मोटापे के कारण डायबिटीज जोड़ों का दर्द और हृदय रोग उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं आपके जीवन के लिए खतरा बन गए हैं। आप स्थाई रूप से वजन कम करने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ रजनी पोरवाल मुख्य चिकित्सक श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर ने अपने ज्ञान व अनुभव से कुछेक सरल घरेलू और अत्यंत कारगर उपाय सुझाए हैं।
लगातार व्रत या भूखे रहकर या अत्यधिक क्रश डाइट का सेवन करके वजन कम करने से, बहुत ज्यादा जिम करने, दौड़ लगाना गलत ढंग से योगिक क्रियाओं का अभ्यास करना या डांस या बेतरतीब किसी गेम अन्य शारीरिक गतिविधियों डायनामिक एक्सरसाइजेज की वजन घटाने के लिए अति करना यही नहीं विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों व सोशल मीडिया पर चर्बी गलाने वाली वजन घटाने वाली कथित आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन जैसी प्रचलित अनेकों अनेक उपाय करने से मोटापा कुछ समय के लिए कम हो जाता है। शरीर का वजन घटने से पीड़ित को मानसिक संतोष मिलता है किंतु यह स्थिति पूरे जीवन नहीं चल सकती।
इसलिए जब पीड़ित सामाजिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में सामान्य स्थिति की ओर आगे बढ़ता है। सामान्य भोजन खाना शुरू करता है तो जो वजन कम किया था फिर से बढ़ने लगता है और शरीर कमजोर हो जाता है। स्किन और मांसपेशियां ढीली होकर लटकने लगते हैं। इसलिए इस प्रकार के उपाय करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इस प्रकार के प्रयास करने से शरीर का बढ़ा हुआ मोटापा स्थाई रूप से दूर नहीं होता है बल्कि वजन घटाने के प्रयास में कई बीमारियों व समस्याओं से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमें चिंतन करना चाहिए कि किस कारगर विधि को अपनाकर हम मोटापे को पूरी तरह ठीक कर सकते हैं। वजन एक बार कम होने के बाद दोबारा ना बढ़े इस बिंदु पर विचार करके ही वजन घटाने का मार्ग तय करना बुद्धिमता पूर्ण श्रेष्ठ कदम होगा।
चमत्कारिक नुस्खा जो कोई बताता नहीं : सुबह सोकर उठने के बाद एक लीटर पानी को धीमी आंच पर उबलने के लिए रखते हैं। जब पानी उबलने लगे तब इसमें दो लौग दो काली मिर्च अच्छी तरह कूट कर डालते है। साथ ही साथ थोड़ा सा अदरक बारीक कूटकर उबलते हुए पानी में डाल दीजिए। पानी खोलने पर जब पानी चौथाई जल जाए तब इसमें 30 से 40 ग्राम गेहूं का भूसा और 30 से 40 करी पत्ता की पत्तियां जिसे मीठा नीम बोलते हैं। धोकर उबलते हुए पानी में डाल दें और पानी के बर्तन को किसी ढक्कन से ढंक कर रखें और धीमी आंच पर पानी को खोलने दें। जब यह पानी चौथाई जल जाए यानी लगभग 600 से 700 ग्राम पानी शेष बचे तब इसे उतारकर छान लें।
सुबह सोकर उठने के बाद शौच आदि क्रियाओं से निवृत होकर एक गिलास लगभग 200 ग्राम गर्म गर्म काढा प्रातः खाली घूट घूट कर पी लीजिए। इसका नास्ता सेवन करने के आधा घंटे बाद तक कोई भी अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें। स्नान भी 1 घंटे बाद ही करना चाहिए किंतु स्नान करने के तुरंत बाद काढा पी सकते हैं। शेष बचे काढ़ा को दोपहर खाना खाने के आधा घंटा पहले गर्म करके एक गिलास पी लीजिए। रात्रि में सोने से पहले इसे फिर से गर्म करके शेष बचा हुआ लगभग एक गिलास काढ़ा घुट घुट कर के पी ले। यह अमृत काढ़ा सेवन करने के आधा घंटे बाद तक पंखा कूलर एसी या खुली हवा से बचाव करें क्योंकि इससे जो पसीना निकलता है, वह हठीली चर्बी को गलाने से निकलता है।
इनका भी ध्यान रखिए : जीवन शैली में बदलाव करके एसी कूलर और पंखों का इस्तेमाल 12 सप्ताह तक ना किया जाए। फ्रिज के ठंडे पानी के स्थान पर गुनगुना या गर्म पानी का सेवन करें। वादी व ठंडी प्रकृति के खाद्य पदार्थ दही मट्ठा चावल इत्यादि का सेवन ना करें। रिफाइंड आयल और देसी घी बिल्कुल बंद कर दें। जिस भी खाद्य पदार्थ में रिफाइंड ऑयल पड़ा हो उसका सेवन हरगिज ना करे। शरीर की हठीली चर्बी को मोम की तरह पिघलाने के लिए यह अचूक उपाय है।
योगासनों को अपनाएं : वजन घटाने के लिए प्रातः 10 से 15 मिनट तक योगिक आसनों का अभ्यास अति आवश्यक है। आश्वचालनासन बीमानानासन, पक्षी आसन और धनुरासन का सांस को सामान्य रखते हुए दो-दो मिनट तक अभ्यास करें। प्रारंभ में आसन की स्थिति में 2 मिनट रुकना कठिन होता है। इसलिए एक एक मिनट करने के बाद कुछ समय बाद पुनः 1 मिनट तक उसी आसन का अभ्यास करें। जब शरीर लचीला हो जाए और स्टेमिना बढ़ जाए। तब एक आसन में 2 मिनट पर सुखपूर्वक स्थिरता पूर्वक रुककर आसन का अभ्यास करना चाहिए। कुल 8 मिनट के इन चारों आसनों का अभ्यास और 2 मिनट तक पदचालन की क्रिया का अभ्यास प्रतिदिन करने से भजन तेजी से कम होता है। वास्तव में मोटापा घटाने के लिए यह एक रामबाण उपाय है। यह उपाय युवा वर्ग के लिए विशेष रुप से अत्यंत हितकारी है और कुछ ही सप्ताह में ही शरीर को इकहरा आकर्षक और परियों जैसा सुंदर बना देता है।
इन पर भी ध्यान दें : वजन कम करने के अभ्यास के दौरान पानी का खूब सेवन करें, फलाहार और हरा सलाद का सेवन करना ना भूलें क्योंकि शरीर को भारी मात्रा में पोषक तत्वों मिनरल्स और विटामिंस की जरूरत पड़ती है जो हरी सब्जियों और फलों से शहजता से प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही साथ यह भी ध्यान रखें कि खाली पेट ना रहे। भूखे पेट ना रहे। कम कैलोरी का भोजन करें लेकिन भरपेट भोजन करें। आधा पेट भूखे रहकर वजन कम करने का प्रयास उचित नहीं है।