दो सदियों से भी अधिक पुराना है भारत-इंडोनेशिया का रिश्ता

0
988

लखनऊ। इंडोनेशिया और भारत की विरासत का निकटतम सहयोगी रहा है। समय के साथ संभव है कि दोनों देशों की उपासना पद्धतियों में कुछ अंतर आ गया हो, पर हमारी मूलभावना एक है। दोनों देशों का रिश्ता दो सदियों से भी पुराना है। प्राचीन काल से दोनों देशों में बेहद घनिष्ट सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक संबंध रहे हैं। बाली, जकार्ता और सुमात्रा का जिक्र तो महर्षि बाल्मीकि रचित रामायण और बौद्ध ग्रन्थों में भी मिलता है। प्रभु श्री राम और बुद्ध से संबंधित इन क्षेत्रों से जुड़कर हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करेगा।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडोनेशिया की राजदूत इना एच कृष्णमूर्ति से मुलाकात के दौरान कही। लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के साझी विरासत पर चर्चा करते हुए कहा कि हम हर साल दीपावली के एक दिन पहले श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन करते हैं। इस आयोजन में हर साल रामलीला का मंचन करने वाले इंडोनेशिया के कलाकारों को भी आमंत्रित करते हैं। इन कलाकारों की प्रस्तुतियां बेहद मनमोहक होती हैं। दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई देने में हमारी साझा संस्कृति महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस बाबत मेरी इच्छा है कि इस साल के दीपोत्सव में इंडोनेशिया के मंत्री की अगुवाई में वहां से एक सांस्कृतिक दल आये।

उत्तर प्रदेश के विकास में साझीदार बने इंडोनेशिया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। हम भारत में खाद्यान्न, विभिन्न तरह की सब्जियों एवं फलों के उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं। शुगर और एथेनाल का सर्वाधिक उत्पादन यहीं होता है। उत्तर प्रदेश में हम मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रोत्सहित कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में हमने युवाओं के लिए शानदार अवसर दिया है। इसके साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश 05 एक्सप्रेस वे और 09 एयरपोर्ट वाला राज्य है। बहुत जल्द 05 और एयरपोर्ट शुरू होने जा रहे हैं। इसके अलावा अतिशीघ्र उत्तर प्रदेश 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य भी बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हो चुका है। यहां से दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के लिए हवाई उड़ान शुरू करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जनवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन की तैयारी कर रहे हैं। इंडोनेशिया के उद्यमियों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिहाज से यह महत्वपूर्ण अवसर है। मुझे उम्मीद है कि इंडोनेशिया की ओर से सकारात्मक सहयोग प्राप्त होगा। यह सहयोग जी2जी और पी2पी दोनों ही मोड में हो सकता है।

बढ़ा निर्यात बेरोजगारी भी घटी : मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) के माध्यम से बेरोजगारी दर को कम करने और एक्सपपोर्ट को बढ़ाने में बड़ी मदद मिली है। यह सब तब हुआ जब पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा था। मुझे यह जानकर सुखद अनुभव हुआ कि इंडोनेशिया भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एक गांव एक उत्पाद की योजना संचालित कर रहा है।

वन विलेज वन प्रोडक्ट : राजदूत कृष्णमूर्ति ने कहा कि मेरे नाम में ही कृष्णामूर्ति जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस प्रदेश से गहरा लगाव होना स्वाभाविक ही है। हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश और इंडोनेशिया के बीच एक सीधी हवाई सेवा उपलब्ध हो, तो हमें खुशी होगी। यह हवाई सेवा दोनों देशों के सम्बंधों को और बेहतर बनाने में सुगमता प्रदान करने वाली होगी। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उत्तर प्रदेश के बेहतरीन इनिशिएटिव ओडीओपी से प्रेरणा लेकर इंडोनेशिया के बाली में हमने ‘वन विलेज वन प्रोडक्ट’ के कार्यक्रम शुरु किया है।” इस प्रयास से ग्रास रूट लेबल पर इकोनॉमी में बूस्ट आया है। महिलाओं के लिए खासतौर पर शुरु की गई “मिशन शक्ति” के शानदार नतीजों का मैंने अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में जिस तरह तरक्की कर रहा है, वह शानदार है।

यूपी की उर्वर भूमि समृद्धि का मूलाधार : उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया की खाद्यान्न जरूरतों की पूरा करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत का सबसे अधिक खाद्यान्न उत्पादक राज्य होने की दृष्टि से उत्तर प्रदेश से हमें अधिक अपेक्षाएं हैं। जिस पर मुख्यमंत्री उन्हें हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ आबादी वाला उत्तर प्रदेश भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रदेश है। यह भारत का हृदय स्थल है। यह भारत की आध्यत्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का स्रोत है। यहां की उर्वर भूमि इस प्रदेश की समृद्धि का मूलाधार है। भगवान राम की जन्मभूमि, श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और लीलाभूमि, महात्मा बुद्ध की जन्मभूमि और महापरिनिर्वाण स्थल इसी उत्तर प्रदेश में है। मैं जब भी कभी दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों में गया हूँ, मुझे वहां देवासुर संग्राम की प्रतिकृतियां देखने को मिली हैं। इस देवासुर संग्राम से सम्बंधित कुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम के सांस्कृतिक आयोजन है, इसी प्रदेश की पुण्य धरा पर होता है।