कहीं आप भी इन बीमारियों के शिकार तो नहीं

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एंजायटी और डिप्रेशन दो ऐसी बड़ी समस्याएं हैं जो युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रही हैं। इन मानसिक समस्याओं से स्थाई रूप से निजात पाने के लिए डॉक्टर रजनी पोरवाल मुख्य चिकित्सक श्रीनाथ आयुर्वेद संस्थान भगवत दास घाट रोड सिविल लाइंस कानपुर ने बहुत ही उपयोगी घरेलू उपाय सुझाए हैं।

सच्चे मित्र को पहचाने : कुछ रिश्तेदार और मित्र हमदर्दी तो बहुत जताते हैं लेकिन वास्तविक रुप से वह सच्चे शुभचिंतक नहीं होते हैं। वह नकारात्मक बातें डर है पैदा करने वाली घटनाओं का बार-बार जिक्र कर घबराहट उत्पन्न करके रात की नींद उड़ा देते हैं। मित्रों में कुछ मित्र तो जानबूझकर ऐसा कार्य करते हैं लेकिन कुछ मित्र नासमझ होते है पढ़े लिखे होने पर भी अनुभवहीनता के कारण उन्हें अपने द्वारा कही हुई दिल दिमाग को छू जाने वाली नकारात्मक बातों की गंभीरता का एहसास नहीं होता। फलस्वरूप मानसिक समस्याओं से पीड़ित रोगी उनकी बातें सुनकर उलझ जाता है और उसका मानसिक कष्ट बढ़ जाता है।

केवल दवाइयों के सहारे पूर्ण आरोग्यता नहीं : परिवार के सदस्य अच्छे से अच्छे इलाज करा कर दोगे को पूर्ण आरोग्यता कल्पना मन में सजा लेते हैं। उपचार कराना अच्छा है लेकिन केवल दवाइयों का सेवन करने से ही रोगी को पूरी तरह स्वस्थ कर पाना कठिन होता है। पीड़ित के परिवारजनों का सहानुभूतिपूर्ण व कोमल साकारात्मक सोच वाला व्यवहार मरीज को स्वस्थ होने में अत्यंत मददगार होता है। साथ ही साथ तनाव एंजायटी पैदा करने वाले हारमोंस पर रोक लगा कर हैप्पी हार्मोन्स का भरपूर मात्रा में सृवण होने लगता है जो रोगी को आनंदित प्रसन्न और सकारात्मक सोच बनाए रखने में बहुत मददगार होता है।

आहार पर ध्यान दें : एंजायटी और डिप्रेशन के रोगी को जंक फूड फास्ट फूड से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। मांसाहार यदि छोड़ दे या कम कर दें तो सेहत के लिए ज्यादा अच्छा होता है। पीड़ित को भरपूर मात्रा में फलाहार और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ताजे फलों का रस और टमाटर का सूप और पालक का सूप बहुत लाभकारी होता है। प्रातः अंकुरित गेहूं 20 ग्राम और पानी में भीगा हुआ एक अखरोट चबा चबा कर खाएं। ऊपर से एक गिलास सेब का रस पीने से मानसिक शक्ति बढ़ती है। खरबूज और तरबूज के बीजों को भून कर पीस लें। दो चम्मच पाउडर प्रातः एवं सायकाल गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से एंजायटी पर पूरी तरह लगाम लगाना संभव हो जाता है।

योग भी जरूरी है : दुखदाई एंजाइटी और डिप्रेशन को दूर करने के लिए योगिक आसनों में पक्षी आसन, विमानानासन, अश्वचालनासन, नौकासन, तिर्यक भुजंगासन, सर्वांगासन, चरण आसन जैसे महत्वपूर्ण आसन दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और सकारात्मक सोच युक्त मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ निरोगी जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भ्रामरी प्राणायाम और उज्जाई प्राणायाम मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके अतिरिक्त अलोम विलोम और कपालभाति का अभ्यास भी अनिद्रा, क्रोध ,डर लगना, अकारण मृत्यु या अनिष्ट की आशंका का भय उत्पन्न होना जैसी मन मस्तिष्क की तकलीफों को समूल नष्ट करने में बहुत ज्यादा हितकारी लाभकारी है। रामचंद्र मिशन द्वारा बताया गया हार्टफूलनेस मेडिटेशन एंजाइटी और डिप्रेशन का समूल खात्मा करने का चमत्कारी उपाय है।

पूर्ण कारगर है आयुर्वेदिक इलाज : एंजायटी डिप्रैशन जैसे मानसिक रोगों से छुटकारा दिलाने में आयुर्वेदिक उपचार अत्यंत कारगर है और कुछ महीनों के नियमित उपचार के बाद रोगी पूर्ण निरोगी हो जाता है और उसे भविष्य में पुनः बीमारी के लौटने की आशंका नहीं रहती। बस एक बात ध्यान रखना चाहिए की आयुर्वेदिक वैद्य सच्चा और अच्छा ज्ञानी व लोभ लालच रहित नाड़ी वैद्य होना चाहिेए। सियार की तरह ढोंगी कपटी अज्ञानी और दिखावा करने वाले वाचाल लालची धोखेबाज धूर्त स्वांग बनाकर वैद्यों के नाम पर कलंक समान है और केवल धन शोषण करते हैं इनसे सावधान रहें।