ध की थकान के कारण यह संघर्ष 2025 में कभी भी समाप्त हो सकता है। बताते हैं कि दोनों ही देश और उनके सैनिक लम्बी खिंच रही लडाई से अब ऊब रहे हैं। ऐसे में इस लड़ाई के अपने आप खत्म हो जाने के आसार हैं। वैसे अभी इसकी परीक्षा शेष है।
अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक