गुणों की खान है सहजन.. बड़ा फ़ायदेमंद लाभकारी। सहजन एक बहुत नरम तने का पेड़ है। इसे सहजन, सुजना, सेजन, पुनगा नामों से पुकारा जाता है। इसका पेड़ 4 -6 मीटर तक ऊँचा होता है। इस पेड़ का रंग हल्का हरा और सफ़ेद होता है। यह पेड़ ज़्यादातर उत्तर भारत में पाया जाता है परंतु इसकी खेती ज़्यादा गुजरात बिहार में होती है। दक्षिण भारत के साम्भर में इसका ख़ास महत्व है।
सहजन के पेड़ का वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। यह मोरिनगसाए परिवार का सदस्य है। इसे durm stick के नाम से जानते है। यह पेड़ बहुत ही हरा भरा रहता है। यह पेड़ ठंड को सह जाता है परंतु पाले को नहीं सह पाता है, इसलिए यह पाले में मर जाता है। ये पेड़ सभी प्रकार की मिट्टी में उग जाता है। कम सिंचाई वाली ज़मीन पर भी आसानी से उग जाता है। इस पेड़ को बारिश के मौसम में टहनी से भी लगा सकते है।
सहजन बहुत ही उपयोगी लाभदायक होता है। इसका हर भाग पौष्टिक होता है। इस पेड़ में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होतें है। इसमे पोटॅशियम, कॅल्शियम, विटामिन सी, विटामिन – ए की मात्रा अधिक पायी जाती है। सहजन की पत्तियां हल्के हरे रंग की होती है। सहजन की पत्तियों में बहुत अधिक फाइबर होता है। जो भूख को नियंत्रित करता है और शरीर के पाचन शक्ति के लिए बहुत फायदेमंद है। सहजन की पत्तियों में उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी होती है। यह कैंसर के मरीज को समय-समय पर खाने के साथ देने पर बहुत लाभदायक होता है। इसकी पत्तियां छोटी-छोटी होती है। पर आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती है।
इसकी पत्तियों में प्रोटीन बीटा कैरोटीन पोटेशियम एंटीऑक्सीडेंट के अलावा एस्काबिक एसिड भी होता है। इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाकर रख लिया जाता है। यह पाउडर ह्रदय रोग डायबिटीज के लिए बहुत अच्छा फायदा होता करता है। यह इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाता है। इसकी हरी हरी पत्तियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। जो हृदय में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। इसके पत्तियो मे सिलिमारिन नामक तत्व भी होता है। जो लिवर में पाचन क्रिया को बढ़ाता है। यह पत्तिया इम्यूनिटी बूस्टर का काम भी करती है। इसमें विटामिन ए की मात्रा अधिक होने के कारण आंखों की रोशनी के लिये लाभकारी है।
सहजन के पेड़ के फूल सफेद रंग के छोटे-छोटे होते हैं। यह वर्ष में दो बार आते हैं। सहजन की पत्तियों और फूलों का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है परंतु औषधि के गुणों से भरपूर होता है। सहजन की फली में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। इसकी सब्जी हर घर घर में बनाकर खाई जाती है। यह संक्रमण रोगों से हमें बचाता है। इसका सेवन सर्दियों के मौसम में ज्यादा किया जाता है। यह ब्लड को यानी रक्त को शुद्ध करने का काम भी करता है। इसमें लौह तत्व और कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है जो हड्डी के लिए बहुत लाभदायक है। सहजन की पत्तियों को उबालकर सूप या दाल बनाई जाती है। सांभर में भी फलियों का प्रयोग किया जाता है। सहजन का पेड़ मानव के लिए कुदरत का चमत्कार से कम नहीं है। लंबी-लंबी फलियां देती चमत्कारी औषधियां.. सप्ताह में करो एक बार सेवन रोगो ना आने दो पास अपने।
सीमा मोहन