लहसुन रसोई की शान के साथ-साथ, औषधीय गुणों का भी खजाना है। लहसुन का दूध पौष्टिकता के साथ अनेकों बीमारियों के निदान में उपयोगी है। लहसुन के दूध के संदर्भ में श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट कानपुर की मुख्य चिकित्सक डॉ रजनी पोरवाल ने बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी दी है।
पोषक तत्वों का खजाना है लहसुन का दूध : लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है। जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत, वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, कैल्शियम 0.3 प्रतिशत आयरन 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है। लहसुन में एलिकिन नामक तत्व पाया जाता है। जिसमे एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल और एंटीवायरल अद्भुत स्वास्थ्यवर्धक लाभ हैं। लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण तत्व भी पाए जाते हैं।
दूध और लहसुन का मिश्रण ज्यादा असरकारक : दूध और लहसुन, दोनों ही शरीर को पौष्टिकता देने के साथ-साथ अनेक बीमारियों की निवारण में भी मददगार हैं। लेकिन इन दोनों का मिश्रण हो जाए और विधि विधान पूर्वक उसका सेवन किया जाए तो यह लहसुन दूध सेहत के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद होता है।
लहसुन का दूध जवानी का शक्तिदाता : आज के समय में खान-पान में लापरवाही के कारण युवा अवस्था में ही बूढ़ों जैसी कमजोरी के साथ-साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएँ किशोरावस्था या भरी जवानी में ही आने लगती हैं। लहसुन का यह दूध किशोरों और युवाओं में सप्त धातु को पुष्ट करके उन्हें बल और शक्ति प्रदान करता है।
हृदय को बल देने वाला : खराब माना जाने वाला एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, धमनियों की अकड़न और थोड़ा सा भी काम करने पर हदय की कमजोरी के कारण सांस फूलने लगना जैसी समस्याएं लहसुन के दूध के सेवन करने से निर्मूल हो जाते हैं। साथ ही बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड और टोटल कोलेस्ट्रॉल भी सामान्य स्थिति में आ जाता है। ह्रदय की बढ़ी हुई धड़कन और घबराहट को दूर करने के लिए भी यह कल्याणकारी है।
ओस्टियोआर्थराइटिस को काबू करता है लहसुन का दूध : घुटनों जोड़ो गर्दन कंधों और कमर दर्द से हताश निराश बेहाल रोगी, अर्थराइटिस और ओस्टियोपोरोसिस जैसी असाध्य समझी जाने वाली हड्डियों की बीमारियों को बढ़ने से रोक कर दर्द और सूजन को घटाता है। जोड़ों और मांसपेशियों की शक्ति को बढ़ाकर यह उन्हें लचीला फुर्तीला और ताकतवर बनाता है।
इम्यूनिटी को बढ़ाएं लहसुन का दूध : कैंसर की प्रारंभिक अवस्था और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना अनेकों अनेक शारीरिक कष्टों का अशुभ संकेत है। वास्तव में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए यह है अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। यदि लहसुन के दूध के सेवन करने के साथ-साथ प्रातः काल योग की षटकर्म की क्रियाएं और यौगिक आसनों का भी अभ्यास किया जाए तो सोने में सुहागा की तरह लाभकारी है।
पाचन तंत्र को संवारे : फैटी लीवर, पैंक्रियाज की कार्य क्षमता में कमी और सही ढंग से भोजन का पाचन ना होना, खाया हुआ अन्न शरीर में ना लगना, भूख ना लगना पेट में गैस बनना और वायु के प्रकोप के कारण पेट नगाड़े जैसा फूल जाना जैसी समस्याओं से स्थाई छुटकारा पाने के लिए प्रातः खाली पेट और रात्रि सोने से पूर्व 50 से 100 मिलीलीटर लहसुन के दूध का देसी गुड़ के साथ घुट घुट सेवन करना चाहिए। कब्जियत को दूर करके आईबीएस के मरीज के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।
तनाव और चिंता करे दूर : किसी काम में मन न लगना गुस्सा चिड़चिड़ापन और याददाश्त में कमी, सिर में कील ठोकने वाला दर्द माइग्रेन आदि अनेक बीमारियां लहसुन का दूध पीने से नियंत्रण में आ जाती है। रात्रि सोते समय बुरे बुरे ख्याल आना और डरावने सपने देखने की समस्या का निवारण लहसुन का दूध पीने से हो जाता है।
लहसुन का दूध कैसे बनाएं : लहसुन का दूध बनाने के लिए 2 से चार लहसुन की कलियों को अच्छी तरह कूटकर 100 ग्राम पानी में थोड़ा सा गुड़ डालकर खूब उबालें। जब पानी 50 ग्राम बचे तो उसमें 100 ग्राम दूध मिलाकर खूब उबालिए। अच्छी तरह खौल जाने के बाद इसे छानकर घूट घूट करके चाय की तरह गरम गरम पिए। प्रातः खाली पेट शौच आदि से निवृत्त होकर यह लहसुन दूध गुनगुना गुनगुना पीना है। इसके साथ बिस्किट दालमोठ नमकीन इत्यादि का सेवन ना करें। आधा घंटे पश्चात ही कोई अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। यह अमृत प्रयोग है। बहुत हितकारी बहुत लाभकारी और सर्व रोग नाशक है।