मोक्षदायिनी गंगा RIVER भागीरथी औषधीय गुणों की खान, दुनिया हैरान

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गंगा जल का महत्व……… अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब गंगाजल पिलाना चाहिए। गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है ; तो डॉक्टर साहिब बोले- नहीं ! कई रोगों का इलाज भी है। दिन में तीन बार दो-दो चम्मच गंगाजल पिया और तीन दिन में खांसी ठीक हो गई। यह अनुभव है, हम इसे गंगाजल का चमत्कार नहीं मानते, उसके औषधीय गुणों का प्रमाण मानते हैं। कई

इतिहासकार बताते हैं कि सम्राट अकबर स्वयं तो गंगा जल का सेवन करता ही था, मेहमानों को भी गंगा जल पिलाता था। इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे, क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था। करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया। दिलचस्प ये है कि इस समय वैज्ञानिक भी पाते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की गजब की क्षमता है।

लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई-कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है। डॉ नौटियाल का इस विषय में कहना है कि गंगा जल में यह शक्ति गंगोत्री और हिमालय से आती है। गंगा जब हिमालय से आती है तो कई तरह की मिट्टी, कई तरह के खनिज, कई तरह की जड़ी बूटियों से मिलती… धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा जी के दर्शन मात्र से जीवों को कष्टों से मुक्ति मिलती है. वहीं गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवार्चन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती, जो गंगाजल के सेवन से प्राप्त होती है. गंगा नदी को सनातन धर्म में माँ की संज्ञा दी गयी है. 

हिंदू धर्म में गंगा को पवित्र और पूजनीय नदी माना गया है। देवी गंगा पाप काटने वाली और कष्टों का उद्धार करने वाली मानी गई हैं। तो आइए गंगाजल के चमत्कारिक उपाय जानें।गंगाजल सचमुच चमत्कारी, वैज्ञानिक जानते हैं रहस्य… ये बात हम हमेशा से सुनते आए हैं. अक्सर लोग गंगा के पानी की ख़ूबियां बताते मिल जाते हैं. ये पानी कभी ख़राब नहीं होता. इसमें कीड़े नहीं पड़ते. इसमें से बदबू नहीं आती. गंगा की धारा पर हम ने तमाम ज़ुल्म किए. इसमें नाले बहाए, लाशें फेंकीं, कचरा डाला, मगर गंगा के पानी की तासीर जस की तस रही.