स्वाद का आनन्द लें, बनाएं लौकी के पराठे… लौकी एक बहुत ही हैल्थी सब्जी है। इसे हफ्ते में एक या दो बार जरूर खाना चाहिए। लौकी में लगभग 96% पानी होता है। इसे खाने के कई चिकित्सीय लाभ भी है, जैसे यह हमारे शरीर को ठंडा रखने में मदत करती है, दिल से सबंधित बिमारियों को दूर रखती है, लौकी खाने से वजन भी कम होता है।
लौकी के पराठे बनाने के लिए सामग्री
गेहूं का आटा – 2 कप (300 ग्राम)
लौकी – 2 कप (300 ग्राम) (कद्दूकस की हुई) 1/2 लौकी
घी या तेल – 4 – 5 टेबल स्पून
हरा धनिया – 3-4 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
हरी मिर्च – 2 (बारीक कटी हुई)
जीरा – 1/2 छोटी चम्मच
नमक – 1 छोटी चम्मच या स्वाद के रूप में
3 चम्मच बेसन
1 मध्यम प्याज
3-4, कली लहसुन
1 छोटा चम्मच गर्म मसाला
1/2 छोटा चम्मच चाट मसाला
1/4 छोटा चम्मच हल्दी
1/2 छोटा चम्मच मिर्च
1/2 छोटा चम्मच नीबू का रस
1/2 छोटा चम्मच अजवायन
1/2 छोटा चम्मच कलौंजी
1/2 छोटा चम्मच दही
1 चम्मच कस्तुरी मेथी
लौकी के पराठे बनाने की विधि
सबसे पहले लौकी को कद्दूकस करले। अब एक कडाही को गैस पर गर्म करे उसमे बेसन बिना तेल के भुन ले ओर अलग निकाल ले। अब कडाही मे 1 चम्मच तेल डाले गर्म होने पर जीरा, हरी मिर्च, प्याज बारीक कटी डाल कर भुने अब लहसुन को कुट कर डाले ओर अच्छे से भुने जिससे उसका कच्चा पन निकाल जाये। अब गर्म मसाला, चाट मसाला, लाल मिर्च, हल्दी, ओर लौकी डाल कर 5 मिनट तक बिना ढक्कन के धीमी आंच पर पका ले। अब बेसन डाल दें जो लौकी का सारा पानी सोख लेगा। जब सारा अच्छे से भून जाये तो नीबू का रस डाल दें ओर ठंडा होने के लिए रख दे। आटा लगाने के लिये 1 बर्तन मे आटा, अजवायन, कलौंजी, दही, नमक, कसुरी मेथी डाल कर आटा अच्छे से लगा ले। कड़ा नही लगाये।
अब छोटी छोटी लोई ले कर उसमे भराव डाल कर पराठे बना कर सेक ले। तवा गरम होने पर तवे के ऊपर थोड़ा सा घी डालकर इसे चिकना कर लें। परांठे को सिकने के लिए तवे पर डालिए और निचली सतह से थोड़ा सिकने पर परांठे को पलट दें। परांठे की दूसरी सतह थोड़ा सा सिकने पर पहली सतह पर थोड़ा सा घी डालकर चारों ओर फैला और परांठे को पलट दें। दूसरी सतह पर भी घी डालकर चारों ओर फैला और कलछी से दबाते हुए दूसरी। परांठे को दोनो ओर हल्की ब्रुकती आने तक दूसरा बनाते हैं। सिके परांठे को तवे से उतारकर किसी प्लेट पर रखी प्याली पर रख दें। बाकी परांठे भी इसी तरह सेककर तैयार कर रहे हैं। बच्चे जो लौकी नही खाते वी भी उंगलियाँ चाट कर परांठे खा जायेगे।
सीमा मोहन