देश का सबसे बड़ा किडनी डायलिसिस अस्पताल, होगा मुफ्त इलाज

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101 मरीज़ों का एक समय पर हो सकेगा डायलिसिस, जल्दी ही क्षमता बढ़ाकर 1000 बैड करेंगे: मनजिंदर सिंह सिरसा, हरमीत सिंह कालका

सिख कौम के लिए गर्व करने वाला समय: ज्ञानी हरप्रीत सिंह, ज्ञानी रणजीत सिंह

नई दिल्ली। 20 वर्ष तक बंद रहने के बाद बाला साहिब अस्पताल यहां शुरू हो गया। जिसमें पंथ रतन बाबा हरबंस सिंह जी कार सेवा वालों के नाम पर बनाए देश के सब से बड़े किडनी डायलिसिस अस्पताल का उदघाटन बाबा बचन सिंह जी ने गुरूद्वारा बाला साहिब परिसर में किया। यह अस्पताल 24 घंटे काम करेगा। विधिवत उद्घाटन से पहले गुरूद्वारा बंगला साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी रणजीत सिंह जी ने अरदास की।

इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए स. मनजिंदर सिंह सिरसा व स. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि यह पूरी सिख कौम खास तौर पर दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के लिए गर्व करने जैसा मौका है क्योंकि इसने देश के सब से बड़े अस्पताल को बनाने व शुरू करने के लिए पूरी योजनाबद्ध तरीके से काम किया। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में एक समय में 101 मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा व प्रतिदिन 500 मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा तथा जल्दी ही क्षमता बढ़ा कर अस्पताल को 1000बैड वाला किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एक अन्य प्राप्ति यह है कि इस तकनीकी तौर पर एडवांस अस्पताल में सभी सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाएंगी। अस्पताल में कोई बिलिंग या पेमेंट काउंटर नहीं होगा। इसके अलावा मरीज़ों व उनके साथ आए लोगों को गुरू का लंगर छकाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी बड़े कारपोरेट घरानों से कारपोरेट सोशल रिसपांसीबिल्टी (सी.एस.आर), ऐसे प्रोजेक्ट के लिए योगदान देने वाले सज्जनों के योगदान व सरकारी स्कीमों का पूरा लाभ लेकर इस अस्पताल को चलाएगी। किसी भी मरीज़ के इलाज के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा तथा देश के नामचीन डॉक्टर जो पहले ही डायलिसिस के क्षेत्र में हैं इस किडनी डायलिसिस अस्पताल का प्रबंध संभालेंगे।

स. सिरसा व स. कालका ने कहा कि चाहे दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी जो सिख कौम की संस्था है इस प्रोजेक्ट की मालिक है पर यह अस्पताल समाज के हर वर्ग के लिए खुला है और कोई भी मरीज़ आ कर अपना डायलिसिस करवा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी गुरू साहिबान द्वारा दर्शाए मार्ग ‘एक पिता एक्स के हम बारिक’ के सिद्धांत के अनुसार काम करती है।

यहां उल्लेखनीय है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस प्राजेक्ट का दौरा किया और समीक्षा करने के बाद कहा था कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी जो सिख कौम की संस्था है देश का सब से बड़ा किडनी डायलिसिस अस्पताल शुरु करने जा रही है। जत्थेदार ने गुरू हरिकृष्ण पोलीक्लीनिक में सब से सस्ती एम.आर.आई, सी.टी.स्कैन, अल्ट्रा साउंड व अन्य मैडिकल सहुलियतें गुरूद्वारा बंगला साहिब परिसर में शुरु करने की पहलकदमी की प्रशंसा की थी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अन्यों को इससे प्रेरणा लेकर गुरूद्वारा साहिबान परिसर में ऐसी मैडीकल सहुलियतें स्थापित करने के लिए कहा था। आज ज्ञानी रणजीत सिंह जत्थेदार तख्त श्री पटना साहिब ने दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।

इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम 20 साल से यह इमारत देख रहे थे और हैरान थे कि सिख तो जिस काम को शुरु कर लेते हैं कभी बीच में नहीं छोड़ते। कल शाम जब हमें पता लगा कि यहां सब से बड़ा डायलिसिस अस्पताल खुल रहा है वह भी जहां सभी का ईलाज मुफ्त होगा तो हमें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे काम केवल सिख कौम ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि जब महिंद्र सिंह टिकैत आंदोलन करते थे तो कहते थे कि लंगर गुरूद्वारा साहिबान में मिलता है पर आंदोलन में भी लंगर बहुत जरूरी है।

स. सिरसा व स. कालका ने कहा कि हमनें बाला साहिब अस्पताल शुरू करने का वादा किया था व पहले पड़ाव में हमनें किडनी डायलिसिस अस्पताल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी का मकसद सुरक्षा व पहुंच वाली मैडीकल सहुलियत को अपने नए विचारों की बदौलत प्रदान करना है और यह दोनों प्रोजेक्ट इसकी प्रत्यक्ष मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि महंगे मैडीकल ट्रीटमेंट के इस युग में सब की पहुंच में मैडिकल सहुलियत प्रदान करना समय की जरूरत है व दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए काम कर रही है।

इस मौके पर तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह जी, दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा, तख्त पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित्त महासचिव स. हरमीत सिंह कालका, वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह भोगल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणजीत कौर व अन्य पदाधिकारियों के अलावा किसान नेता राकेश टिकैत, राजिंद्र सिंह चठ्ठा व अन्य गणमान्य शख्सीयतों के अलावा बड़ी गिनती में संगत मौजूद रही।