अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन लचर होने के बावजूद शेयर बाजार में तेजी मद्दी के पैमाने समझे जाने वाले ‘सेंसेक्स’ और ‘निफ्टी’ के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा इक्विटी प्रतिभूतियों की खरीद है।
एफपीआई ने चालू कलेंडर वर्ष के पहले छः महीनों में सिर्फ इक्विटी प्रतिभूतियों में 59110 करोड़ रु का शुद्ध निवेश किया। इसके विपरीत 2020 की समान अवधि में एफपीआई ने इक्विटी प्रतिभूतियों की भारी बिकवाली करके 1 लाख 4 हजार 482 करोड़ रु की शुद्ध निकासी की थी। पिछले साल के विपरीत इस बार भारतीय शेयर बाजार में इक्विटी प्रतिभूतियां एफपीआई के सर्वाधिक प्रिय निवेश माध्यम के तौर पर उभरी हैं।
कलेंडर वर्ष 2017 में जनवरी से लेकर जून तक के छ: महीनों में एफपीआई ने इक्विटी में 1 लाख 47 हजार 553 करोड़ रु का शुद्ध निवेश (जनवरी में बिक्री के जरिए 3496 करोड़ रु की निकासी को घटाकर) किया था। कलेंडर वर्ष 2018 की समान अवधि में तो एफपीआई ने शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली करके इक्विटी से 47872 करोड़ रु निकाल लिए थे।
.. लेकिन 2019 में जनवरी से जून तक एफपीआई ने 96457 करोड़ रु का शुद्ध निवेश इक्विटी में किया। कलेंडर वर्ष 2020 में बिक्री के जरिए इक्विटी में लगाया कम और निकाला ज्यादा, कुल 1 लाख ४ हजार 482 करोड़ रु की रकम निकाली थी। लेकिन ऋण (डेट), हाइब्रिड, डेट-वीआरआर में काफी अधिक खरीद भी की थी। जिसके चलते वे पूरे कलेंडर वर्ष में 1 लाख 3 हजार 156 करोड़ रु के शुद्ध निवेशक रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय परिदृश्य, जिसमें अमेरिका के फेडरल रिज़र्व की अहम भूमिका समाहित रहती है, और भू राजनीतिक स्थिति एफपीआई की निवेश रणनीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण घटक होते हैं। चालू कलेंडर वर्ष में एफपीआई ने जनवरी से जून तक लगातार हर महीने में डेट सिक्योरिटीज़ (ऋण) की बिक्री ही की है।
इन छः महीनों में एफपीआई ने डेट से 22346 करोड़ रु की निकासी की। डेट- वीआरआर में भी 18425 करोड़ रु और हाइब्रिड सेगमेंट में 1065 करोड़ रु का निवेश किया। एफपीआई ने इस वर्ष जनवरी में इक्विटी में 19473 करोड़ रु, फरवरी में 25787 करोड़ रु, मार्च में 10482 करोड़ रु और जून में 17215 करोड़ रु की धनराशि लगाई।
वहीं इक्विटी बिक्री के जरिए अप्रैल में 9659 करोड़ रु और मई में 2954 करोड़ रु बाजार से निकाले, इस तरह से पिछले छः महीनों में इन्होंने कुल 56252 करोड़ रु का शुद्ध निवेश किया। सेबी, भारतीय रिज़र्व बैंक और अन्य अधिकृत माध्यमों से एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार भारतीय शेयर बाजार में अबतक कुल निवेश करने वाले शीर्ष दस देशों के एफपीआई में क्रमवार अमेरिका, माॅरिशस, सिंगापुर, लक्ज़मबर्ग, यूके, नाॅर्वे, संयुक्त अरब अमिरात, आयरलैंड, जापान और कनाडा है।
अमेरिकी एफपीआई की 6.72 लाख करोड़ रु, माॅरिशस की 4.15 लाख करोड़ रु, लक्ज़मबर्ग की 1.52 लाख करोड़ रु, सिंगापुर की 1.61 लाख करोड़ रु, यूके की 98949 करोड़ रु, संयुक्त अरब अमिरात की 61026 करोड़, आयरलैंड की 50438 करोड़ रु, कनाडा की 46306 करोड़ रु, नाॅर्वे की 41339 करोड़ रु, और जापान की 38794 रु की परिसंपत्तियां संरक्षण के अंतर्गत (एसेट्स अंडर कस्टडी) हैं।
प्रणतेश नारायण बाजपेयी