सावधान ! न करें स्वास्थ्य से खिलवाड़, फिट रहें हिट रहें

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युवावस्था में स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों की रक्षा के संदर्भ में क्या क्या घरेलू उपाय करें क्या क्या सावधानी रखें। इसमें भारत सरकार आयुष मंत्रालय नई दिल्ली के बोर्ड मेंबर और देश के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रविंद्र पोरवाल ने बहुत ही ज्ञानवर्धक स्वास्थ्य वर्धक जानकारी दी है।

सजग होने की आवश्यकता को गहराई से समझें : युवावस्था में फास्ट फूड, जंक फूड, चाट मसालेदार, तले खाद्य पदार्थों का सेवन अक्सर करते रहते हैं। जिसका शरीर के आंतरिक अंगों हृदय, फेफड़ों, लिवर, पेनक्रियाज, किडनी आदि के साथ-साथ आपकी खूबसूरती और सुंदरता पर भी बहुत बुरा प्रभाव होता है। कोमल मन मस्तिष्क पर भी खराब प्रभाव पड़ता है और जब शरीर के आंतरिक अंग कमजोर होने लगते हैं तो हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों पर अनेकों बीमारियों के काले बादल मंडराने लगते हैं।

दिमाग की घंटी बजाएं : अगर आप शिक्षित हैं.. ज्ञानवान है और अच्छा बुरा का भेद समझते हैं तो कम से कम अपने शरीर की रक्षा अपने स्वास्थ्य की रक्षा अपने सौंदर्य की रक्षा के लिए तो अपने ज्ञान और बुद्धि कौशल का प्रयोग करें। किसी के कहने में आकर, मित्रों के दबाव में आकर अथवा अपनी जीभ की स्वाद लोलुपता के कारण अपनी सेहत को चौपट करने के लिए रासायनिक तत्वों और घातक रंगों से भरपूर एवं पेस्टिसाइड मिले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कदापि ना करें। आहार हमेशा ऐसा होना चाहिए जो स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें, जो हमारे शरीर के अंदर पनप रही बीमारियों को समाप्त करके हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें, हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाएं।

स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें : स्वास्थ्य की रक्षा के लिए फाइबर वाला पौष्टिक भोजन, दिनचर्या में परिवर्तन और योगिक क्रियाओं जिम व्यायाम आदि का अभ्यास वर्तमान समय में युवाओं का दूसरों को दिखाने के लिए दिखावा प्रदर्शन और अपनी वाहवाही दर्शाने काशौक बन गया है। सुबह पूरा मेकअप करके टाइट सिंथेटिक ड्रेस को पहन कर रहीसाना अंदाज में मॉर्निंग वॉक करना स्टेटस सिंबल माना जाने लगा है। इसमें स्वास्थ का उद्देश्य लगभग समाप्त ही हो जाता है। अपनी अमीरी को दिखाना अपने आपको दूसरों से श्रेष्ठ दूसरों से एडवांस साबित करने की होड़ में हम निरोगी ताकि आरोग्यता के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ पाते हैं और हमारा जो उद्देश्य होता है जो लक्ष्य है कि हम बीमारियों से बचे रहें.. जल्दी बूढ़े ना हो.. स्वस्थ रहें.. यह सब लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता।

निरोगी जीवन दीर्घ जीवन के लिए शर्म संकोच को त्याग दें : अपने घर में सामान्य कामकाज करना झाड़ू लगाना सब्जी काटना और घर के छोटे-छोटे काम करने से संपूर्ण शरीर के साथ-साथ मन और मस्तिष्क का भी व्यायाम प्राकृतिक रूप से स्वता ही हो जाता है। अगर हम संकोच और शर्म को त्याग कर घर और ऑफिस में यथा आवश्यकता अपने कार्य स्वयं करने लगे तो हमें व्यायाम के लिए अलग से वक्त निकालने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी।

