भारत की चावल निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र से, ओडिशा के पारादीप इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (पीआईसीटी) से वियतनाम के लिए एक खेप को रवाना किया गया।
पारादीप बंदरगाह के इतिहास में यह पहली बार है जब गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जा रहा है। सरला फूड्स ग्रुप द्वारा मंगलवार को पीआईसीटी से वियतनाम के लिए चावल के 20 कंटेनरों को भेजा गया और उसके बाद अगले तीन महीनों में लगभग 500 कंटेनरों को भेजा जाएगा।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के सदस्य निर्यातक, मेसर्स सरला फूड की एक खेप मंगलवार को हाई फोंग बंदरगाह, वियतनाम भेजी गई। इस समारोह का उद्घाटन करने के बाद एपीईडीए के अध्यक्ष, डॉ. एम.अंगमुथु ने कहा, दक्षिण-पूर्व देशों में पीआईसीटी के माध्यम से चावल का निर्यात करने से भारत के गैर-बासमती चावल निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा, जबकि इससे ओडिशा और आसपास के राज्यों में कम से दो लाख किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
अप्रैल-फरवरी, वर्ष 2020-21 की अवधि में गैर-बासमती चावल की शिपमेंट में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। गैर-बासमती चावल का निर्यात अप्रैल-फरवरी, 2020 की अवधि के दौरान 13,030 करोड़ रुपये (1,835 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के मुकाबले अप्रैल-फरवरी, 2021 की अवधि में 30,277 करोड़ रुपये (4,086 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हुआ। गैर-बासमती के निर्यात में रुपये के हिसाब से 132 प्रतिशत और डॉलर के हिसाब से 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत से गैर-बासमती चावल का निर्यात अफ्रीकी और एशियाई देशों को भारत के विभिन्न बंदरगाहों जैसे काकीनाडा, विशाखापत्तनम, चेन्नई, मुंद्रा और कृष्णपट्टनम से किया जाता है। एपीईडीए के अध्यक्ष, डॉ. एम.अंगमुथु ने कहा कि पारादीप बंदरगाह जल्द ही देश के प्रमुख चावल निर्यातक बंदरगाहों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा।
एपीईडीए द्वारा मूल्य श्रृंखलाओं में विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर चावल के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। राइस एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम (आरईपीएफ) का गठन किया गया है। आरईपीएफ में चावल उद्योग, निर्यातकों, एपीईडीए के अधिकारियों, वाणिज्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के कृषि निदेशकों को प्रतिनिधित्व प्राप्त है।