उत्तर विधानसभा चुनाव का आज चौथा चरण चल रहा है। मध्य उत्तर प्रदेश की सीटों ले लिए हो रहे चौथे चरण के इस चुनाव में साफ दिख रहा है कि सत्ता की बाजी अब लगभग पलट चुकी है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर कहा की आतंकवाद से मुकाबला केवल भाजपा ही कर सकती है।
लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हवा ने कहीं न कहीं मध्य उत्तर प्रदेश का रुख बदला है। लिहाजा भाजपा को अब नाव डूबती दिख रही है। किसान हो युवा हो। …. भाजपा से नाराजगी साफ है। उनमे भाजपा प्रत्याशियों को लेकर भी नाराजगी है।
अब इसमें कोई शक नहीं है कि आम आदमी की नाराजगी भाजपा को ले डूबेगी ! प्रत्याशियों का चयन भी एक बड़ा कारण दिख रहा है। आम आदमी की नाराजगी का नुकसान भाजपा को होगा तो वहीँ समाजवादी पार्ट्री को बड़ा फायदा होगा।
ऐसा नहीं है कि आम आदमी समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली या कार्यसंस्कृति से बहुत खुश है जो उसकी ओर बढ़ रहा है बल्कि आम आदमी को भाजपा का कहीं कोई विकल्प नहीं दिख रहा है जिसका फायदा समाजवादी पार्टी को मिल रहा है।
आम आदमी के जहाँ में सिर्फ एक बात है कि भाजपा को हराना है। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा को आम आदमी की नाराजगी ले डूबेगी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा 170 से 175 तक बहुत मुश्किल से पहुँच पायेगी तो वहीं समाजवादी पार्टी 200 का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगी। कांग्रेस भी मेहनत के बल पर कुछ सीटें हासिल कर सकती है।