घंटों योग करना उचित नहीं : सामान्य रूप से ग्रहस्थ व्यक्ति को 15 मिनट से 30 मिनट तक का योगाभ्यास शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। शरीर की आंतरिक अंगों में पनप रही बीमारियों का खत्मा करता है। प्राकृतिक रूप में आपकी सौंदर्य की रक्षा और अच्छी याददाश्त तनाव मुक्त दिनचर्या गहरी और शांत नींद की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। योगिक क्रियाओं के अभ्यास से शरीर की रक्षा प्रणाली इम्युनिटी मजबूत होती है और हम जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं। इसलिए हमें दिखावे के स्थान पर योग क्रियाओं का 15:20 मिनट तक अभ्यास और अपने घर के कामकाज को प्राथमिकता देनी चाहिए। यही निरोगी जीवन और अच्छे स्वास्थ्य का सबसे सहज और सरल रास्ता है।

जरूरी है भोजन में भी सुधार : तला मसालेदार भोजन, फास्ट फूड, जंक फूड, तला हुआ प्याज लहसुन टमाटर से फ्राई दालें और सब्जियां पचने में बहुत गरिष्ठ होती हैं और इनकी पौष्टिकता भी बहुत निम्न स्तर की होती है ।फलस्वरूप इस प्रकार का आहार हमारी रक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं और अच्छी सेहत को खराब कर देते हैं। इसलिए जीभ को स्वादिष्ट लगने वाले आहार के स्थान पर शरीर के आंतरिक अंगों को सशक्त बनाने और पौष्टिक तत्वों की भरपूर मात्रा में पूर्ति करने वाले आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए। ताजे फल, हरी सब्जियां, दाल भरपूर मात्रा में सेवन करें। दही, मट्ठा का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए हितकारी है। ताजा घर में बना हुआ टमाटर या गाजर या पालक का सूप किसी भी पोस्टिक औषधि की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है। भरपूर मात्रा में सलाद का सेवन आपको चिकित्सकों से बीमारियों से बचाता है।

छोटी-छोटी बातों को भी समझे : दिन में खूब पानी पीएं, पानी ताजा और स्वच्छ हो। महीनों पुराना बोतलों में बंद पानी किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं है। इसलिए हमेशा स्वच्छ और ताजे जल का ही सेवन करें। इन उपायों पर अमल करने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ाती है। समय पर सो कर उठना, समय पर रात्रि सोना स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होता है। तंग और सिंथेटिक कपड़े मोजे पहनकर रात्रि में सो जाना शरीर के लिए बहुत कष्ट दाई होता है। सोते समय विस्तार साफ सुथरा हो चादर गंदी ना हो और कमरे की वायु साफ-सुथरी हो। मच्छर भगाने की इलेक्ट्रिक डिवाइस का भी रात में सोते समय प्रयोग हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। आप ढीले और सूती वस्त्र पहनकर सोंए। जिससे गहरी और शांति नींद मिल जाती है। खराब सपने आना बंद हो जाते हैं। खाना खाने के तुरंत बाद भी सोना किसी भी रुप में अच्छा नहीं है। बहुत से लोग खाना खाने के तुरंत बाद दूध पी लेते हैं, यह भी उचित नहीं है। भोजन और दूध के बीच में कम से कम 45 मिनट का फर्क जरूर होना चाहिए।

काम टाले नहीं अग्रिम रूप से करें : अपने काम को वक्त पर करना हर बुद्धिमान व्यक्ति का कर्तव्य है। अगर आप हजारों बुद्धिमान लोगों के बीच बेहतर परफारमेंस देना चाहते हैं। दूसरों से जीवन की दौड़ में आगे बढ़ना चाहते हैं। आपका लक्ष्य बड़ा है। तो ध्यान रखिएगा कि आपको अपने कार्य और जिम्मेदारियों को समय से पहले पूरा करना होगा। हम समय पर अगर अपने कार्य को कर लेते हैं तो हम जिंदगी की इस चकाचौंध व कठिन संघर्ष की राह में सदैव दूसरों से आगे रहेंगे और कभी मानसिक तनाव डिप्रेशन याददाश्त में कमी जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। योगिक क्रियाओं में ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास भी आपको सजग और तनावमुक्त करने में बहुत बहुत मददगार होता है।